चुनाव तारीख की घोषणा से लेकर चुनाव के पूरा होने तक, चुनाव प्रचार या चुनाव से जुड़ी यात्रा के लिए किसी भी तरह के सरकारी वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।
लेकिन, अगर किसी नेता को किसी उग्रवादी या किसी आतंकवादी संगठन से खतरा है। तो वह अपनी सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग से सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति मांग सकता है।
सरकारी वाहन
सरकारी वाहन में वे वाहन आते हैं, जो निम्नलिखित में किसी से भी संबंधित हैं :
- केंद्र/राज्य सरकार,
- केंद्र और राज्य सरकारों के सार्वजनिक उपक्रम/संयुक्त क्षेत्र (जॉइंट सेक्टर) के उपक्रम,
- स्थानीय निकाय, पंचायत, नगर निगम, सहकारी समिति, मार्केटिंग (विपणन) बोर्ड
- स्वायत्त जिला परिषदें जिनमें सार्वजनिक धन का निवेश किया जाता है
- रक्षा मंत्रालय और दूसरे मंत्रालय के वाहन, आदि।
सरकारी वाहन में हेलीकॉप्टर, विमान, कार, जीप, ऑटोमोबाइल (मोटर-गाड़ी), नाव, होवरक्राफ्ट, ट्रक, लॉरी, टेम्पो, साइकिल-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा, बस, आदि को रखा गया हैं।