हो सकता है कि आपको ऐसी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की ज़रूरत पड़े, जो विशिष्ट प्रकार के हों, और वह आपके अनुभवों के आधार पर एकदम अलग हों। कुछ सामान्य स्वास्थ्य मुद्दे इस प्रकार के हैं:
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दें
- यौन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे
- लिंग-परिवर्तन की शल्य चिकित्सा से संबंधित शारीरिक मुद्दे
हो सकता है आपके प्रति समाजिक भेदभाव होता हो, जो पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं तक के आपकी पहुंच को मुश्किल बना दे। उदाहरण के लिए, ऐसा हो सकता है कोई डॉक्टर या चिकित्सक आपका इलाज करने से इनकार कर दे, क्योंकि आप एक समलैंगिक या तीसरे लिंग के (ट्रांसजेंडर) व्यक्ति हैं। शायद आप भी समय पर उपचार की मांग करने से कतराएं, या आप अपने वास्तविक लिंग / यौन पहचान का खुलासा न करना चाहें, जिससे जटिलताएं और भी बढ़ सकती हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप, स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करते समय अपने अधिकारों को भली भांति जान लें।
यदि आप, चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवा का लाभ लेने के दौरान, किसी भी तरह के भेदभाव का सामना करते हैं, तो आप ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए कार्रवाई कर सकते हैं। आपके पास क्या क्या विकल्प हैं, इसके लिए कृपया यहां देखें।
यह ज़रूरी नहीं की एक विषमलिंगी (स्ट्रेट /cisgendered) व्यक्ति न होना ही मानसिक बीमारी का आधार है। अन्य शब्दों में, सिर्फ LGBTQ व्यक्ति होने के चलते ही आप मानसिक रूप से बीमार नहीं हो जाते हैं। हालांकि, जब आप जन्म में मिले लिंग और स्वयं-निर्धारित लिंग के बीच के अंतर के कारण भयंकर तनाव का अनुभव करते हैं, तो ऐसी स्थिति में हो सकता है कि आपको ‘ लिंग पहचान विकार (जेंडर आइडेंटिटि डिसऑर्डर -लिंग निर्धारण से जुड़ा एक मानसिक रोग)’ से ग्रसित निदान किया जाय।
भारत में, मानसिक स्वास्थ्य के संबंधित आपके कुछ अधिकार हैं:
- यदि आप अपने समुदाय के धार्मिक विश्वासों, या नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, कार्यनीति या राजनैतिक मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं, तो सिर्फ इसके चलते आपको मानसिक रूप से बीमार में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप समलैंगिक (गे) हैं तो सिर्फ इसके आधार पर आपको मानसिक रूप से बीमार नहीं कहा जा सकता है। यद्यपि आपका समुदाय समलैंगिकता को स्वीकार नहीं करता है, पर यह फिर भी एक सच है।
- आपको वे सभी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं लेने का अधिकार है, जो सरकार द्वारा वित्त पोषित / चलाए जाने वाले मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठानों द्वारा दी जाती हैं।
- जैसा कि ऊपर कहा गया है, स्वास्थ्य सेवाएं को देने से आपको कोई इनकार, आपके यौन, लिंग या यौन अभिविन्यास आदि के आधार पर, नहीं कर सकता है।
- यदि आपको, अपनी यौन अभिविन्यास या लिंग पहचान के चलते, चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवा पाने के दौरान किसी भी भेदभाव का सामना करना पड़ा हैं, तो यहां दिए गए विकल्पों की मदद से आप कार्रवाई कर सकते हैं।
यदि आप यौन क्रिया में सक्रिय हैं, तो यौन से फैलने वाले संक्रमण / रोग (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन-STI / डिज़ीज-STD), जैसे गोनोरिया, सिफिलिस, एड्स, आदि के होने का खतरा हो सकता है। यदि आप कुछ खास श्रेणियों के लोग में आते हैं, तो आपको इन बीमारियों के होने का खतरा अधिक रहता है। उदाहरण के लिए, ‘नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम’ की एक रिपोर्ट के आधार पर, ऐसा पता चला है कि जो पुरुष, पुरुषों के साथ यौन संबंध (मेन हैविंग सेक्स विथ मेन-MSM) या तीसरे लिंग (ट्रांसजेंडर) के व्यक्तियों के साथ यौन संबंध रखते हैं, उनको एचआईवी (HIV) / एड्स होने का खतरा ज़्यादा रहता है।
यदि आप यौन क्रिया में सक्रिय हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से यौन से फैलने वाले संक्रमण (एसटीआई) की रोकथाम, प्रस्तावित अनुवीक्षण (स्क्रीनिंग) जांच आदि के बारे में बात करनी चाहिए।
सरकारी सहायता प्राप्त योजनाएं और क्लिनिक
सरकार, यौन से फैलने वाले संक्रमण (एसटीआई) से पीड़ित लोगों की मदद के लिए कई योजनाएं बनाई है, जो आपके लिंग पहचान और यौन से अभिविन्यास से परे है। ऐसे व्यक्तियों को मुफ्त सेवाएं प्रदान करने वाले क्लीनिकों की सूची, राज्यों के आधार पर, कृपया यहां देखें।
यदि आपको, अपने लिंग पहचान या यौन अभिविन्यास के चलते, चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवा पाने में किसी तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ा हैं, तो यहां दिए गए विकल्पों के आधार पर आप कार्रवाई कर सकते हैं।
आमतौर पर वे लोग, जो जन्म में मिले आपने लिंग से खुद को जोड़ नहीं पाते हैं, वे हीं शल्य चिकित्सा द्वारा अपने लिंग को स्वयं-निर्धारित लिंग में बदलना चाहते हैं। हालांकि आपको अपने स्वयं-निर्धारित लिंग से अपनी पहचान बनाने के लिये किसी भी तरह की सर्जरी कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस तरह की स्थितियों में, नीचे दी गई दो सबसे सामान्य तरह की शल्य चिकित्साएं की जाती हैं:
- लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी -GAT), प्रक्रियाओं का एक सेट है जिसमें मनोवैज्ञानिक सलाह से लेकर लिंग पुनर्निर्धारण शल्य चिकित्सा (सेक्स रीअस्साइनमेंट सर्जरी) तक शामिल है, जिसका उद्देश्य आपके बाह्याकृति को भी बदलना है ताकि वह आपके स्वयं-निर्धारित लिंग से ज्यादा से ज्यादा अनुरूप हो सके। उदाहरण के लिए, रीता जन्म के समय एक लड़की के रूप में पैदा हुई, लेकिन बड़े होने के दौरान, वह खुद को पुरुष रूप में देखने लगी। वह स्तन निवारण (ब्रेस्ट रिमूवल) शल्य चिकित्सा आदि जैसे लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) के माध्यम से वह अपनी वाह्याकृति में पुरुषत्व ला सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) करा कर खुद को एक पुरुष या महिला के रूप में अभिपुष्टि करना आपका संवैधानिक अधिकार है, और इस चलते आपके लिये लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) कराने में कोई कानूनी या अन्य अड़चन नहीं है।
- सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) / अंतर लिंग शल्य चिकित्सा (इंटरसेक्स सर्जरी) उन प्रक्रियाओं को इंगित करता है, जो यौन विशेषताओं और जननांगों को संशोधित करने के लिए की जाती हैं जब वे अनियमित होते हैं, अर्थात जब जननांग, न पुरुष जननांग जैसे हैं, न स्त्री जननांग जैसे। उदाहरण के लिए, एक बच्चा, नकुल, पुरुष और महिला दोनों जननांगों के साथ पैदा होता है, लेकिन बड़े होने के दौरान वह महसूस करता है कि वह एक पुरुष है, तो वह खुद को पुरुष लिंग से ज्यादा अनुरूप बनाने के लिए अपने जननांग की सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) करवा सकता है।
हालांकि अभी कोई राष्ट्रव्यापी अधिनियम नहीं हैं, पर तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने, कम उम्र के शिशुओं पर अनावश्यक चिकित्सा प्रक्रियाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि अवैध सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) को रोका जा सके।
लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) और सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी)
भारत में लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) और सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) के निर्वाह्य योग्यता, प्रक्रिया, आदि के लिए ना ही कोई कानून है, और ना ही कोई दिशानिर्देश।
यदि आप अपने यौन अभिविन्यास या लिंग निर्धारण के चलते, चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवाओं को पाने के दौरान किसी भी तरह का भेदभाव का सामना करना पड़ता हैं, तो आप कार्रवाई यहां दिए गए विकल्पों के आधार पर कर सकते हैं।
जब आप लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) और सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) सहित किसी भी शल्य चिकित्सा के लिए जाते हैं, तो याद रखें कि यह शल्य चिकित्सा आपकी लिखित सहमति के बिना नहीं किया जा सकता है। किसी भी चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए सहमति देने की आयु 18 वर्ष है, पर ऐसे किसी भी व्यक्ति द्वारा दी गई सहमति, जिसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है, या 12 वर्ष से कम उम्र के एक बच्चे के द्वारा दी गई सहमति, वैध नहीं है।
आपके निर्धारित लिंग की पहचान को मान्यता देने के लिये, कोई भी व्यक्ति जिसे आप जानते हैं, या अस्पताल, या चिकित्सक आपको लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) और सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) एक कानूनी शर्त के रूप में कराने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।
किसी भी शल्य चिकित्सा करने वाले डॉक्टर को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आपके द्वारा दी गई सहमति एक वास्तविक सहमति है।
- आपके पास सहमति देने की पात्रता और सामर्थ्यता, दोनो होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है,सहमति देने का पात्र नहीं है।
- आपकी सहमति अपनी स्वेेच्छा से होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपको किसी प्रक्रिया से गुजरने के लिए परिवार के सदस्यों द्वारा मजबूर किया जा रहा है, तो यह वास्तविक सहमति नहीं है।
- आपकी सहमति, इस उपचार प्रक्रिया की पर्याप्त जानकारी के आधार पर होनी चाहिए, ताकि आप यह जान सकें कि आप किसके लिए अपनी सहमति दे रहें हैं। प्रक्रिया के बारे में पर्याप्त जानकारियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- इस उपचार की प्रकृति और प्रक्रिया;
- इसके उद्देश्य और लाभ;
- इसके संभावित प्रभाव और वे जटिलताएं जो उभर सकती हैं;
- उपलब्ध अन्य विकल्प (यदि हो तो);
- मुख्य जोखिमों की रूप रेखा; तथा
- उपचार से आपके इनकार करने के ये प्रतिकूल परिणाम हैं।
हालांकि, पर्याप्त जानकारियों में सुदूर खतरें, असामान्य जटिलताएं और असावधान शल्य चिकित्सा के संभावित परिणाम शामिल नहीं हैं।
यदि आप चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवा पाने के दौरान किसी भी भेदभाव का सामना करते हैं, तो इस तरह की समस्या को दूर करने के लिए आप कार्रवाई कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई आपकी सहमति लिये बिना आपकी सर्जरी करता है, तो यह अवैध है, और आप इसके बदले राहत की मांग कर सकते हैं। अपने पास क्या विकल्प हैं, इसके लिए कृपया यहां देखें।
आपको डॉक्टरों, नर्सों, मनोवैज्ञानिकों, मनोचिकित्सकों इत्यादि, जैसे चिकित्सा कर्मियों द्वारा उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि कुछ अस्पताल आपके यौन अभिविन्यास या लिंग पहचान के चलते, आपके यौन संक्रमण का इलाज करने से इनकार कर दे, क्यों कि आप एक समलैंगिक (गे) या उभयलिंगी (बाईसेक्शुअल) व्यक्ति हैं।
ऐसे मामलों में, आप उचित कार्रवाई कर सकते हैं, ताकि आप स्वास्थ्य सेवाएं एक सुरक्षित और सहायक वातावरण में पा सकें। अगर आप किसी उत्पीड़न का सामना करते हैं तो आप क्या कदम उठा सकते हैं यह जानने के लिए, कृपया यहां देखें। आप वकीलों, गैर सरकारी संगठनों आदि से भी मदद ले सकते हैं, जो आपको समक्ष आने वाले किसी भी मुद्दों या परेशानियों में आपका मार्गदर्शन करें सकेंगे।