एक विवाह जो रिक्त है, कानून द्वारा प्रतिषिद्ध होने पर खुद ब खुद निरस्त होने के योग्य हो जाता है।

न्यायालय द्वारा अकृतता की डिक्री

आखिरी अपडेट Aug 11, 2022

अमान्यता का एक निर्णय (न्यायालय द्वारा अकृतता (Nullity) की डिक्री)एक न्यायिक निर्णय है जो यह निर्धारित करता है कि विवाह कभी अस्तित्व में था ही नहीं। यह तलाक से इस मायने में अलग है कि वह विवाह को मानता है और तब उसे समाप्त करता है। अमान्यता का निर्णय घोषित करता है कि विवाह था ही नहीं और हमेशा शून्य रहा है क्योंकि ऐसी कई शर्तें हैं जिनके तहत भारत में विवाह को अवैध विवाह माना जा सकता है। एक पक्ष को दूसरे पक्ष के खिलाफ अदालत के समक्ष एक याचिका पेश करनी होती है, जिसमें विस्तार से रद्द करने का कारण बताया जाता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों की जिम्मेदारी

बैंकों को अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के लिए अनिवार्य रूप से एसएमएस अलर्ट के लिए पंजीकरण करने के लिए कहना चाहिए।

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

ग्राहक दायित्व

ग्राहक को किसी तीसरे पक्ष के साथ भुगतान क्रेडेंशियल प्रकट नहीं करना चाहिए। यदि कोई ग्राहक ऐसा करता है तो लापरवाह के कारण देनदारी बढ़ जाएगी।

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए दंड

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को दंडित करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास होती है।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

विवाद निपटान तंत्र के रूप में मध्यस्थता

मध्यस्थता एक आउट-ऑफ-कोर्ट समझौता है जहां पार्टियां कार्यवाही के तरीके को तय कर सकती हैं। यह विवादों के शीघ्र निपटारे में मदद करता है।