नियोक्ता को महिलाओं को उस समय के लिए वेतन देना होता है, जिस समय वे अपनी गर्भावस्था के कारण काम पर नहीं आ पाती हैं। इसे ही मातृत्व लाभ कहते हैं।
- एक नियोक्ता को महिला की डिलीवरी के दिन से लेकर छह हफ्ते बाद तक के समय के लिए भुगतान करना होगा। इस अवधि में डिलीवरी का दिन भी शामिल है।
- हालांकि, आप मातृत्व लाभ को तभी ले सकती हैं, जब आपने नियोक्ता के लिए डिलीवरी से पहले पिछले 12 महीनों में कम से कम 80 दिनों के लिए काम किया हो।
भुगतान राशि/औसत मजदूरी (वेतन) की गणना करना
गर्भावस्था के दौरान, नियोक्ताओं को एक महिला को रोज के वेतन के रूप में मातृत्व लाभ का भुगतान करना होता है। औसत रोज के वेतन की गणना आपकी गर्भावस्था छुट्टी शुरू करने की तारीख से 3 महीने पहले के महिला के औसत वेतन पर होती है। मजदूरी (वेतन) की गणना करते समय इन बातों को ध्यान में रखना होता है।
गर्भावस्था की छुट्टी से पहले 3 महीने में एक महिला ने कितने दिनों तक काम किया है। इसकी गणना के लिए, नियोक्ता उन दिनों पर भी विचार करेगा, जब महिला को नौकरी से निकाल दिया गया था या वह सवैतनिक छुट्टी पर थी। अगर ऊपर बताई गई गणना नहीं हो पा रही है, तो मजदूरी की राशि 10 रुपये हर दिन मानी जाती है। गणना संभव होने पर भी दोनों में से ज्यादा पैसे महिला को दिए जाते हैं।
मेडिकल बोनस
अगर आपने अपनी डिलीवरी से पहले छुट्टी नहीं ली और आपका नियोक्ता मुफ्त प्रसवोत्तर देखभाल नहीं देता है, तो आप अपने नियोक्ता से 1000 रुपये का मेडिकल बोनस पाने की हकदार हैं ।