उपभोक्ता कौन होता है?

उपभोक्ता वे लोग हैं जो वस्तुएं या सेवाएं खरीदते और उपयोग करते हैं। उपभोक्ताओं को उनके द्वारा उपयोग में लायी जाने वाली किसी भी सेवा या सामान के लिए शिकायत दर्ज करने का अधिकार है-

सामान और सेवाओं को खरीदने व उपयोग करने वाला व्यक्ति 

उपभोक्ता में ऐसा कोई भी व्यक्ति शामिल होता है जो वस्तुओं और सेवाओं को खरीदता है, साथ ही उनका उपयोग करने वाला व्‍यक्ति भी इसमें शामिल होता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो सिनेमा का टिकट खरीदने के बाद फिल्म देखता है वह उपभोक्ता है, और इसी तरह, जो व्यक्ति किसी और से उपहार में उपहार वाउचर पाकर उसका उपयोग करता है, वह भी उपभोक्ता है।

स्वरोज़गार के लिए सामान का उपयोग करने वाला व्यक्ति, न कि व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए 

उपभोक्ता संरक्षण कानून उन लोगों पर लागू नहीं होता है जो वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए वस्तुओं व सेवाओं का उपयोग करते हैं। हालांकि, इसके कुछ अपवाद भी हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो अपने व्यवसाय में उपयोग करने के लिए बड़ी मशीनें खरीदता है, वह ‘उपभोक्ता’ नहीं है। हालांकि, जो लोग स्वरोज़गार के लिए माल का उपयोग करते हैं उन्हें उपभोक्ता माना जाता है। उदाहरण के लिए, वे कलाकार जो अपने काम के लिए कला सामग्री खरीदते हैं या सौंदर्य उत्पाद खरीदने वाले ब्यूटीशियन भी उपभोक्ता हैं।

ऑनलाइन सुविधाओं का उपयोग करने वाला व्यक्ति 

उपभोक्ता में वह व्यक्ति भी शामिल होता है जो ऑनलाइन सामान या सेवाएं खरीदता या किराए पर लेता है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी कपड़े की वेबसाइट से ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं, तो आप एक उपभोक्ता हैं।

भोजन से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे लोग

उपभोक्ताओं में वे लोग भी शामिल हैं जो खाद्य पदार्थों संबंधी मुद्दों का सामना कर रहे हैं, जैसे कि मिलावट, खराब गुणवत्ता, सेवा की कमी, आदि। उदाहरण के लिए, भोजन से संबंधित मुद्दों में उत्पादों की विविध समस्याएं आ सकती हैं-जूसों जैसी चीज़ों के उत्पादन में उपयोग होने वाले पानी के साथ-साथ चिकन, मटन आदि की बिक्री में जो स्पष्‍ट रूप से मानव उपभोग के लिए हैं।

उपभोक्ता अधिकार क्या होते हैं?

अपने अधिकारों से अनजान उपभोक्ता बाज़ार में असुरक्षित होते हैं। अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे अपने हितों के मद्देनज़र आत्मविश्वास से अपने विकल्‍प चुन सकें। उपभोक्ता अधिकारों में निम्नलिखित शामिल हैं, लेकिन वे इन्हीं तक सीमित नहीं हैं।

जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षा का अधिकार

वस्तुओं से न केवल उपभोक्ताओं की तात्कालिक ज़रूरतें पूरी होनी चाहिए, बल्कि उनके दीर्घकालिक हित भी पूरे होने चाहिए तथा वस्तुओं व सेवाओं के उपयोग से उपभोक्ताओं को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति फ्लू जैसी तात्‍कालिक बीमारी को ठीक करने वाली दवा का उपयोग करता है, लेकिन दवा के दुष्प्रभाव अधिक बुरे होते हैं, तो वे उपभोक्ता शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

सूचना का अधिकार

माल की गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता, मानक और कीमत के बारे में उपभोक्ताओं को सूचित होने का अधिकार है। यह अधिकार सुनिश्चित करता है कि विक्रेता उत्पाद लेबल पर प्रामाणिक जानकारी डालें और झूठे दावे न करें।

सरकार मंडी की कीमतों, दैनिक मूल्य रिपोर्ट, उपभोक्ताओं की डिजिटल सुरक्षा पर शैक्षिक सामग्री आदि के साथ आवश्यक वस्तुओं की मूल्य निगरानी सूची भी प्रकाशित करती है। तमिलनाडु जैसी कुछ राज्य सरकारों ने भी उपभोक्ताओं को शिक्षित करने के लिए परामर्शावलियां प्रकाशित की हैं।

यथासंभव, प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के चयन का अधिकार

उपभोक्ताओं को बुनियादी सामान व सेवाएं उचित मूल्य पर प्राप्‍त करने का अधिकार है। उदाहरण के लिए, आपको अस्पताल के मेडिकल स्टोर से या सामान्य स्टोर से उचित मूल्य पर दवाएं खरीदने का अधिकार है।

उपभोक्ता क्षतिपूर्ति मंचों पर शिकायत दर्ज करने का अधिकार

उपभोक्ताओं को अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए शिकायत-निवारण मंचों का उपयोग करने का कानूनी अधिकार है। प्रत्येक उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करने और अपनी सुनवाई का अधिकार है ताकि शिकायत का समाधान किया जा सके।

अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ क्षतिपूर्ति की मांग करने का अधिकार

अनुचित व्यापार प्रथाएं आम तौर पर योजनाओं, विज्ञापनों आदि के माध्यम से उपभोक्ता को छलने, धोखा देने या विश्‍वासघात करने से संबंधित होती हैं। कानून उपभोक्ताओं को शोषण से बचाता है और उपभोक्ता के लिए निवारण मंचों के माध्यम से उचित निपटान का दावा करने की एक प्रणाली बनाता है।

उपभोक्ता कल्याण कोष

उपभोक्ता कल्याण कोष (CWF) का समग्र उद्देश्य उपभोक्ताओं के कल्याण को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने और देश में उपभोक्ता आंदोलन को मज़बूत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। कुछ नियम हैं जो CWF के उपयोग को नियंत्रित करते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

• विस्‍तृत कवरेज वाली और सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय व्‍यवहारों को अपनाने वाली उपभोक्ता जागरूकता परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए सीडब्ल्यूएफ से प्राथमिकता प्राप्‍त होगी।

• सीडब्ल्यूएफ का उपयोग करते समय सरकार, ग्रामीण व वंचित उपभोक्ताओं तथा उनके हितों की सुरक्षा-योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके लिए, ग्रामीण उपभोक्ताओं और उनके सशक्तिकरण से संबंधित परियोजनाओं, और ग्रामीण उपभोक्ताओं (जिनमें महिलाओं व सामाजिक रूप से वंचित समूहों की भी बड़ी भागीदारी है) के लिए काम करने वाले संगठनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

• CWF को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच भी वितरित किया जाना है, ताकि कल्याणकारी गतिविधियों के लिए भी क्षेत्रीय उपभोक्ता कल्याण कोष बनाया जा सके।

• कंपनियों की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि के माध्यम से सीडब्ल्यूएफ में योगदान करने की दिशा में एक उल्‍लेखनीय प्रयास किया गया है।

• उपभोक्ता जागरूकता और शिक्षा के लिए अभिनव परियोजनाएं, उपभोक्ता शिक्षा के लिए प्रशिक्षण और अनुसंधान सुविधाओं की स्थापना, ग्रामीण उपभोक्ता सशक्तिकरण से संबंधित परियोजनाएं, स्कूलों/कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में उपभोक्ता क्लब, परामर्श के लिए राज्य/क्षेत्रीय स्तर पर उपभोक्ता मार्गदर्शन ब्यूरो की स्थापना और मार्गदर्शन, उत्पाद परीक्षण प्रयोगशालाओं, विश्वविद्यालयों में उत्कृष्टता केंद्र बनाने, पैरवी और वर्गीय कानूनी कार्रवाई आदि पर खर्च को पूरा करने आदि को प्राथमिकता मिलती है।

CWF के तहत वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करना

उपभोक्‍ता कल्‍याण निधि से वित्‍तीय सहायता की मांग करने वाले प्रस्‍ताव आम तौर पर, जनवरी और जुलाई के महीनों में, साल में दो बार ऑनलाइन होते हैं। प्रस्ताव आमंत्रित करने की उचित सूचना एवं प्रारूप उपभोक्ता विभाग की वेबसाइट पर जारी एवं प्रकाशित किये जायेंगे। उपभोक्ता कल्याण कोष से अनुदान के लिए आवेदन पत्र आप उपभोक्ता विभाग की वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं।

यद्यपि, मूल्यांकन समिति पात्रता मानदंडों पर खरा न उतरने, और एक ही उद्यम के लिए कई सरकारी मंचों के माध्यम से धन प्राप्‍त करने का प्रयास करने वाले अधूरे फॉर्म आदि कारणों से आवेदन को अस्वीकार कर सकती है।