कटौती एक व्यय है जिसे किसी व्यक्ति की सकल कुल आय से घटाया जाता है ताकि उस धनराशि को कम किया जा सके जिस पर कर लगाया जा रहा है। यह कटौती आय की राशि से कम, अधिक या उसके बराबर हो सकती है। यदि कटौती योग्य राशि आय की राशि से अधिक है तो परिणामी राशि को कर की गणना करते समय हानि/घाटा के रूप में लिया जाएगा। व्यक्तियों/व्यक्तिगत आय में होने वाली कुछ कटौतियाँ इस प्रकार हैं:
एल.आई.सी और अन्य पेंशन फंड में योगदान
व्यक्ति अपनी पेंशन प्राप्त करने के लिए भारत के एलआईसी या किसी अन्य बीमाकर्ता/बीमा कंपनी की वार्षिकी योजना के तहत भुगतान या जमा की गई राशि का 1,50,000 रुपये तक के सभी योगदान का दावा कर सकते हैं। इसमें कोई ब्याज या बोनस शामिल नहीं है जो राशि व्यक्तियों के खाते में है। यदि इसके लिए कटौती का दावा किया जाता है, और बाद में जब पेंशन व्यक्ति या उसके द्वारा नियुक्त (नामित व्यक्ति) द्वारा प्राप्त की जाती है, तो पेंशन पर कर लगेगा।
एक पेंशन योजना के तहत प्राप्त आय जो टैक्स योग्य है:
- जिसमें पेंशन प्राप्त करने के लिए किए गए योगदान और
- बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के तहत सभी अनुमोदित बीमाकर्ताओं के योगदान दोनों शामिल हैं। आप यहां अनुमोदित/स्वीकृत बीमाकर्ताओं की सूची पा सकते हैं।
इसमें इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ई.एल.एस.एस) में योगदान भी शामिल है, जो एक म्यूचुअल फंड इक्विटी योजना है जो कर लाभ के साथ लंबी अवधि के धन सृजन की ऑफर देती है। ई.एल.एस.एस में तीन साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि भी होती है। ई.एल.एस.एस में पूंजीनिवेश करने पर अधिकतम 1.5 लाख रू. प्रति वर्ष कटौती के लिए योग्य है। इसका मतलब है कि, आप अपने कर को कम करने के लिए अपनी कुल आय में से ई.एल.एस.एस में निवेश की गई राशि को घटा सकते हैं या उसमें से कटौती कर सकते हैं।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली(एन.पी.एस) में योगदान
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एक सेवानिवृत्ति लाभ योजना है जो 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार द्वारा नियोजित सभी व्यक्तियों/कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। स्व-नियोजित व्यक्तियों के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों के पास भी एन.पी.एस. का सदस्य होने का विकल्प है।
नियोक्ता के लिए कटौती: वेतन आय की तरह सभी नियोक्ता द्वारा एन.पी.एस में किया गया योगदान कर योग्य है। जिस वर्ष में नियोक्ता द्वारा एन.पी.एस में योगदान किया गया है, उसी वर्ष में वह राशि कर्मचारी द्वारा कटौती योग्य है। अधिकतम कटौती कर्मचारी की वेतन राशि का 10% है।
कर्मचारी के लिए कटौती: एक कर्मचारी द्वारा किया गया एन.पी.एस में योगदान उस वर्ष में कटौती योग्य होता है जिस वर्ष में योगदान किया जाता है। हालांकि, कटौती की राशि कर्मचारी के वेतन का 10% है। यदि योगदान किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो कर्मचारी नहीं है, तो कटौती की सीमा कुल सकल आय का 20% है।
एन.पी.एस खाते से पेंशन या अन्य भुगतान से प्राप्त करने वाले व्यक्ति के लिए वह राशि कर योग्य होगी। हालांकि, अगर एन.पी.एस द्वारा प्राप्त पेंशन की राशि का उपयोग पिछले वर्ष में एल.आई.सी (ऊपर वर्णित बिंदु) द्वारा एक वार्षिकी योजना खरीदने के लिए किया जाता है, तो यह राशि कर से मुक्त होगी।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए चिकित्सक उपचार सहित देख-भाल
कोई व्यक्ति और एक अविभाजित हिन्दू परिवार का कोई सदस्य नीचे दिए गए संबंधित व्यय के लिए कटौती का दावा कर सकता है:
• दिव्यांग व्यक्ति का चिकित्सक उपचार सहित नर्सिंग, ट्रेनिंग और स्वास्थ्यलाभ के लिए।
• स्वीकृत एल.आई.सी योजना या अन्य बीमा कंपनियों के तहत जमा की गई राशि के लिए।
दिव्यांग व्यक्ति या आश्रित रिश्तेदार जैसे पति या पत्नी, बच्चें, भाई-बहन, माता-पिता आदि सहित परिवार के सदस्य द्वारा सामना की जाने वाली विकलांगता के आधार पर कटौती का दावा किया जा सकता है।
• विकलांग व्यक्तियों के लिए कटौती, जो 40% या उससे अधिक अंधापन/दृष्टिहीनता, कम दृष्टि, श्रवण दोष, चलने-फिरने में अक्षमता, मानसिक मंदता, मानसिक बीमारियों और कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति हैं- वे 75000 रुपये की एक निश्चित कटौती प्राप्त कर सकते हैं।
• गंभीर रूप से विकलांग व्यक्तियों (80% और अधिक) के लिए 1,25,000 रू. की उच्च कटौती उपलब्ध है। ऐसी कटौतियों का दावा करने के लिए उस व्यक्ति के पास चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा प्राप्त प्रमाण-पत्र होना चाहिए। मूल्यांकन अधिकारी आपसे एक नया चिकित्सा प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए नए सिरे से पुनर्मूल्यांकन कराने के लिए भी कह सकता है।
चिकित्सा उपचार (मेडिकल ट्रीटमेंट)
एक निवासी व्यक्ति या एक निवासी अविभाजित हिन्दू परिवार के पास निम्नलिखित चीजें हैं, तो वे चिकित्सा उपचार के लिए कटौती का दावा कर सकता है :
- बोर्ड द्वारा निर्धारित किसी विशिष्ट बीमारी या बीमारी के चिकित्सा उपचार के लिए किया गया खर्च।
- अपने लिए या अपने आश्रितों जैसे पति, पत्नी, बच्चों, माता-पिता, भाई-बहनों आदि के लिए चिकित्सा उपचार में किया गया खर्च।
- इस तरह के चिकित्सा उपचार के लिए किसी न्यूरोलॉजिस्ट, ऑन्कोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट, हेमेटोलॉजिस्ट, इम्यूनोलॉजिस्ट या ऐसे अन्य विशेषज्ञ का चिकित्सा निर्देश, आदि।
या तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए 60000 रु. या किसी अन्य व्यक्ति के लिए 40,000 रू को कटौती के लिए माना जाएगा (जिसमें भी चिकित्सा उपचार पर कम खर्च हो)। कटौती की गई राशि भी कम हो जाएगी यदि किसी व्यक्ति को बीमा राशि मिलती है या चिकित्सा उपचार के लिए उसके नियोक्ता द्वारा क्षतिपूर्ति की जाती है।
उच्च शिक्षा हेतु लिए गए ऋण पर ब्याज का भुगतान
कोई व्यक्ति अपने या अपने रिश्तेदारों जैसे पति या पत्नी, बच्चों आदि के खातिर लिए गए ऋण या उच्च शिक्षा हेतु लिए गए लोन के ब्याज का भुगतान होने पर कटौती का दावा कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा बैंक, वित्तीय संस्थान या किसी स्वीकृत चैरिटी संस्था से उच्च शिक्षा के लिए ऋण लिया जाता है, तो जिस वर्ष में ब्याज का भुगतान किया गया है, उसी वर्ष में ब्याज कटौती योग्य है। संपूर्ण ब्याज उस वर्ष में कटौती योग्य है जिस वर्ष में व्यक्ति ऋण पर ब्याज का भुगतान करता है और साथ ही ब्याज का भुगतान करने के सात वर्ष बाद भी कटौती योग्य है।
गृह संपत्ति खरीदने के लिए ऋण पर ब्याज का भुगतान करना
आवासीय गृह संपत्तियों के करण लिए गए लोन पर ब्याज के लिए कटौती का दावा करने के लिए, करदाता भारत का निवासी या अनिवासी भी हो सकता है। इसके अलावा, निम्नलिखित शर्तों को भी पूरा किया जाना है कि:
• उन्हें लोन लेना है।
• ऋण/लोन आवासीय गृह संपत्ति के लिए होना चाहिए।
• किसी बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लोन लिया गया हो, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से मतलब है कि भारत में गठित या पंजीकृत एक सार्वजनिक कंपनी है जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में दीर्घकालिक निर्माण या खरीद या आवासीय घर प्रदान करने के लिए व्यवसाय करना है।
• 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के दौरान बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी द्वारा ऋण स्वीकृत किया गया हो।
• स्वीकृत ऋण/लोन की राशि 35 लाख रुपये से अधिक नहीं हो।
• घर की संपत्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक नहीं हो।
• लोन स्वीकृत होने के दिन कटौती का दावा करने वाले व्यक्ति के पास कोई आवासीय गृह संपत्ति नहीं होनी चाहिए।
यदि उपरोक्त सभी शर्तें पूरी होती हैं, तो करदाता धारा 80EE के तहत कटौती का दावा कर सकता है।
कुछ फंड, ट्रस्ट और चैरिटी संस्थाओं को दान करना
करदाता के लिए कटौती उपलब्ध है यदि वह नवीकरण करने या मरम्मत कार्य या मंदिरों के निर्माण के लिए स्वीकृत फंड और चैरिटी संस्थानों में योगदान देता है या उसमें दान करता है। इस तरह की कटौती का दावा किसी भी करदाता, कंपनी, फर्म आदि द्वारा किया जा सकता है। राष्ट्रीय रक्षा कोष, प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, प्रधान मंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत कोष (पीएम केयर्स फंड), प्रधान मंत्री आर्मेनिया भूकंप राहत कोष, अफ्रीका (सार्वजनिक योगदान-भारत) कोष, राष्ट्रीय बाल कोष आदि में दान के लिए 100% कटौती उपलब्ध है।
किराये का भुगतान करना
कोई व्यक्ति अपने या अपने परिवार के आवासीय घर के लिए भुगतान किए गए किराए के लिए कटौती का दावा कर सकता है। यह व्यक्ति कोई भी हो सकता है जिसमें स्व-रोजगार व्यक्ति या ऐसा व्यक्ति भी शामिल हैं जिसे अपने नियोक्ता से मकान किराया भत्ता नहीं मिलता है। हालांकि यह भत्ता 5000 रू. प्रति माह से अधिक नहीं होना चाहिए या फिर व्यक्ति की आय का 25% से अधिक नहीं होना चाहिए। केवल एक व्यक्ति जो अपने या अपने परिवार के लिए आवासीय घर के लिए किराए का भुगतान करता है, वह फॉर्म संख्या 10BA के माध्यम से इस कटौती का लाभ उठा सकता है।
वैज्ञानिक अनुसंधान और ग्रामीण विकास के लिए दान करना
किसी पेशे या व्यवसाय से लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति को छोड़कर कोई भी व्यक्ति वैज्ञानिक अनुसंधान या ग्रामीण विकास के लिए किए गए दान के लिए कटौती का दावा कर सकता है। इस तरह के दान अनुसंधान संघों, विश्वविद्यालयों या इस क्षेत्र में काम करने वाले अन्य संस्थानों को दिए जाने चाहिए। इस तरह के योगदान किसी परियोजनाओं (आयकर विभाग द्वारा स्वीकृत) या राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कोष या राष्ट्रीय शहरी गरीबी उन्मूलन कोष के लिए भी दिया जा सकता है। दान की गई पूरी राशि या 100% कटौती की जा सकती है। यह दान नकद, चेक या ड्राफ्ट में दिया जा सकता है लेकिन 10,000 रुपये से अधिक के नकद योगदान के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं है।
ऊपर दिए गए बिंदु जो व्यक्तियों पर लागू प्रमुख कटौतियों के कुछ उदाहरण हैं।