कोई भी व्यक्ति जिसे गिरफ्तार किया गया है और पुलिस की हिरासत में रक्खा गया है, गिरफ्तारी के चौबीस घंटे की अवधि के अंदर उसे निकटतम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। पुलिस द्वारा हर गिरफ्तार व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना इसलिए जरूरी है यह सुनिश्चित हो सके कि व्यक्ति की गिरफ्तारी के पीछे समुचित कानूनी आधार हैं। गिरफ्तारी के ज्ञापन समेत सभी दस्तावेजों की प्रतियों को, संबंधित मजिस्ट्रेट को उनके रिकॉर्ड के लिए भेजी जानी चाहिए। ऐसे मामलों में जब आरोपी व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया जा रहा है, तो एक बंदी प्रत्यक्षीकरण (ह्बीस कॉर्पस) याचिका दायर की जा सकती है।
सुरज बर्नवाल
August 31, 2024
मुझै पुलिश पकणी ओर छोण दि ओर मुझै थाने मे
पिटने की परकीरीया करने के बाद छोणा गया जिस का कोई पणीनाम नहि नीकला ओर मुझै
धमकी दिया गया कि जैल मे तुम हारी कोन बैल करायेगा