पुलिस
1. यदि बलात्कार का अपराध होता है, तो सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एफआइआर
दर्ज करके पुलिस को इसकी सूचना दी जाए। अन्यथा, 1091 (महिला हेल्पलाइन नंबर) पर कॉल करें और बलात्कार की रिपोर्ट करें।
अगर कोई तत्काल अपराध की रिपोर्ट नहीं करता है, तो भी इसका मतलब यह नहीं है कि देर से की गयी एफआइआर मामले को नुकसान पहुंचाएगी। इससे पुलिस को मामले की जांच करने में और सबूत इकट्ठा करने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन बाद की तारीख में भी एफआइआर दर्ज करना संभव है।
2. एफआईआर दर्ज करने के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाएं। जरूरी नहीं कि पुलिस स्टेशन उसी क्षेत्र में हो जहां अपराध किया गया हो। पुलिस स्टेशन का पता लगाने के लिए, ‘इंडियन पुलिस एट योर कॉल’ ऐप डाउनलोड करें और निकटतम पुलिस स्टेशन का पता लगाएं। नहीं तो 100 पर कॉल करें।
3. घटना के तुरंत बाद पुलिस के पास जाना पीड़िता के लिए बहुत कठिन होता है। पीड़िता को यह अकेले करने की ज़रूरत नहीं है। शिकायत दर्ज कराने में महिला किसी मित्र की मदद ले सकती है या वकील से संपर्क कर सकती है। यह भी सम्भव है कि यदि पीड़िता पुलिस से संपर्क नहीं करना चाहती तो अन्य व्यक्ति महिला के लिए एफआइआर दर्ज कर सकता है। यदि पीड़िता अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास जाती है, तो जानकारी केवल एक महिला अधिकारी द्वारा दर्ज की जाती है।
4. यदि पीड़िता शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग है, तो पुलिस आती है और उसकी शिकायत उसके निवास या किसी अन्य स्थान से लेती है जहाँ वह सहज महसूस करती है। पीड़िता का बयान उसके निवास पर या उसकी पसंद के किसी भी स्थान पर दर्ज किया जाता है। जहां तक संभव हो, एक महिला पुलिस अधिकारी द्वारा पीड़िता के माता-पिता/अभिभावक/निकट संबंधियों/ मोहल्ले के सामाजिक कार्यकर्ता की उपस्थिति में बयान दर्ज किया जाता है।
5. यदि पीड़िता को हमले या यहां तक कि हमलावर के विशिष्ट विवरण याद नहीं हैं तो भी असुविधा वाली बात नहीं है। जितना उसे याद है, पुलिस को बताने के लिए उतना ही काफी है।
6. पुलिस द्वारा शिकायत पढ़ लेने के बाद, यदि सभी विवरण सही हैं, तो शिकायतकर्ता एफआइआर पर हस्ताक्षर करती है। कोई भी पुलिस अधिकारी जो एफआइआर दर्ज करने से इनकार करता है या अपराध की जानकारी दर्ज करने में विफल रहता है, उसे जुर्माने के साथ 6 महीने से लेकर 2 साल के लिए कारावास का दंड दिया जा सकता है।
7. शिकायतकर्ता एफआईआर की एक कॉपी मुफ्त में प्राप्त कर सकती है। एफआईआर नंबर, एफआईआर की तारीख और पुलिस स्टेशन के नाम की जानकारी लेकर एफआईआर ऑनलाइन के द्वारा को स्वतंत्र रूप से पता करना भी संभव है।
8. एफआईआर दर्ज होने के बाद उसके विवरण में बदलाव नहीं किया जा सकता है। हालांकि बाद में किसी भी समय पुलिस को अतिरिक्त जानकारी दी जा सकती है।
वन स्टॉप सेंटर
पीड़िता वन स्टॉप सेंटर से भी संपर्क कर सकती है, जो हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सेवाओं की एकीकृत श्रेणी उपलब्ध करवाती है। इन सेवाओं में चिकित्सा सहायता, पुलिस सहायता, कानूनी सहायता/मामला प्रबंधन, मनोसामाजिक परामर्श और अस्थायी सहायता सेवाएं शामिल हैं।
Himanshu
June 14, 2024
Meri bacchi ke sath galat Kam Kiya gya ha or meri ghar me chori kar ke gaye
Himanshu
June 14, 2024
Sit please action lijeye🙏🙏🙏🙏
Vicky Ranawat
August 9, 2024
Sir me ak ladka hu meri age 17 hai sir mere sath ref huaa hai.. me apne dost Anil ke room par Jaa raha tha tap arayan industries me Kam karne vala ak aadmi
raste me mila me use janta tha usne mujhe bola ki tuje me apni industries dikhata hu or phir me use ke sath industries dekh ne chala gya usme kaha ki upar chal or room
dikhata hu me upar Gaya to usne mujhe pakad kar meri sath sharirik sambandh
Banaya me kuch nahi kar paya agar me kuch karta ya kisiko batane ki dhamaki deta ko vo muje mar bhi sakta