सभी उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरणों के विवरण और कामकाज नीचे दिये गये हैं-
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का उद्देश्य सामूहिक रूप से उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देना, उनकी रक्षा करना और उन्हें क्रियान्वित करना है। सीसीपीए को यह अधिकार है-
• उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की जांच करना और प्राप्त शिकायतों पर मुकदमा चलाना।
• जोखिमपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं को निरस्त करने का आदेश
• अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों को बंद करने का आदेश
• भ्रामक विज्ञापनों के निर्माताओं, समर्थनकर्ताओं और प्रकाशकों पर दंड लगाना।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है, लेकिन पूरे देश में क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने का भी प्रावधान है। शिकायत मिलने पर या स्वयं ही यह उल्लिखित मुद्दों की जांच शुरू कर सकता है।
उपभोक्ता संरक्षण परिषदें
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद के काम सलाहकारी प्रकृति के हैं, जो उपभोक्ता अधिकारों के प्रचार और संरक्षण के बारे में सुझाव देते हैं। इसी तरह, राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद और जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद नामक राज्य-स्तरीय इकाइयों का भी गठन किया जाता है, जो समान सलाहकार कार्य करती हैं।
जागरूकता फैलाने जैसी समान भूमिकाएँ निभाने वाले कुछ अन्य निकाय भी हैं, इनमें शामिल हैं-उपभोक्ता शिक्षा व अनुसंधान केंद्र (गुजरात), भारतीय मानक ब्यूरो, तमिलनाडु में उपभोक्ता संगठन महासंघ, मुंबई ग्राहक पंचायत, आदि।