किसी भी पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज की जा सकती है। यह हो सकता है कि अपराध उस पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो, पर इससे चलते शिकायत दर्ज कराने में कोई अड़चन नहीं है। पुलिस के लिए यह अनिवार्य है वह उपलब्ध कराई गई जानकारी को दर्ज करे, और फिर उसे उस थाने में स्थानांतरित करना जिसके क्षेत्र में/अधिकार क्षेत्र में अपराध हुआ है। उदाहरण के लिए, यदि कोई अपराध का मामला उत्तरी दिल्ली में हुआ हो तो उसकी सूचना दक्षिणी दिल्ली के किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकती है।
इस संकल्पना को सामान्य तौर पर “जीरो एफआइआर” के रूप में जाना जाता है और इसे सन् 2013 में शुरू किया गया था। जीरो एफआइआर शुरू होने से पहले बड़े पैमाने पर देरी हुआ करती थी क्योंकि जिस इलाके में अपराध हुआ होता था, वहां की ही पुलिस स्टेशन सूचना को दर्ज कर सकती थी।