मकान किराए पर देते समय एक एग्रीमेंट किया जाता है, लेकिन ऐसा करते वक्त अक्सर किराए संबंधी कानूनी प्रक्रियाओं का ठीक से पालन नहीं किया जाता है।
चूंकि यह एक अनुबंध है और इसमें संपत्ति और पैसे का लेन-देन शामिल है, इसलिए मकान किराए पर लेते/देते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:
आपने मकान मालिक/लाइसेंसकर्ता/किरायेदार/लाइसेंसधारी के साथ आपका संबंध एक आनुबांधिक संबंध है। अर्थात आपका कानूनी संबंध एक सौदे पर आधारित है, जिसमें कुछ स्पष्टतः शर्तें होती है।
इन सब के बावजूद
- यदि आपने मकान किराये पर लेते समय कोई लीज एग्रीमेंट किया है तो आपके पास कुछ अन्य संरक्षण उपलब्ध है।
- इस प्रकार का कानूनी संरक्षण आपको लीव और लाइसेंस एग्रीमेंट के तहत नहीं उपलब्ध होगा।
सौदे के सिद्वांत और स्पष्ट शर्ते दोनों प्रकार की करारों को लागू होतीं है, भले ही उनसे जो भी संरक्षण उपलब्ध हो।
आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन शर्तों पर सहमति हुई है या जिस रकम का भुगतान किया है, उसके पर्याप्त सबूत आपके पास हैं।
इसे इस तरह किया जा सकता है:
- समझौते की एक लिखित प्रतिलिपि होनी चाहिए
- कागज/व्हाट्सएप/ईमेल/संदेश (यदि संभव हो तो), या मौखिक रूप से की गई चर्चा को लिख लेना चाहिए, और
- यदि कोई भुगतान किया गया है तो उसकी रसीदें (यदि संभव हो तो) रख लेनी चाहिये।
इससे यह सुनिश्चित होता है कि यदि कोई व्यक्ति किसी भुगतान या सहमति के शर्तों पर विवाद करता है तो आप सहमति के शर्तों पर किये गये भुगतान का प्रमाण दिखा सकते हैं।