कानून यह प्रदान करता है कि छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी छात्र जो नामांकन करते हैं और स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा के बीच पढ़ते हैं, वे बिना किसी भुगतान के पौष्टिक भोजन के हकदार होंगे। ऐसे भोजन के लिए धन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि, योजना के कार्यान्वयन और भोजन की गुणवत्ता और तैयारी की निगरानी स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा की जाती है। ये भोजन स्कूल की छुट्टियों को छोड़कर सभी दिनों में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। यह भोजन सिर्फ स्कूल में मुहैया करवाया जाता है।
यदि किसी कारण से किसी भी दिन बच्चे को मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक बच्चे को अगले माह की 15 तारीख तक खाद्यान्न एवं धन से युक्त खाद्य सुरक्षा भत्ता का भुगतान किया जायेगा। भत्ते में अनाज और पैसा शामिल है। यह बच्चे को मिलने वाले अनाज की मात्रा और राज्य में प्रचलित खाना पकाने की लागत पर आधारित होगा। जो बच्चे स्वेच्छा से मध्याह्न भोजन का सेवन नहीं करते हैं, वे इस तरह के भत्ते के हकदार नहीं होंगे।
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