नियोजन की शर्तें

यह सुनिश्चित करने के लिए कि निजी क्षेत्र में एक कर्मचारी के रूप में आपके अधिकार सुरक्षित हैं, आपको अपने नियोजन के अनुबंध की शर्तों को सावधानीपूर्वक पढ़ना और समझना चाहिए। इसमें ना केवल बुनियादी शर्तों का जिक्र होगा जैसे कि वेतन और नौकरी का विवरण, बल्कि नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के अधिकारों तथा कर्तव्यों का भी विस्तारपूर्वक वर्णन किया जाएगा। इसीलिए आपको हमेशा एक लिखित अनुबंध प्राप्त करने का आग्रह करना चाहिए और इस पर हस्ताक्षर करने से पहले इसे ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि इस पर हस्ताक्षर कर दिए जाने के बाद किसी भी शर्तों को बदलना मुश्किल होगा।

गोपनीयता के उपनियम/गैर-प्रकटीकरण उपनियम

गोपनीयता क्या है? 

जिस संस्था या कंपनी के साथ आप काम कर रहे हैं, उसे अपने व्यापारिक रहस्यों और अन्य गोपनीय व्यापारिक सौदों की सुरक्षा करने का अधिकार है। इसलिए, आपके रोजगार अनुबंध में एक उपनियम आपको नियोक्ता की किसी भी गोपनीय जानकारी को संगठन के बाहर किसी को भी साझा करने या प्रकट करने से रोकता है। इस उपनियम को गोपनीयता के उपनियम के रूप में जाना जाता है। कभी-कभी इसे गैर-प्रकटीकरण उपनियम के रूप में भी संदर्भित किया जाता है।

गोपनीयता आप पर कब लागू होती है? 

गोपनीयता के उपनियम केवल कंपनी में रोजगार करने के दौरान ही लागू नहीं होता, बल्कि उसके बाद भी होता हैं.. यदि आप अपना रोजगार समाप्त होने के बाद गोपनीय जानकारी साझा करते हैं, तो यह आपके अनुबंध का उल्लंघन होगा और आपका नियोक्ता आपके खिलाफ मामला दर्ज करा सकता है।

इसका मतलब यह नहीं है कि आप समान काम करने वाली कंपनी द्वारा नियोजित नहीं किए जा सकते हैं। कानूनी तौर पर, आप जहां भी चाहें, वहां काम करने का आपको अधिकार है, लेकिन आप अपने नए रोजगार में अपने पिछले नियोक्ता की किसी भी गोपनीय जानकारी का खुलासा नहीं कर सकते। उदाहरण के लिए, यदि आप पहले P&G के साथ काम कर रहे थे और आपको अब यूनिलीवर के नौकरी का प्रस्ताव मिला है, तो आपको यह नौकरी स्वीकार करने से प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा। लेकिन आप P&G के व्यापार रहस्यों का खुलासा यूनिलीवर में नहीं कर सकते। 

अनुबंध में कोई गोपनीयता उपनियम नहीं 

यदि आपके अनुबंध में कोई गोपनीयता उपनियम नहीं है, तो भी आपका अपने पूर्व-नियोक्ता के प्रति निष्ठा का कर्तव्य बनता है कि आप उनके व्यापार रहस्यों और उनके साथ अपने रोजगार के दौरान सीखी गई गोपनीय जानकारी का दूसरों के सामने खुलासा या अपने स्वयं के लाभ के लिए उपयोग न करें। कुछ मामलों में, आप पर आपराधिक विश्वासघात का मुकदमा भी चलाया जा सकता है। 

गैर-याचना उपनियम

सहकर्मियों से अनधिकृत व्यवहार

यदि आपके अनुबंध में एक गैर-याचना उपनियम है, तो आप कंपनी के अन्य कर्मचारियों को किसी व्यवसाय, व्यापार या पेशे में, जो कंपनी के हित को नुकसान पहुंचा सकते हों, सूचीबद्ध नहीं कर सकते हैं। यह प्रतिबंध आप पर कंपनी में रोजगार करते समय और छोड़ कर जाने के बाद, दोनों समय लागू होता है।

उदाहरण के लिए, यदि हरप्रीत बेदी अपनी कंपनी शुरू करने के लिए ए.वाई.एस कंप्यूटर्स छोड़ते हैं, तो वह ए.वाई.एस के कर्मचारियों/सह-कर्मियों को अपने साथ नहीं ले जा सकते हैं। यदि वह ऐसा करते हैं, तो यह ए.वाई.एस के साथ अपने अनुबंध का उल्लंघन करेंगे और अनुबंध के उल्लंघन के लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

ग्राहकों से अनधिकृत व्यवहार

रोजगार की प्रकृति के आधार पर, कुछ मामलों में, आप जिस कंपनी में नियोजित होते हैं उनका याचना का प्रतिबंध , ग्राहकों तक भी फैला रहता है। यदि आप किसी  कंपनी में शामिल होने के लिए या अपनी खुद की कंपनी शुरु करने के लिए अपनी वर्तमान कंपनी को छोड़ रहे हैं, तो आप उस कार्यस्थल के ग्राहकों को नहीं ले सकते। यह आपके पूर्व-नियोक्ता के व्यवसाय को प्रभावित करेगा और आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि लोकेश शर्मा अपनी कंपनी शुरू करने के लिए XYZ लिमिटेड को छोड़ते हैं, तो वे जाते समय अपने साथ XYZ लिमिटेड के ग्राहकों को नहीं ले जा सकते। यदि वह ऐसा करते हैं, तो वह XYZ लिमिटेड के साथ अपने अनुबंध का उल्लंघन करेंगे और अनुबंध के उल्लंघन के लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

गैर-प्रतिस्पर्धा उपनियम

रोजगार अनुबंध में गैर- प्रतिस्पर्धा उपनियम मौजूदा कर्मचारी को नियोक्ता के व्यापार या समान क्षेत्र में अपने नियोक्ता के साथ प्रतिस्पर्धा करने से रोकता है।

कुछ उदाहरण हैः

  • यदि एक विशिष्ट तकनीक के साथ एयर प्यूरीफायर बनाने के व्यवसाय में हैं, तो उनका कर्मचारी Y उसी तकनीक के साथ प्रतिद्वंद्वी व्यवसाय नहीं शुरू कर सकता है।
  • हरपीत सिंह बेदी ए.वाई.एस कंप्यूटर्स में सेल्समैन हैं, जिनके साथ उनका गैर- प्रतिस्पर्धा उपनियम है। यदि हरपीत ए.वाई.एस में रोजगार करते समय, रॉकेट सेल्स कॉर्पोरेशन, नाम से व्यवसाय शुरू करते हैं, जो ए.वाई.एस के समान है, तो वह अपने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं और उन पर मुकदमा किया जा सकता है, क्योंकि वह उपनियम उन्हें ऐसा करने से विशेष रूप से मना करता है।

प्रशिक्षण बॉन्ड

प्रशिक्षण बॉन्ड क्या हैं?

कुछ मामलों में, नियोक्ता आपसे एक प्रशिक्षण बॉन्ड पर हस्ताक्षर करा सकते है। इस बॉन्ड की शर्तों के अनुसार, आपको उस कंपनी के लिए निर्धारित अवधि तक काम करना होगा। आवश्यक अवधि पूरी होने से पहले आप रोजगार समाप्त नहीं कर सकते। यदि आप करते हैं, तो आपको अपने अनुबंध के अनुसार नियोक्ता को क्षतिपूर्ति करनी होगी।

प्रशिक्षण बॉन्ड पर हस्ताक्षर क्यों किए जाते हैं?

इस प्रकार के बॉन्ड पर आमतौर पर तब हस्ताक्षर किया जाता है जब इसमें कुछ प्रशिक्षण शामिल होता है, जिसकी लागत नियोक्ता द्वारा वहन की जाती है। इसके पीछे विचार यह है कि यदि नियोक्ता आपके प्रशिक्षण में अपने संसाधनों का निवेश कर रहा है, तो उन्हें आपकी प्रतिभा का उपयोग करने और प्रशिक्षण के परिणाम प्राप्त करने में भी सक्षम होना चाहिए। इस प्रकार, नियोक्ता के हितों की रक्षा के लिए आमतौर पर प्रशिक्षण बॉन्ड पर हस्ताक्षर किए जाते हैं।

उदाहरण के लिए, भानु राव को सेंटूर होटल्स में नौकरी का प्रस्ताव दिया गया था। जब उन्होंने यह प्रस्ताव स्वीकार कर ली, तो भानु से एक प्रशिक्षण बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराया गया था जिसमें कहा गया था कि उन्हें कंपनी के लिए न्यूनतम 2 साल की अवधि तक काम करना होगा, जिसमें 6 महीने की प्रशिक्षण अवधि भी शामिल होगी, जिसकी लागत सेंटूर होटल्स द्वारा वहन की जाएगी। यदि उन्हें प्रशिक्षण अवधि समाप्त होने से पहले छोड़ना होता, तो भानु को सेंटूर होटल्स को अपने प्रशिक्षण का खर्च देना पड़ता। डेढ़ साल बाद, भानु को ज्यादा वेतन वाली नौकरी मिल गई और अपने बॉन्ड के 6 महीने शेष रहते, सेंटूर होटल्स छोड़ दिया। अब, सेंटूर होटल्स को उनसे प्रशिक्षण की लागत वसूलने का अधिकार है।

प्रशिक्षण बॉन्ड की राशि

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रशिक्षण बॉन्ड में दी गई राशि उचित होनी चाहिए और आमतौर पर यह प्रत्येक मामलो के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर तय की जाती है।