भारत का संविधान,1950, भारत के नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार देता है। अगर इन अधिकारों का हनन किया जाता है, तो नागरिकों को उसे लागू कराने का अधिकार होना चाहिए या उल्लंघन की स्थिति में अधिकारों को सुनिश्चित करने का प्रावधान भी होना चाहिए। संविधान कुछ उपचारों का प्रावधान करता है जिसका उपयोग लोग अपने मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए कर सकते हैं। कोई भी व्यक्ति अपने मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट या संबंधित हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर सकता है। यह रिट याचिका पांच प्रकार के संवैधानिक उपचारों में से किसी एक प्रकार की हो सकती है। संवैधानिक उपचारों के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करने का अधिकार भी एक मौलिक अधिकार ही है।
Sunil Sharma
January 4, 2023
भारत का संविधान,1950, भारत के नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार देता है वह मौलिक अधिकार कौन कौन से है? कृपया इसके बारे में जानकारी साँझा करें
Alka Manral
June 24, 2024
भारतीय संविधान, 1950 में नागरिकों को कई मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। ये मौलिक अधिकार भारत के नागरिकों के बेहतर जीवन और प्रगति को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शामिल किए गए हैं। यहां कुछ मुख्य मौलिक अधिकार सूचीबद्ध की गई है:
1. स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार:
– जीवन की संरक्षण (धारा 21): इस अधिकार के तहत हर व्यक्ति को स्वतंत्र जीवन की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार होता है।
– व्यक्तिगत स्वतंत्रता (धारा 19): यह अधिकार स्वतंत्रता की गारंटी है और स्वतंत्रता में जबरदस्ती से हस्तक्षेप के खिलाफ हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
2. सामाजिक मौलिक अधिकार:
– न्यायिक सुविधा (धारा 14): हर किसी को समान विचारधारा और न्यायिक सुनिश्चित करने का अधिकार होता है।
– धार्मिक स्वतंत्रता (धारा 25-28): यह अधिकार धर्म के प्रचार और प्रारंभ के स्वतंत्रता के अधिकार हैं, साथ ही यह विभिन्न धर्मों के अनुयायी धर्म व्यापार करने और अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।
3. सामाजिक और आर्थिक अधिकार:
– ऑफ़ेसियल्स को करागिरी का हक़ (धारा 16): यह अधिकार सरकारी अधिकारियों को स्पष्ट और व्यावसायिक तरीके से करागिरी के आधार पर काम करने का हक़ प्रदान करता है।
Sikha
November 8, 2024
Answer-
भारतीय संविधान, 1950 में नागरिकों को कई मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। ये मौलिक अधिकार भारत के नागरिकों के बेहतर जीवन और प्रगति को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शामिल किए गए हैं। यहां कुछ मुख्य मौलिक अधिकार सूचीबद्ध की गई है:
1. स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार:
– जीवन की संरक्षण (धारा 21): इस अधिकार के तहत हर व्यक्ति को स्वतंत्र जीवन की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार होता है।
– व्यक्तिगत स्वतंत्रता (धारा 19): यह अधिकार स्वतंत्रता की गारंटी है और स्वतंत्रता में जबरदस्ती से हस्तक्षेप के खिलाफ हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
2. सामाजिक मौलिक अधिकार:
– न्यायिक सुविधा (धारा 14): हर किसी को समान विचारधारा और न्यायिक सुनिश्चित करने का अधिकार होता है।
– धार्मिक स्वतंत्रता (धारा 25-28): यह अधिकार धर्म के प्रचार और प्रारंभ के स्वतंत्रता के अधिकार हैं, साथ ही यह विभिन्न धर्मों के अनुयायी धर्म व्यापार करने और अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।
3. सामाजिक और आर्थिक अधिकार:
– ऑफ़ेसियल्स को करागिरी का हक़ (धारा 16): यह अधिकार सरकारी अधिकारियों को स्पष्ट और व्यावसायिक तरीके से करागिरी के आधार पर काम करने का हक़ प्रदान करता है।
Poonam sant
October 10, 2023
Long answer