ट्रिगर चेतावनी: इस लेख में शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा के बारे में जानकारी है जो कुछ पाठकों को विचलित कर सकती है।
यदि कोई महिला नौकरी या स्थिति के कारण किसी पुरुष के अंतर्गत कार्य करती है और वह पुरुष अपने पद का दुरूपयोग उसके साथ यौन संबंध बनाने के लिए करता है, तो यह एक अपराध है। यदि कोई व्यक्ति अपने प्रत्यय न्यासी सम्बन्ध का दुरुपयोग कर किसी भी महिला को यौन संबंध बनाने के लिए मनाने या बहकाने का प्रयास करता है, तो कानून उस व्यक्ति के लिए दंड का प्रावधान करता है। वह महिला उसके क्षेत्र, प्रभार या परिसर में मौजूद हो सकती है। इस तरह का सम्भोग को भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के तहत एक अलग अपराध के रूप में रखा गया है। इसे बलात्कार के रूप में उल्लेख नहीं किया गया है।
वह व्यक्ति जो महिला को संभोग के लिए राजी करता है वह निम्नलिखित में से कोई भी हो सकता है:
a) आधिकारिक पद या विश्वसनीय सम्बन्ध; या
b) एक जनसेवक; या
c) जेल, रिमांड होम, हिरासत के अन्य स्थान या किसी महिला या बच्चों के संस्थान का अधीक्षक या प्रबंधक; या
d) अस्पताल के प्रबंधन या कर्मचारी।
इन मामलों में, अधिकारिक व्यक्ति को जुर्माने के साथ 5 से 10 साल की कैद की सजा हो सकती है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई पुरुष जेल अधीक्षक किसी महिला कैदी को उसकी रिहाई दिलवाने के बदले में यौन संबंध बनाने के लिए कहता है, और इस तरह उसे यौन संबंध बनाने के लिए मना लेता है, तो वह अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर रहा है। इस मामले में, उसने महिला के साथ जबरदस्ती नहीं किया और बलात्कार नहीं किया, बल्कि अपने स्थिति की शक्ति का उपयोग करके उसे यौन संबंध बनाने के लिए मना लिया।