ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म के खिलाफ उपभोक्ता शिकायतें

आखिरी अपडेट Sep 29, 2022

उपभोक्ता ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म और खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से खरीदे गए डिजिटल और अन्य उत्पादों से जुड़े अनुचित व्यापार व्‍यवहारों के खिलाफ भी शिकायत कर सकते हैं। सामान या सेवाएं बेचने वाले किसी भी डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफॉर्म का मालिक, संचालक या उसका प्रबंधक एक ई-कॉमर्स इकाई होता है। भारत में एक ई-कॉमर्स इकाई अलग से ई-कॉमर्स नियमों द्वारा शासित होती है।

ये नियम केवल पेशेवर व वाणिज्यिक व्यवसायों पर लागू होते हैं, न कि उन व्यक्तियों पर जो अपनी व्‍यक्तिगतगत क्षमता में अपना काम करते हैं। उदाहरण के लिए, एक उपभोक्ता अमेज़न के खिलाफ शिकायत कर सकता है क्योंकि यह एक ई-कॉमर्स इकाई है जो नियमित रूप से अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट से सामान बेचने के व्‍यापार में लगी हुई है। इसके बावजूद, अगर अमेज़न जैसे प्लैटफॉर्म पर किसी उत्पाद के साथ कोई समस्या है, तो अमेज़न उत्पाद देयता कार्यों के लिए उत्तरदायी होगा, न कि उत्पाद निर्माता।

हालांकि दिलचस्प बात यह है कि ई-कॉमर्स इकाई के लिए उत्पाद देयता भारत से बाहर फैली हुई है। यानी ये प्लैटफॉर्म अपने देश के घरेलू कानूनों के अलावा, उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत समान रूप से उत्तरदायी हैं। उदाहरण के लिए, Liyid जैसी विदेशी ई-कॉमर्स इकाई भारत में अपने उत्पादों की डिलीवरी करती है; दोषपूर्ण / खराब उत्पादों के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के मामले में, भारत में और विदेशों में Liyid के खिलाफ उत्पाद देयता की कार्रवाई की जा सकती है।

ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्मों के उत्तरदायित्‍व 

ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म्‍स निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी होते हैं-

• उनकी साइटों पर मूल्य हेरफेर,

• प्रदान की गई सेवाओं में लापरवाही और ग्राहकों के साथ भेदभाव।

• भ्रामक विज्ञापन, अनुचित व्यापार व्यवहार और उत्पादों के ग़लत विवरण/जानकारी।

• दोषपूर्ण उत्पाद को वापस लेने या उसका भुगतान करने से इनकार।

• ग्राहक द्वारा प्राप्‍त वस्तुओं या सेवाओं के संबंध में चेतावनियां या निर्देश प्रदान न करना।

• किसी भी प्लैटफॉर्म पर बिक्री के लिए विज्ञापित वस्तुओं या सेवाओं की प्रामाणिकता और छवियों के बारे में ग़लत विवरण, और उल्‍लंघन।

हालांकि, यदि उत्पाद के खतरे सामान्य रूप से ज्ञात हैं तो वे उत्तरदायी नहीं होंगे। उदाहरण के लिए, यदि कोई उपभोक्ता फ्लेमथ्रोअर्स जैसे खतरनाक उत्पाद का दुरुपयोग करता है या उसमें कुछ हेरफेर करता है तो इसके लिए ई-कॉमर्स इकाई को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।

ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म से शिकायत 

ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म को ‘शिकायत निवारण तंत्र’ स्थापित करना चाहिए और भारतीय ग्राहकों के सरोकार पर कार्यवाही करने के लिए एक ‘शिकायत अधिकारी’ नियुक्त करना चाहिए। शिकायत निवारण तंत्र के बारे में विवरण ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। शिकायत अधिकारी को 48 घंटे के भीतर शिकायत स्वीकार करते हुए एक महीने की अवधि के भीतर समस्या का समाधान करना चाहिए।

Comments

    Ranjeet singh

    February 17, 2024

    घर पर गैस नहीं आ रहा है छः-सात महीने से

    Alka Manral

    June 4, 2024

    1800-22-4344 पर कॉल करने से आपको एक भारतगैस ग्राहक सेवा प्रतिष्ठान से जोड़ा जाएगा। आप टोल-फ्री नंबर के अलावा कभी भी 1906 पर भी कॉल कर सकते हैं।

    Kishan Kumar

    June 15, 2025

    Sir mere ghar ke paas mai ak atte ki mil hai jo bohot jada hi soor krti jisse mujhe bohot problem hoti hai or wo mil City mai bana hai jb ki usko city se bahar hona chahiye tha.
    Sir mere sar mai dard rehne lga uski baja se please koi ensan lijiye..
    Thank you

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों की जिम्मेदारी

बैंकों को अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के लिए अनिवार्य रूप से एसएमएस अलर्ट के लिए पंजीकरण करने के लिए कहना चाहिए।

सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं क्या हैं

सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं हैं, जो नागरिकों के लिए आवश्यक सेवाएं होती हैं।

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए दंड

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को दंडित करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास होती है।