उपभोक्ता कल्याण कोष (CWF) का समग्र उद्देश्य उपभोक्ताओं के कल्याण को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने और देश में उपभोक्ता आंदोलन को मज़बूत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। कुछ नियम हैं जो CWF के उपयोग को नियंत्रित करते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
• विस्तृत कवरेज वाली और सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय व्यवहारों को अपनाने वाली उपभोक्ता जागरूकता परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए सीडब्ल्यूएफ से प्राथमिकता प्राप्त होगी।
• सीडब्ल्यूएफ का उपयोग करते समय सरकार, ग्रामीण व वंचित उपभोक्ताओं तथा उनके हितों की सुरक्षा-योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके लिए, ग्रामीण उपभोक्ताओं और उनके सशक्तिकरण से संबंधित परियोजनाओं, और ग्रामीण उपभोक्ताओं (जिनमें महिलाओं व सामाजिक रूप से वंचित समूहों की भी बड़ी भागीदारी है) के लिए काम करने वाले संगठनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
• CWF को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच भी वितरित किया जाना है, ताकि कल्याणकारी गतिविधियों के लिए भी क्षेत्रीय उपभोक्ता कल्याण कोष बनाया जा सके।
• कंपनियों की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि के माध्यम से सीडब्ल्यूएफ में योगदान करने की दिशा में एक उल्लेखनीय प्रयास किया गया है।
• उपभोक्ता जागरूकता और शिक्षा के लिए अभिनव परियोजनाएं, उपभोक्ता शिक्षा के लिए प्रशिक्षण और अनुसंधान सुविधाओं की स्थापना, ग्रामीण उपभोक्ता सशक्तिकरण से संबंधित परियोजनाएं, स्कूलों/कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में उपभोक्ता क्लब, परामर्श के लिए राज्य/क्षेत्रीय स्तर पर उपभोक्ता मार्गदर्शन ब्यूरो की स्थापना और मार्गदर्शन, उत्पाद परीक्षण प्रयोगशालाओं, विश्वविद्यालयों में उत्कृष्टता केंद्र बनाने, पैरवी और वर्गीय कानूनी कार्रवाई आदि पर खर्च को पूरा करने आदि को प्राथमिकता मिलती है।
CWF के तहत वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करना
उपभोक्ता कल्याण निधि से वित्तीय सहायता की मांग करने वाले प्रस्ताव आम तौर पर, जनवरी और जुलाई के महीनों में, साल में दो बार ऑनलाइन होते हैं। प्रस्ताव आमंत्रित करने की उचित सूचना एवं प्रारूप उपभोक्ता विभाग की वेबसाइट पर जारी एवं प्रकाशित किये जायेंगे। उपभोक्ता कल्याण कोष से अनुदान के लिए आवेदन पत्र आप उपभोक्ता विभाग की वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
यद्यपि, मूल्यांकन समिति पात्रता मानदंडों पर खरा न उतरने, और एक ही उद्यम के लिए कई सरकारी मंचों के माध्यम से धन प्राप्त करने का प्रयास करने वाले अधूरे फॉर्म आदि कारणों से आवेदन को अस्वीकार कर सकती है।