वोट करने के लिए इन बातों का पालन करेंः
मतदान केंद्र पर जाने से पहले यह देख लें कि आपका नाम आपके निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में है या नहीं। आप यहां से सूची की जांच करके अपना नाम देख सकते हैं।
भारत में रहने वाले मतदाता: मतदान केंद्र पर अपना मतदाता पहचान पत्र यानी आईडी कार्ड अपने साथ ले जाएं। अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है, तो आप दूसरे पहचान पत्र भी ले जा सकते हैं। लेकिन केवल वे ही पहचान पत्र जिनमें आपके निर्वाचन क्षेत्र (जिस जगह पर आप वोट दे रहे हैं ) का पता एक सामन हो।
भारत से बाहर रहने वाले (एनआरआई) मतदाता: मतदान केंद्र पर अपना पासपोर्ट अपने साथ ले जाएं। आपको वोट देने की बारी आने तक लाइन में इंतजार करना होगा। महिलाओं, पुरुषों और दिव्यांग लोगों को अलग-अलग लाइन से मतदान केंद्र में जाने की अनुमति होती है। साथ ही एक समय पर केवल एक मतदाता ही अन्दर जा सकता है। आपको एक नोटिस दिखाई देगा जो मतदान केंद्र भवन या हॉल पर चिपका या लगा होगा, जिसमें नीचे दी गई जानकारी लिखी होगीः
- मतदान क्षेत्र, और अलग-अलग मतदान केंद्र और उनके पते (अगर एक से ज्यादा हैं, तो)।
- हर एक मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की लिस्ट।
- चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट।
पोलिंग बूथ के अंदर: जैसे ही आप मतदान केंद्र के अन्दर आएंगे, तो सबसे पहले मतदान अधिकारी यह देखेगा कि क्या आपके पास वैध आईडी है और आपका नाम मतदाता सूची में हैं। एक बार जब यह चेक हो जाएगा, तो दूसरा मतदान अधिकारी आपकी उलटे हाथ की उंगली (बायीं तर्जनी) पर स्याही का निशान लगा देगा। ऐसा मतदान अधिकारी इसलिए करते हैं, कि आपने मतदान कर लिया है और किसी व्यक्ति को कई बार मतदान करने की अनुमति नहीं है। उंगली पर स्याही का निशान एक निशानी है, कि आपने अपना वोट दे दिया। अगर आपकी बायीं तर्जनी नहीं है तो क्या करना होगा, ये समझने के लिए ये वीडियो देखें। अगर आपकी उंगली पर पहले से ही स्याही का निशान है या आप स्याही का निशान लगाने से मना करते हैं, तो आपको वोट भी नहीं देने दिया जाएगा।
अधिकारी के काम:
- फॉर्म 17ए में आपके वोटर आईडी नंबर का रिकॉर्ड बनाएंगे।
- आपको मतदाताओं के रजिस्टर नामक किताब में अंगूठे का निशान या हस्ताक्षर करने के लिए कहेंगे।
- मतदाता सूची की एक प्रति पर आपका नाम लिखकर देंगे, जिसके बाद आप मतदान कर सकते हैं।
इसके बाद आपको वोटिंग कंपार्टमेंट की ओर जाना होगा। एक मतदाता के रूप में आप अपना मतदान ईवीएम मशीन (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ) का इस्तेमाल करके करेंगे। यह एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो वोटों को रिकॉर्ड करने में मदद करती है।
वोटिंग कम्पार्टमेंट में जाना एक ईवीएम मशीन में दो इकाइयाँ होती हैं – एक कंट्रोल यूनिट और दूसरी बैलेटिंग यूनिट (जो पाँच.मीटर केबल से जुड़ी होती है)। कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखा जाता है और बैलेटिंग यूनिट को वोटिंग डिब्बे के अंदर रखा जाता है, जहां आप मतदान करते हैं। पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी आपके लिए इसमें मतपत्र देता है, ताकि आप उसमें अपना वोट डाल सकें।
उम्मीदवारों के नाम और उनके चुनाव चिन्ह की एक सूची उसके बगल में एक नीले बटन के साथ होती है। आपको जिस उम्मीदवार को वोट देना है उसके नाम के आगे वाला बटन दबाना है। अगर आप किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहते हैं, तो आपके पास ईवीएम मशीन में नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं ) का विकल्प चुनने का भी अधिकार है।
मतदान करने के ठीक बाद आपको ईवीएम मशीन के बगल में लगी वीवीपैट मशीन पर एक हरी बत्ती दिखाई देगीए जो यह बताएगी कि आपने मतदान कर दिया है। आपको एक लिखी हुई पर्ची भी दिखाई देगी जिसमें उम्मीदवार का क्रमांक, नाम और प्रतीक लिखा होगा। आप इसे 7 सेकंड के लिए एक पारदर्शी विंडो से देख सकते हैं। यह छापी हुई पर्ची खुद ही कटकर वीवीपैट के सीलबंद ड्रॉप बॉक्स में गिर जाएगी।
आप एक से ज्यादा बार मतदान नहीं कर सकते हैं। अगर आपसे कोई गलती हो भी जाए तो आप उसे सुधार नहीं सकते। भले ही आपका नाम मतदाता सूची में दो बार आता हो या आपका नाम दो अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में हो, आप केवल एक बार ही मतदान कर सकते हैं। अगर आप दो बार वोट देते हैं तो आपके दोनों वोट नहीं गिने जाएंगे। ईवीएम मशीन में ये सब ख़त्म होने के बाद आपको कुछ नहीं करना है। एक बार जब आप मतदान केंद्र से बाहर निकल जाते हैं, तो आपने अपनी मतदान करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।