भारत में एसिड की बिक्री को कैसे नियंत्रित किया जाता है?

आखिरी अपडेट Oct 24, 2022

भारत में एसिड की बिक्री, नियामक तंत्र के दो स्तरों द्वारा नियंत्रित होती है:

संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियमों से 

छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश सहित एसिड की बिक्री के लिए विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने नियम बनाए हैं। ये नियम मोटे तौर पर समान हैं, और एसिड बेचने वाले दुकानदारों के लिए विभिन्न आवश्यकताओं को निर्धारित करते हैं:

1. दुकानदार केवल एसिड बेच सकते हैं, या बिक्री के लिए तभी रख सकते हैं, जब उनके पास संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस हो। इसका मतलब यह प्राधिकारी जिला मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा नियुक्त कोई अन्य अधिकारी हो सकता है।

2. यदि किसी दुकानदार का लाइसेंस अमान्य हो जाता है, तो उन्हें 3 महीने के भीतर दूसरे लाइसेंस धारक को एसिड बेचना होगा। इस अवधि के बाद, लाइसेंसिंग प्राधिकारी को इसे हटाना और नष्ट करना होता है।

3. दुकानदारों को अपने व्यवसाय के स्थान पर उस राज्य के एसिड नियमों की बिक्री की एक कॉपी प्रदर्शित करनी होगी।

4. दुकानदारों को केवल उन्हीं परिसरों से एसिड बेचना चाहिए, जो लाइसेंस में निर्दिष्ट किए गए हैं। उदाहरण के लिए, दुकानदार अपने केवल एक ही दुकान में एसिड की बिक्री कर सकता है, न कि अन्य किसी दुकान में जिसका लाइसेंस में उल्लेख नहीं है।

5. दुकानदारों को केवल उन्ही लोगों को एसिड बेचना चाहिए जिन्हें वह व्यक्तिगत रूप से जानता है, या जो अपने पते के साथ एक फोटो पहचान-पत्र दिखाते हैं और आधार कार्ड जैसे कानूनी रूप से वैध पते के प्रमाण के साथ इसकी पुष्टि करते हैं।

6. दुकानदारों को एसिड खरीदने वाले का नाम, फोन नंबर, पता और एसिड खरीदने का मकसद पता करने के बाद ही एसिड बेचना चाहिए. उन्हें एसिड बिक्री लेनदेन के निर्धारित विवरण के साथ एक रजिस्टर रखना होगा, जिसमें एसिड का नाम, बेची गई मात्रा आदि शामिल हैं।

7. दुकानदारों को 18 साल से कम उम्र के लोगों को एसिड नहीं बेचना चाहिए।

8. दुकानदारों को एसिड को एक बॉक्स/कमरे आदि में सुरक्षित रूप से स्टोर करना चाहिए, जिस पर ‘जहर’ लिखा हो, और यह सुनिश्चित करें कि वहां केवल एसिड ही रखा जाए। उन्हें सुरक्षित रूप से पैकिंग और लेबल लगाने के बाद ही एसिड बेचना चाहिए।

यदि कोई दुकानदार पहली बार इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो 3 महीने तक की जेल की सजा दी जा सकती है, या 500 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों लगाएं जा सकते हैं। अपराध को दोहराने पर 6 महीने तक की अवधि की जेल है, या 1000 रुपये का जुर्माना, या दोनों लगाए जा सकते हैं। इसलिए, उनके खिलाफ एसिड की अवैध बिक्री के लिए आपराधिक शिकायत या एफआईआर दर्ज की जा सकती है। ऐसा एसिड, जो अवैध रूप से जमा किया गया है, उसे भी दुकानदार के पास से जब्त कर लिया जाएगा।

भारत सरकार ने संबंधित नियम बनाते समय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मॉडल नियम(जहर रखने और बिक्री नियम, 2013) भी बनाए हैं, ताकि उसे संदर्भित किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को अपने नियमों को इन मॉडल नियमों के जैसे ही सख्त बनाने के लिए अनिवार्य किया है। इसके अलावा, कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से बार-बार आग्रह किया है कि वे एसिड और अन्य नाशक पदार्थों की बिक्री को विनियमित करने के लिए नियम बनाएं, और उसका उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।

सुप्रीम कोर्ट के नियम 

सुप्रीम कोर्ट ने एसिड की बिक्री के बारे में दिशा-निर्देश दिए हैं ताकि जिन राज्यों में एसिड की बिक्री के लिए राज्य के नियम नहीं थे वहां उनका पालन हो सके। इन दिशानिर्देशों के तहत, दुकानदारों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना होगा:

• यदि वे खरीदार के विवरण, उनके पते और बेची गई मात्रा के साथ एक रजिस्टर बनाए रखते हैं वे तभी एसिड की ओवर-द-काउंटर बिक्री कर सकते हैं।

• उन्हें एसिड तभी बेचना चाहिए जब खरीदार व्यक्ति अपने पते के साथ सरकार द्वारा जारी फोटो आईडी दिखाता है, और एसिड खरीदने का कारण बताता है।

• उन्हें जिले के सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को 15 दिनों के भीतर अपने एसिड के स्टॉक की घोषणा करनी होगी।

• उन्हें नाबालिगों को एसिड नहीं बेचना चाहिए।

इन न्यायालय दिशानिर्देशों के तहत, कोई व्यक्ति जिले के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को भी शिकायत कर सकता है क्योंकि दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की उनकी जिम्मेदारी है और वे ऊपर दिए गए नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगा सकते हैं।

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