सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को कुछ पितृत्व अवकाश लाभ मिलते हैं। जिन पुरुष कर्मचारियों के दो से कम जीवित बच्चे हैं, उन्हें अपने नवजात/गोद लिए गए बच्चे की देखभाल के लिए 15 दिनों की छुट्टी मिलती है।

मातृत्व लाभ कौन मांग सकता है?

आखिरी अपडेट Sep 25, 2024

सार्वजनिक क्षेत्र या सरकारी कर्मचारियों को कुछ निश्चित पितृत्व छुट्टी का लाभ भी मिलता है। 2 से कम जीवित बच्चों वाले पुरुष कर्मचारियों को अपने नवजात/गोद लिए बच्चे की देखभाल के लिए 15 दिनों की छुट्टी मिलती है।

आप मातृत्व लाभ ले सकती हैं,अगर आप:

  • पहली बार गर्भवती हो
  • दूसरी या तीसरी बार गर्भवती हो
  • 3 महीने से कम उम्र के बच्चे को गोद लिया हो
  • सरोगेट के माध्यम से बच्चा पैदा किया हो
  • गर्भपात (मिसकैरेज या अबॉर्शन) या ट्यूबेक्टॉमी ऑपरेशन से उबर रही हो

आप इस दौरान सवैतनिक छुट्टी लेकर मातृत्व लाभ का आनंद ले सकती हैं, अगर आपने अपनी डिलीवरी से पहले के 12 महीनों में अपने नियोक्ता के लिए कम से कम 80 दिनों तक काम किया हो। यह सभी गर्भवती महिलाओं पर लागू होता है। लेकिन, यह नियम उन महिलाओं पर लागू नहीं होगा जो असम राज्य में आकर बस गई है और प्रवास के समय गर्भवती थी।

इस कानून के तहत, केवल महिलाओं को ही मातृत्व लाभ मिलता है। पुरुष और वे व्यक्ति जो खुद को अन्य लिंग के साथ पहचानते हैं उन्हें इसका लाभ नहीं मिलता है। हालांकि, आप अपनी कम्पनी के अन्दर की नीति देख सकते हैं, क्योंकि वह आपको लिंग तटस्थ गर्भावस्था छुट्टी या पितृत्व छुट्टी का लाभ दे सकते हैं।

रोजगार के प्रकार:

नियमित (रेगुलर) कर्मचारी
मातृत्व लाभ सभी स्थायी, अस्थायी और संविदा कर्मचारियों को दिया जाता है, इसलिए किसी भी कर्मचारी को इस लाभ से रोकना या ना देना कानून के खिलाफ है।

कैजुअल/मस्टर रोल कर्मचारी
न्यायालयों ने माना है कि कैजुअल या मस्टर रोल के आधार पर नियुक्त महिला कर्मचारी जो दैनिक वेतन पर हैं, वे भी नियमित कर्मचारियों की तरह मातृत्व छुट्टी पाने की हकदार हैं।

संविदा (कंट्रक्चुअल) कर्मचारी
संविदा कर्मचारियों (यानि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी) को भी मातृत्व छुट्टी का लाभ दिया जाता है। सभी महिला संविदा कर्मचारी 26 हफ्ते की मातृत्व छुट्टी की हकदार हैं। हालांकि, एक महिला कॉन्ट्रैक्ट की समयसीमा के बाद मातृत्व लाभ का फायदा नहीं ले सकती है।

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उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए दंड

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को दंडित करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास होती है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

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