भारत में नागरिकता

किसी नागरिक की नागरिकता, एक विशेष देश द्वारा दी गई एक वैध कानूनी प्रस्थिति/स्टेटस है, जिसे वहां की सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। भारत के नागरिकों के अधिकार, गैर-नागरिकों से अलग हैं। उदाहरण के लिए, भारत के नागरिक ही केवल यहां चुनाव लड़ सकते हैं, आदि।

नागरिकता का प्रमाण

भारत में सरकार ने यह अनिवार्य नहीं किया है, कि सभी नागरिकों के पास, भारतीय नागरिक मानें जाने के लिये, सिर्फ आसाम को छोड़ कर, एक विशेष दस्तावेज होना चाहिये। आज, भारतीय नागरिक यह निर्णय ले सकते हैं कि वे अपनी पहचान के लिये कौन सा प्रमाण प्राप्त करना चाहते हैं, और यह उस बात कर निर्भर करता है कि वह कार्ड/दस्तावेज़ कौन सी सेवा प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, आयकर रिटर्न फाइल करने के लिये आप के पास अपना पैन कार्ड होना चाहिए, या मतदान करने के लिए मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) होना चाहिये, लेकिन सरकार ने, इन सभी पहचान के प्रमाण पत्रों में से किसी को भी अपनी पहचान के लिये रखने को, अनिवार्य नहीं किया है।

कृपया इस पर ध्यान दें कि इनमें से पहचान का कोई भी प्रमाण, जैसे आधार या पासपोर्ट, आपके भारत की नागरिकता का निर्णायक प्रमाण नहीं है।

भारतीय नागरिकता प्राप्त करनाभारतीय नागरिकता प्राप्त करना

कानून के तहत, आपको भारतीय नागरिक माना जाता है यदि आप भारत में पैदा हुए हैं, और नीचे दिए गए 3 श्रेणियों में से किसी एक में आते हैं:

  • यदि आपका जन्म 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच हुआ है: आप यहां के नागरिक हैं, भले ही आपके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो।
  • यदि आपका जन्म 1 जुलाई 1987 से 3 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है: आपके जन्म के समय आपके माता-पिता में से किसी एक को भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
  • यदि आपका जन्म 3 दिसंबर 2004 को, या उसके बाद हुआ है: आपके माता और पिता दोनों को भारतीय नागरिक होना चाहिए; या यदि आपके माता-पिता में से केवल एक नागरिक है, तो दूसरा अवैध आप्रवासी नहीं है।

तीन अन्य प्रक्रियाएं हैं, जिनका अनुसरण भारतीय नागरिक बनने के लिए किया जा सकता है, जैसे वंशानुगत रूप से, प्राकृतिकरण और पंजीकरण। यदि आप भारत के बाहर पैदा हुए थे, तो आप कुछ मामलों में इन माध्यमों से भी भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय निवासी और अन्य, जो जन्म से नागरिक नहीं हैं, भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें।

भारतीय नागरिकता की समाप्ति

भारतीय नागरिक के रूप में आपकी प्रस्थिति (स्टेटस) समाप्त की जा सकती है यदि:

  • आप अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दें।
  • आप स्वेच्छा से दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त करते हैं।

इसके अलावा, यदि आप एक भारतीय नागरिक के रूप में पैदा नहीं हुए हैं, और आप कुछ परिस्थितियों में, प्राकृतिकरण या पंजीकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त कर चुके हैं, तो सरकार आपको भारतीय नागरिकता से वंचित कर सकती है:

  • यदि आप भारत के संविधान के प्रति अपनी निष्ठाहीनता दिखाते हैं,
  • यदि आपकी नागरिकता कपटपूर्ण तरीके से, झूठे प्रतिनिधित्व से, या कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को प्रकट न करके, इत्यादि तरीकों से प्राप्त की गई थी,
  • यदि, किसी भी युद्ध के दौरान जिसमें भारत संलग्न है, आपने किसी दुश्मन के साथ अवैध रूप से व्यापार किया है, या संचार किया है, या दुश्मन की सहायता करने वाले किसी व्यवसाय से जानबूझकर जुड़े रहे हैं,
  • यदि आपको भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकरण/प्राकृतिकरण के 5 साल के अन्दर, किसी अन्य देश में आपको कम से कम 2 साल के जेल की सजा सुनाई गई हो,
  • यदि आप 7 वर्षों से अधिक समय से भारत से बाहर रह रहे हैं, बिना उस देश के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में दाखिला लिए, या बिना भारत सरकार की सेवा में बने रहने के, या बिना किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन की सेवा में रहने के, जिसका भारत एक सदस्य है। आपको नागरिकता से वंचित किया जा सकता है, यदि इस अवधि के दौरान, आपने भारतीय नागरिक होने के अपने इरादे को, निर्धारित आवश्यकताओं के माध्यम से, प्रदर्शित नहीं किया है।

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

पहचान प्रमाण प्राप्त करना (आईडी प्रूफ)

भारत में, अपने पहचान का प्रमाण प्राप्त करना सबसे महत्वपूर्ण काम है, क्योंकि पहचान प्रमाण पत्र में आपका व्यक्तिगत विवरण रहता है, जो प्राधिकारियों के लिए आपकी पहचान को निर्धारित करने, और सत्यापित करने के लिए उपयोगी होता है। पहचान प्रमाण पत्र (आईडी प्रूफ) का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है जिनमें शामिल हैं:

  1. सरकारी सुविधाएं (हितलाभ): पहचान प्रमाण पत्र, जैसे कि राशन कार्ड, आपको सरकारी हितलाभों के लिए आवेदन करने और प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं, जैसे कि रियायती मूल्य पर खाद्य पदार्थ, आदि।
  2. आयु और पते/निवास का प्रमाण: विभिन्न पहचान प्रमाण पत्र (आईडी प्रूफ) पते और आयु के प्रमाण के रूप में काम करते हैं, जो दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिए आवश्यक हैं। उदाहरण के लिए, पैन कार्ड का उपयोग, बैंक में खाता खोलने के लिए किया जा सकता है।
  3. फोटो पहचान प्रमाण: विभिन्न पहचान प्रमाण पत्र (आईडी प्रूफ) फोटो पहचान के प्रमाण के रूप में काम करते हैं। उदाहरण के लिए, जब आप किसी हवाई अड्डे में प्रवेश करते हैं, तो आपको एक फोटो पहचान पत्र देने की आवश्यकता होती है, जैसे कि आपका ड्राइविंग लाइसेंस, जो आपके चेहरे को पहचान करने में मदद करता है।
  4. सरकारी सेवाओं का उपयोग करने में: पहचान प्रमाण पत्र (आईडी प्रूफ) आपको कई सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करते हैं, जैसे कि कार चलाना, मोटरसाइकिल चलाना आदि। उदाहरण के लिए, पासपोर्ट आपको विदेश यात्रा करने के लिये सक्षम बनाता है।
  5. आपको पहचान का कम से कम एक प्रमाण प्राप्त करने का प्रयास जरूर करना चाहिए, इससे अन्य पहचान प्रमाण पत्र (आईडी प्रूफ) प्राप्त करने की प्रक्रिया सहज हो जाती है। कृपया ध्यान दें, कि भारत में नागरिकता का कोई प्रमाण नहीं है। आपके अपने पहचान प्रमाण पत्र (आईडी प्रूफ) और संबंधित दस्तावेजों का उपयोग केवल आपकी प्रमाणिकता और आप कौन हैं, को सत्यापित करने के लिए किया जाता है।

पहचान प्रमाण पत्रों (आईडी प्रूफ्स) के प्रकार

भारत सरकार विभिन्न पहचान दस्तावेजों को जारी करती है। सबसे अधिक इस्तेमाल किये जाने वाले पहचान प्रमाण पत्र/दस्तावेज हैं:

  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट
  • मतदाता पहचान प्रमाण पत्र (वोटर आईडी)
  • पैन कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • राशन कार्ड
  • जन्म प्रमाणपत्र
  • मैट्रिक प्रमाणपत्र

पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जाने वाले दस्तावेजों की पूरी सूची, यहां देखें

अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

यदि अपना नाम बदलना हो

अपना नाम बदलने के लिए, या अपने नाम में कुछ जोड़ने या कुछ हटाने के लिए आपको नीचे दी गई चरणों का पालन करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह राज्य या केन्द्रीय राजपत्र (गज़ेट) में भी प्रकाशित हो। आप इसे केन्द्रीय राजपत्र में प्रकाशित करवा सकते हैं, यदि आपको विदेश में किसी भी उच्च अध्ययन के लिए आवेदन करना है, या वीजा या पासपोर्ट का आवेदन इत्यादि करना हैं। यदि आप इसे राज्य राजपत्र में प्रकाशित करना चाहते हैं, तो यह केवल आपके राज्य के भीतर ही प्रकाशित किया जाएगा, लेकिन आप इसका उपयोग अपने पहचान पत्र प्राप्त करने, उसे अपडेट कराने, स्कूल के प्रमाण पत्रों में अपना नाम बदलवाने आदि के लिये कर सकते हैं। आपको अपना नाम बदलने के लिए, नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

चरण 1: एक शपथ पत्र/अंडरटेकिंग बनवा लें

आपको नीचे दिए गए दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी, जो इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपना नया नाम कहां प्रकाशित करवाना चाहते हैंः

  • शपथ पत्र (राज्य और केंद्रीय राजपत्र, दोनों के लिए)
  • अंडरटेकिंग (केंद्रीय राजपत्र के लिये)

एक शपथपत्र/अंडरटेकिंग एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें ऐसी सूचनाएं होती है जो आप लिखना चाहते हैं, जैसे कि आप अपना नया नाम क्या रखना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, आप शपथपत्र/अंडरटेकिंग की आवश्यकता केवल अपना नाम बदलते समय ही नहीं, बल्कि आधार कार्ड बनवाते समय, बैंक खाता खोलते समय,या सिम कार्ड लेने आदि के लिए भी होगी।

चरण 2: नोटरी या ओथ कमिश्नर के पास जाए

निकटतम/स्थानीय नोटरी या ओथ कमिश्नर के पास जाए, जो आपके शपथ पत्र/ अंडरटेकिंग को सत्यापित करेगा। आपके दस्तावेज़ पर मुहर लग जाने के बाद यह एक वैध (जायज) कानूनी दस्तावेज़ बन जाएगा। इस सेवा के लिए आपको एक निश्चित शुल्क देना होगा।

चरण 3: एक समाचार पत्र में अपने नए नाम का विज्ञापन दें

आपको अपने राज्य के दो प्रमुख स्थानीय समाचार पत्रों के पास जाना होगा (एक आपकी क्षेत्रीय भाषा में हो और दूसरा अंग्रेजी में हो) और आप उन्हें सत्यापित शपथ पत्र दिखाने के बाद उनसे अपना नया नाम प्रकाशित करने का अनुरोध करना होगा। आपका विज्ञापन समाचार-पत्रों में प्रकाशित करने के लिए आपको उन्हें एक फीस भी देनी होगी।

चरण 4: इसे केन्द्रीय या राज्य राजपत्र में प्रकाशित करें

आपको अपना नया नाम, राज्य राजपत्र (अपने राज्य के भीतर) या केन्द्रीय राजपत्र (राष्ट्रीय स्तर) में प्रकाशित करवाना होगा।

राज्य राजपत्र

आपको अपने संबंधित राज्य की सरकारी प्रेस से संपर्क करना होगा, उनके द्वारा दिए गए संबंधित फॉर्म को भरना होगा और निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।

केन्द्रीय राजपत्र

यदि आप अपना नया नाम केन्द्रीय राजपत्र में प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो आपको इसे “प्रकाशन विभाग, सिविल लाइंस, नई दिल्ली -54” के पते पर इन सभी दस्तावेज़ों के साथ भेजना होगा:

  • आपका सत्यापित शपथ पत्र और अंडरटेकिंग
  • मूल समाचार पत्र के विज्ञापन की क्लिपिंग।
  • स्वयं अटेस्टेड पहचान पत्र, और 2 स्वयम् अटेस्टेड पासपोर्ट फोटो
  • प्रोफॉर्मा की प्रति पर, आपके और 2 गवाहों के हस्ताक्षरों के साथ
  • प्रोफॉर्मा की कम्पैक्ट डस्क (सीडी) कॉपी पर, टाइप किये गये आपके नाम (बिना गवाहों और उनके हस्ताक्षरों के) के साथ
  • आपके हस्ताक्षर वाला प्रमाण पत्र जिसमें यह घोषित किया गया है कि हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी में एक जैसी सामग्री है।
  • अनुरोध पत्र, शुल्क के साथ

चरण 5: नाम बदलने का प्रमाण

  • केन्द्रीय और राज्य दोनों राजपत्रों में नाम प्रकाशित करने में बहुत समय लगता है। आपको अपने संबंधित राज्य के राजपत्र वेबसाइट पर अपना नाम खोजना चाहिए। केंद्रीय राजपत्र के लिए, इन चरणों का पालन करें:
  • केन्द्रीय राजपत्र पेज पर जाएं और ‘Search Gazette’ पर क्लिक करें
  • ‘Weekly Gazette’ श्रेणी को साथ जोड़ें., और फिर सर्च पर प्रेस करें
  • ‘Part IV’ को चुनें
  • तारीख को जोड़ें
  • “keyword” अनुभाग, में अपना नया नाम डालें
  • results generated पर क्लिक करें, और
  • संबंधित फ़ाइल डाउनलोड करें और इस डाउनलोड की गई कॉपी को प्रमाण के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़ें

आवास प्रमाण पत्र

आपकी पहचान प्रमाण के लिये, जारी किये जाने वाले किसी भी सरकारी दस्तावेज़ के लिए, आपको अपना आवास प्रमाण पत्र देना होगा, जिस पर या तो आपका स्थायी पता होगा, या आपका संपर्क पता होगा। आप जिस पहचान प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं, या उसे अपडेट करा रहे हैं, उसके लिए आप, नीचे दी गई सूची में से किसी भी दस्तावेज़ का उपयोग कर सकते हैं:

आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट

  • बैंक/ पोस्ट ऑफिस का पत्रक (Statement)/ पासबुक
  • जिसके लिये आप आवेदन कर रहे हैं, उसके आधार पर आप पासपोर्ट, पैन कार्ड और आधार कार्ड में से, अन्य दो विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप आधार कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आप अपने पैन कार्ड या पासपोर्ट का उपयोग अपने आवास के प्रमाण के लिए कर सकते हैं।
  • राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस
  • बीमा योजना
  • अशक्तता (Disability) पहचान पत्र/ बाधाग्रस्त (Handicapped) चिकित्सा प्रमाण पत्र
  • संपत्ति कर रसीद (1 वर्ष से अधिक पुराना नहीं)निम्नलिखित दस्तावेजों में कोई भी, लेकिन वह 3 महीने से अधिक पुराना न होः
    • बिजली का बिल
    • पानी का बिल
    • टेलीफोन लैंडलाइन बिल
    • क्रेडिट कार्ड का पत्रक
    • गैस कनेक्शन बिल

आधारपैन कार्ड और पासपोर्ट के लिए आवास प्रमाण की पूरी सूची के लिए यहां देखें।

 

मतदाता पहचान पत्र

  • बैंक/ किसान/ पोस्ट ऑफिस पासबुक
  • राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस
  • आयकर रिटर्न/असेसमेंट ऑर्डर
  • उस पते के लिए, नवीनतम पानी/ टेलीफोन / बिजली/ गैस कनेक्शन बिल, जो या तो आवेदक के नाम पर हो, या उसके करीबी सगे-संबंधी, जैसे उसके माता-पिता, आदि के नाम पर हो।
  • दिए गए पते पर, आवेदक के नाम पर, पोस्टल डिपार्टमेंट की पोस्ट रिसीव हुई हो, या डिलीवर हुई हो।

 

ड्राइविंग लाइसेंस

  • राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र
  • जीवन बीमा पॉलिसी
  • केंद्र/ राज्य सरकार, या किसी स्थानीय निकाय के किसी भी कार्यालय द्वारा जारी वेतन पर्ची (पे स्लिप)
  • पोस्ट ऑफिस/ बैंक पासबुक (जिसमें आवासीय पता दिया हो)
  • घर का टैक्स रसीद, विवाह प्रमाणपत्र, आयकर रिटर्न
  • ड्राइविंग लाइसेंस के लिये, आवास प्रमाण की एक पूरी सूची के लिए यहां देखें

 

राशन कार्ड

राशन कार्ड बनवाते समय आवास प्रमाण के संबंध में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। हालांकि, स्वीकार किए जाने वाले कुछ सामान्य दस्तावेज इस प्रकार हैं

  • यदि आप मकान मालिक हैं तो रजिस्ट्रेशन डीड, अलॉटमेंट लेटर, पावर ऑफ अटॉर्नी, हाउस टैक्स रशीद, आदि।
  • यदि आप किरायेदार हैं, तो मकान मालिक द्वारा ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (एनओसी), किराये का एग्रीमेंट, आदि।
अधिक जानकारी के लिए इस सरकारी संसाधन को पढ़ें

शिकायत/ सहायता और समर्थन

नीचे पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं, जिनका उपयोग आप शिकायत दर्ज करने, उनका निदान करने, पूछताछ करने, और सहायता और समर्थन मांगने के लिए कर सकते हैं।

आधार कार्ड

आधार से जुड़ी शिकायतें, यूआईडीएआई (UIDAI) संपर्क केंद्र, पोस्ट, सरकार के लोक शिकायत पोर्टल और ई-मेल के माध्यम से की जा सकती है। आप अपनी शिकायत की स्थिति यहां देख सकते हैं।

पैन कार्ड

पैन कार्ड के संबंध में शिकायतें/प्रश्न यहां दर्ज किए जा सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आप पैन सेंटर को 020-2721 8080 पर कॉल कर सकते हैं, या tininfo@nsdl.co.in पर ईमेल कर सकते हैं।

राशन कार्ड

आप खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (Department of Food and Public Distribution) के हेल्पलाइन नंबर 1967 पर कॉल कर सकते हैं।

इसके अलावा, चूकि राशन कार्ड का मामला राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए प्रत्येक राज्य में इनकी शिकायत निवारण प्रणाली अलग-अलग होती है। भारत के तीन राज्यों के लिए शिकायत पोर्टल नीचे दिए गए हैं:

  • दिल्ली: अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए, इस वेबसाइट पर जाएं, और “Grievance Redressal portal” पर क्लिक करें, जो आपको दूसरे पेज पर ले जाएगा जहाँ आप अपने शिकायत को दर्ज कर सकते हैं, या अपनी शिकायत का स्टेटस देख सकते हैं। जब आप “Lodge your Grievance” पर क्लिक करते हैं, तो एक पेज ऑपन होता है, आप यहां अपने मुद्दे का वर्णन कर सकते हैं, और सहायक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं। यहां “Department Concerned” में आप “Food Supplies and Consumer Affairs” चुन सकते हैं। सभी सेक्शन को भरने के बाद, “Submit” पर क्लिक करें, और आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी। आप पूछताछ और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1967 और 1800110841 पर भी कॉल कर सकते हैं।
  • महाराष्ट्र: इस वेबसाइट पर जाकर आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और शिकायत का स्टेटस देख सकते हैं। शिकायत दर्ज करने के लिए “Post Grievance” पर क्लिक करें, जो आपको उस पेज पर ले जाएगा, जहां आपको अपना मोबाइल नंबर और/या ईमेल को भरने को कहा जाएगा, और आपको एक OTP, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर और/या ईमेल पर भेजा जाएगा। एक बार जब आपका विवरण प्रमाणित हो जाता है, तो आपके सामने एक और पेज ऑपन होगा, जहां आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी, और अपनी शिकायत का विवरण आदि भर सकते हैं। “Level of Administration” के खंड में आपको “District” को चुनना होगा। जहां आप अपने फॉर्म का प्रिव्यू देख पाएंगे और उसे जमा कर सकेंगे।
  • कर्नाटक: इस राज्य के नियमों के अनुसार आप 8022220579 नंबर पर कॉल करके या digr.admin@karnataka.gov.in पर ईमेल करके अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां देखें

पासपोर्ट

अपना पासपोर्ट प्राप्त करने या अपडेट करने से संबंधित किसी भी समस्या के लिए, आप इस वेबसाइट पर जा सकते हैं, जहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यहां आपको अपनी निजी जानकारी, यदि कोई संदर्भ नंबर है तो उसकी जानकारी और संबंधित PSK, आदि को भरना होगा। सभी अपेक्षित विवरणों को भरने के बाद “Submit” पर क्लिक करें। आप यहां अपनी शिकायत का स्टेटस भी ट्रैक कर पाएंगे।

मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी कार्ड)

भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) का ऑनलाइन पोर्टल, शिकायत दर्ज करने का सबसे तेज़ तरीका है। आप यहां चुनाव और गैर-चुनाव संबंधित दोनों शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। लॉगिंग इन और अपनी शिकायत दर्ज करने के बाद आपको एक ID युक्त पावती प्राप्त होगी, और जिससे आप अपनी शिकायत का स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं। आप National Grievances Service पोर्टल पर भी जा सकते हैं।

आप मोबाइल वोटर हेल्पलाइन ऐप डाउनलोड और उपयोग करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिसका उपयोग मतदाता सूची में आपके नाम को सत्यापित करने के लिए भी किया जा सकता है।

आप वोटर हेल्पलाइन 1950 पर भी कॉल कर सकते हैं (कृपया 1950 से पहले अपना एसटीडी कोड डायल करें), या मतदाता सुविधा केंद्र (Voter Facilitation Centre) पर जाएं।

ड्राइविंग लाइसेंस और लर्नर्स लाइसेंस

ड्राइविंग लाइसेंस और लर्नर्स लाइसेंस का मामला राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए प्रत्येक राज्य में इसकी शिकायत निवारण प्रणाली अलग-अलग होती है। भारत के तीन राज्यों के शिकायत पोर्टल नीचे दिए गए हैं:

  • दिल्ली: आप किसी भी शिकायत के संबंध में, लाइसेंस के शिकायत निवारण अधिकारी को 23960497 पर कॉल कर सकते हैं। आप हेल्पलाइन नंबर 9311900800 पर भी कॉल कर सकते हैं।
  • महाराष्ट्र: इस वेबसाइट पर जाकर आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और शिकायत का स्टेटस देख सकते हैं। शिकायत दर्ज करने के लिए “Post Grievance” पर क्लिक करें, जो आपको उस पेज पर ले जाएगा, जहां आपको अपना मोबाइल नंंबर और/ या ईमेल भरने को कहा जाएगा और एक OTP. आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर और/या ईमेल पर भेजा जाएगा। एक बार जब आपका विवरण प्रमाणित हो जाता है, तो आपके सामने एक और पेज ऑपन होगा, जहां आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी, और अपनी शिकायत का विवरण आदि भर सकते हैं। “Level of Administration” के खंड में आपको “District” का चुनाव करना चाहिए। आप अपने फॉर्म का प्रिव्यू देख पाएंगे और उसे जमा कर पाएंगे।
  • कर्नाटकः इस राज्य के नियमों के अनुसार आप 8022220579 नंबर पर कॉल करके या digr.admin@karnataka.gov.in पर ईमेल भेज कर, अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां देखें।

आयु का प्रमाण

आपके पहचान प्रमाण के विभिन्न सरकारी दस्तावेज़ों के लिए, आपको अपने आयु के प्रमाण का एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। आप जिस पहचान प्रमाण के लिए आवेदन कर रहे हैं, या उसे अपडेट करा रहे हैं, उसके लिए आप नीचे दी गई सूची में से किसी भी दस्तावेज का उपयोग कर सकते हैं:

आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट

  • जन्म प्रमाण-पत्र
  • मतदाता पहचान पत्र
  • आप जिसके लिए आवेदन कर रहे हैं, उसके आधार पर आप, पासपोर्ट, पैन कार्ड और आधार कार्ड में से, अन्य दो विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप आधार कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आप आवास प्रमाण के रूप में अपने पैन कार्ड या पासपोर्ट का उपयोग कर सकते हैं।
  • पैन कार्ड
  • किसी भी सरकारी बोर्ड/ मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई मार्कशीट
  • मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र, जिसमें जन्म तिथि दी गई हो

आधारपैन कार्ड और पासपोर्ट के लिए आवास प्रमाण की पूरी सूची के लिए यहां देखें।

मतदाता पहचान पत्र

  • जन्म प्रमाणपत्र
  • जन्म प्रमाण पत्र, उस मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से जहां से आवेदक ने अंतिम शिक्षा प्राप्त की हो, या किसी भी अन्य मान्यता-प्राप्त शिक्षण संस्थान से जारी किया गया हो
  • कक्षा 10/12 मार्कशीट (यदि आपने वह ग्रेड पास किया है)
  • कक्षा 8 की मार्कशीट (यदि इसमें जन्मतिथि है)
  • कक्षा 5 की मार्कशीट (यदि इसमें जन्मतिथि है)
  • यदि व्यक्ति 10वीं पास नहीं है तो एक निर्धारित प्रारूप में, मां या पिता द्वारा इसकी घोषणा की जाए (उन मामलों में जहां माता या पिता ने, निर्वाचन आयोग के बूथ लेवेल ऑफिसर -बीएलओ/ इलेक्टोरल रेजिस्ट्रेशन ऑफिसर -ईआरओ/ असिस्टेंट इलेक्टोरल रेजिस्ट्रेशन ऑफिसर -एईआरओ के समक्ष स्वयं को सत्यापित किया हो); या
  • यदि व्यक्ति 10वीं कक्षा तक शिक्षित नहीं है और माता-पिता दोनों मृत हैं) संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच/ संबंधित नगर निगम/ संबंधित निगम समिति के सदस्य द्वारा आयु प्रमाण पत्र दिया जा सकता है।
  • कोई भी दूसरा सरकारी दस्तावेज जिसमें आयु का प्रमाण हो, जैस पासपोर्ट

ड्राइविंग लाइसेंस

  • विद्यालय प्रमाणपत्र
  • पासपोर्ट
  • जन्म प्रमाणपत्र
  • केंद्र/ राज्य सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा जारी प्रमाणपत्र
  • मतदाता पहचान पत्र
  • पैन कार्ड
  • टैक्स कार्ड
  • अन्य प्रामाणिक दस्तावेज, जो ‘एम.एल.ओ’ द्वारा स्वीकार्य हो

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवासीय प्रमाण पत्र की पूरी सूची के लिए यहां देखें