एक ईवीएम मशीन में दो इकाइयाँ होती हैं – एक कंट्रोल यूनिट और दूसरी बैलेटिंग यूनिट (जो पाँच.मीटर केबल से जुड़ी होती है)। कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखा जाता है और बैलेटिंग यूनिट को वोटिंग डिब्बे के अंदर रखा जाता है, जहां आप मतदान करते हैं। पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी आपके लिए इसमें मतपत्र देते है, ताकि आप उसमें अपना वोट डाल सकें।
उम्मीदवारों के नाम और उनके चुनाव चिन्ह की एक सूची नीले बटन के साथ उसके बगल में होती है। आपको जिस उम्मीदवार को वोट देना है उसके नाम के आगे वाला बटन दबाना है। अगर आप किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहते हैं, तो आपके पास ईवीएम मशीन में नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का विकल्प चुनने का अधिकार है।
मतदान करने के ठीक बाद आपको ईवीएम मशीन के बगल में लगी वीवीपैट मशीन पर एक हरी बत्ती दिखाई देगी जो यह बताएगी कि आपने मतदान कर दिया है। आपको एक लिखी हुई पर्ची भी दिखाई देगी जिसमें उम्मीदवार का क्रमांक, नाम और प्रतीक लिखा होगा। आप इसे 7 सेकंड के लिए एक पारदर्शी विंडो से देख सकते हैं। यह छापी हुई पर्ची खुद ही कटकर वीवीपैट के सीलबंद ड्रॉप बॉक्स में गिर जाएगी।
आप एक से ज्यादा बार मतदान नहीं कर सकते हैं। अगर आपसे कोई गलती हो भी जाए तो आप उसे सुधार नहीं सकते। भले ही आपका नाम मतदाता सूची में दो बार आता हो या आपका नाम दो अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में हो, आप केवल एक बार ही मतदान कर सकते हैं। अगर आप दो बार वोट देते हैं तो आपके दोनों वोट नहीं गिने जाएंगे। ईवीएम मशीन में ये सब ख़त्म होने के बाद आपको कुछ नहीं करना है। एक बार जब आप मतदान केंद्र से बाहर निकल जाते हैं, तो आपने अपनी मतदान करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।