LGBTQ + व्यक्तियों के प्रति यौन हिंसा

आखिरी अपडेट Jul 12, 2022

यदि आप किसी यौन हिंसा का सामना करते हैं या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जिसके साथ यौन हिंसा हुई है, तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

तत्काल सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन पर कॉल करें।

नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।

यौन हिंसा

यदि आपने किसी भी प्रकार की यौन हिंसा का सामना किया है, जिसमें बलात्कार, अनुचित स्पर्श, पीछा करना आदि शामिल हैं, तो आप पुलिस के पास प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करा सकती हैं। आप इस तरह की शिकायत किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कर सकती हैं, जिसमें आपके परिवार का कोई सदस्य, शिक्षक आदि भी हो सकता है।

  • यदि आप महिला / पारमहिला (ट्रांसवुमन) हैं

आपको यौन हिंसा के खिलाफ, भारत में कानूनों के तहत शिकायत

दर्ज करने का अधिकार है, लेकिन सिर्फ पुरुष के विरुद्ध। यदि आप एक पारमहिला (ट्रांसवुमन) हैं और पुलिस ने यह कहते हुए प्राथिमिकी दर्ज करने से इंकार कर दिया है कि आप कानून के तहत एक ’महिला’ नहीं हैं, तो आप क्या कदम उठा सकती हैं उसके लिये, यहां देखें।

  • यदि आप एक पुरुष / पारपुरुष (ट्रांसमैन) हैं

आप यौन हिंसा के खिलाफ एक प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करा नहीं सकते हैं, क्यों कि भारत में कानून के तहत एक पुरुष / पारपुरुष (ट्रांसमैन) यौन हिंसा का शिकार हो नहीं सकता है। आपके पास एकमात्र विकल्प है उन भारतीय कानूनों की मदद लेना जो आपको चोट पहुंचाने या घायल करने वालों को सजा दे सकते हैं।

कार्यस्थल पर यौन हिंसा

यदि आपके कार्यालय में यौन उत्पीड़न की नीतियां लिंग-तटस्थ हैं, तो आप अपने लिंग की परवाह किए बिना शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यदि आप नियोक्ता की कार्रवाई (उदाहरण के लिए उत्पीड़क की बर्खास्तगी) के माध्यम से यौन उत्पीड़न को रोकना चाहते हैं, तो आप अपने कार्यालय के आंतरिक शिकायत समिति (इंटरनल कमप्लेन्ट्स कमिटी, आईसीसी) के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जो शिकायत तंत्र सभी कार्यालयों में उपलब्ध होता है। आपके पास पुलिस के पास जाने का भी विकल्प है।

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का कानून, केवल उन्हीं महिलाओं को पीड़िता मानता है जो आंतरिक शिकायत समिति (इंटरनल कमप्लेन्ट्स कमिटी, आईसीसी) को शिकायत करती हैं, या पुलिस से संपर्क कर एक प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज कराती हैं। यदि आपके संगठन की यह नीति है, तो आपके पास निम्नलिखित विकल्प हैं:

  • एक पुरूष या एक तीसरे लिंग (ट्रांसजेंडर) के पुरुष के रूप में, आप किसी गैर सरकारी संगठन या किसी वकील की मदद ले सकते हैं, जो एक प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करा कर कानून के तहत उन लोगों को दंडित करा सकते हैं, जिन्होंने आपको चोटिल या घायल किया है।
  • एक तीसरे लिंग (ट्रांसजेंडर) की महिला के रूप में, आपको यौन हिंसा के कानूनों के तहत प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज कराने का अधिकार है।

ऑनलाइन यौन हिंसा

यदि आप किसी यौन उत्पीड़न का सामना ऑनलाइन कर रहे हैं, तो ज्यादा समझने के लिए यहां क्लिक करें

Comments

    Dev

    July 9, 2024

    Sir please help me. Mere sath kisi namaste bhut buran Kiya h Jo bihar banka se h chhupke se shadi krli our dhoka krke bhag gya me apni family m sbko bta diya our usne pahchanne s bhi mna krdiya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

भारत में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों पर गाइड

गाइड में किन कानूनों पर बात होगी? इस गाइड में, भारत के संविधान में शामिल ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम 2020 के प्रावधानों पर बात होगी। ऐसे कानून क्यों बनाए गए? सामाजिक स्वीकृति की कमी के कारण ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज का हिस्सा नहीं माना जाता […]
citizen rights icon

LGBTQ+ समुदाय में प्रणय और रिश्ते

18 वर्ष की आयु से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को प्यार करने का और किसी के साथ भी यौन संबंध रखने का अधिकार है, वह भी किसी लिंग के परे।
Crimes and Violence

पीड़ितों और गवाहों के अधिकार

यह विशेष कानून पीड़ितों, उनके आश्रितों और इस कानून के तहत दायर शिकायतों के गवाह के रूप में कार्य करने वालों को कुछ अधिकारों की गारंटी देता है।
citizen rights icon

कौन (LGBTQ+) व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकता है

यदि आप उत्पीड़न और हिंसा का सामना करते हैं, तो आप अपनी लिंग पहचान के आधार पर कुछ कानूनों का इस्तेमाल कर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
Crimes and Violence

LGBTQ+ व्यक्ति को उत्पीड़न और हिंसा की संभावनाएं

आपको निम्नलिखित कारणों के चलते कई तरह के उत्पीड़न या हिंसा का सामना करना पड़ सकता है:
Crimes and Violence

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ क्रूर और अपमानजनक अत्याचार

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ किए गए निम्न में से किसी भी अपराध को कानून ने अत्याचार माना हैछ
citizen rights icon