हिंदू धर्म से धर्म परिवर्तन

आखिरी अपडेट Sep 29, 2022

परिवर्तन 

आप तलाक के लिए केस फाइल कर सकते हैं यदि आपके पति या पत्नी ने दूसरे धर्म में धर्म परिवर्तन कर लिया हो और हिंदू नहीं रह गया हो।

मामला दर्ज करें 

यह ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि चूंकि आपका जीवनसाथी दूसरे धर्म में परिवर्तित हो गया है, इसलिए यह स्वतः ही आपके विवाह को समाप्त नहीं करता है। आपको अभी भी तलाक के लिए केस फाइल करना होगा ।

यहां तक ​​​​कि अगर आपके पति या पत्नी ने दूसरे धर्म में धर्मांतरण किया है, तो तलाक की कार्यवाही हिंदू कानून के तहत होगी, न कि आपके पति या पत्नी ने जिस धर्म को अपनाया है उस धर्म के अनुसार। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके जीवनसाथी से आपकी शादी हिंदू कानून के तहत हुई है।

तलाक के लिए फाइल करने से पहले शादी 

जब तक न्यायालय द्वारा तलाक को अंतिम रूप नहीं दिया जाता तब तक आपका विवाह आपके जीवनसाथी के साथ बना रहेगा। आपका जीवनसाथी इससे पहले शादी नहीं कर सकता है और ऐसा विवाह कानून में वैध विवाह नहीं होगा।

सज़ा

यदि आपका जीवनसाथी आपसे तलाक लिए बिना दोबारा शादी करता है तो आप उन पर द्विविवाह का आरोप लगा सकते हैं जिसमें 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

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उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करना

प्रत्येक बैंक को अपने पते पर शाखा बैंकिंग लोकपाल का विवरण प्रदर्शित करना आवश्यक है जिसके अधिकार क्षेत्र में शाखा आती है।

उपभोक्ता अधिकार क्या होते हैं?

अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे अपने हितों के मद्देनज़र आत्मविश्वास से अपने विकल्‍प चुन सकें।

उपभोक्ता कल्याण कोष

समग्र उद्देश्य उपभोक्ताओं के कल्याण को बढ़ावा देने और देश में उपभोक्ता आंदोलन को मज़बूत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।