एक विवाह जो रिक्त है, कानून द्वारा प्रतिषिद्ध होने पर खुद ब खुद निरस्त होने के योग्य हो जाता है।

न्यायालय द्वारा अकृतता की डिक्री

आखिरी अपडेट Aug 11, 2022

अमान्यता का एक निर्णय (न्यायालय द्वारा अकृतता (Nullity) की डिक्री)एक न्यायिक निर्णय है जो यह निर्धारित करता है कि विवाह कभी अस्तित्व में था ही नहीं। यह तलाक से इस मायने में अलग है कि वह विवाह को मानता है और तब उसे समाप्त करता है। अमान्यता का निर्णय घोषित करता है कि विवाह था ही नहीं और हमेशा शून्य रहा है क्योंकि ऐसी कई शर्तें हैं जिनके तहत भारत में विवाह को अवैध विवाह माना जा सकता है। एक पक्ष को दूसरे पक्ष के खिलाफ अदालत के समक्ष एक याचिका पेश करनी होती है, जिसमें विस्तार से रद्द करने का कारण बताया जाता है। 

Comments

    केशव सिंह

    April 30, 2024

    सर,
    मेरी शादी दिसंबर 2021को हुईं थी,तब से मेरी पत्नी शादी में विदा हो कर 8/12/2021को मेरे घर आई इसके बाद 22/04/2022को आई फिर27/04/2022को अपने मायके चली गई इसके बाद हमने बहुत प्रयास किया लेकिन वह नहीं आती दो बार जब मेरे घर आई उस समय भी उसने मेरे साथ सेक्स नहीं किया पहली बार जब आई तो बीमारी का बहाना बना दिया दुबारा masikdharm का बहाना बनाकर चली गई इस दौरान ढाई वर्षमे हमदोनो के बीच शारीरिक संबंध नहीं बने बुलाने को कहते हैं तो आत्महत्या करने की धमकी देती हैं।
    कृपया बताने की कृपा करें कि मुझे क्या करना चाहिए।

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