लिंग की पहचान एक व्यक्ति की आत्म-पहचान को पुरूष, महिला, तीसरा लिंग (ट्रांसजेंडर) या अन्य निर्धारित किए गए वर्ग के रूप में संदर्भित करता है, जैसे इंटरसेक्स यानि मध्यलिंगी। जब आप अधिकारियों या अन्य लोगों से किसी भी परेशानी का सामना करते हैं, जो यह चाहते हैं कि आप जिस लिंग से अपनी पहचान जोड़ते हैं, उसे साबित करें, तो आप उन्हें नीचे दिए गए दस्तावेजों को दिखा सकते हैं।
विकल्प 1: हलफनामा (एफिडेविट) या अंडरटेकिंग
एक हलफनामा / अंडरटेकिंग ऐसा दस्तावेज़ होता है, जिनमें आपके द्वारा दिए गए तथ्य शामिल रहते हैं, जैसे आपका वांछित नया नाम, वह लिंग जिससे आप खुद को जोड़ पाते हैं, आदि। आपको अपने हलफनामे / अंडरटेकिंग को एक नोटरी या शपथ आयुक्त (Oath Commissioner) द्वारा सत्यापित कराना होता है, जो इस पर मुहर लगाएंगे और हस्ताक्षर करेंगे। इससे यह एक वैध कानूनी दस्तावेज़ बन जाता है, जिसे पहचान प्रमाण के सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप न केवल अपना नाम बदलते समय, बल्कि आधार कार्ड बनवाते समय, बैंक खाता खोलते समय, सिम कार्ड आदि प्राप्त करते समय, इस हलफनामा / अंडरटेकिंग का उपयोग कर सकते हैं। आपका हलफनामा / अंडरटेकिंग एक दस्तावेज है, जिसका उपयोग आप कुछ तथ्यों को साबित करने के लिए कर सकते हैं, जैसे वह चिकित्सा प्रक्रिया जिससे आप गुज़रे हैं, और वह निर्धारित लिंग जिससे आप अपनी पहचान बनाते हैं, इत्यादि।
विकल्प 2: चिकित्सा प्रमाण पत्र
यदि आपने लिंग परिवर्तन (सेक्स-चेंज) ऑपरेशन करवाया है, तो आप लिंग परिवर्तन के प्रमाण के रूप में अस्पताल से प्राप्त चिकित्सा प्रमाणपत्र (मेडिकल सर्टिफिकेट) को दिखा सकते हैं। आपके द्वारा करवाई गई किसी भी चिकित्सा प्रक्रियाओं का विवरण आपके हलफनामे / अंडरटेकिंग में भी लिखा जा सकता है ताकि आपके पास प्रमाण के रूप में एक कानूनी और नोटरीकृत दस्तावेज़ हो।
विकल्प 3: गजट / राजपत्र में नाम परिवर्तन की सूचना देना
यदि आपने अपना नाम अपने निर्धारित लिंग को प्रतिबिंबित करने के लिए बदल लिया है और आपने इसे केंद्रीय / राज्य राजपत्र में सफलतापूर्वक प्रकाशित करा लिया है, तो आप राजपत्र अधिसूचना की एक प्रति प्रमाण के रूप में अपने साथ रख सकते हैं। गजट / राजपत्र अधिसूचना अपने आप में ही एक प्रमाण माना जा सकता है और इसे नोटरीकृत करना भी जरूरी नहीं है।
कोई भी आपको अपने लिंग सत्यापन के लिये किसी भी प्रकार से मजबूर नहीं कर सकता है, जिसमें आपको अनुचित तरीके से निजी या सार्वजनिक रूप से छूआ जाए, या आपको प्रताड़ित किया जाए। यही कारण है कि ऊपर दिया गया दस्तावेज़ आपके लिंग पहचान का एक महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र हैं। यदि आपको किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, तो आपको पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए और इस प्रक्रिया के दौरान आपको एक वकील की भी सहायता लेनी चाहिए।