मकान मालिक/लाइसेंसकर्ता द्वारा किराए की अवधि के दौरान सुरक्षा जमाराशि लिया जाता है क्योंकि आप किरायेदार/लाइसेंसधारी के रूप में आप उसकी संपत्ति को अपने अधिपत्य में लेने जा रहे हैं। यह केवल तब वापस किया जाता है जब आप फ्लैट खाली करते समय आप मकान मालिक/लाइसेंसकर्ता को घर की चाभी सौंपते हैं। मकान मालिक/लाइसेंसकर्ता आमतौर पर घर का निरीक्षण किसी भी हुए नुकसान के लिए करेगा।
सुरक्षा जमाराशि की सौदेबाजी
एक मकान मालिक/लाइसेंसकर्ता कितनी सुरक्षा जमाराशि ले, इसके निर्धारण का कोई विशिष्ट कानून या विनियमन नहीं है। जब करार किया जा रहा होता है तो जमाराशि पर आमतौर पर सौदा किया जाता है। सुरक्षा जमाराशि (सिक्योरिटी डिपॉजिट) मकान मालिक/लाइसेंसकर्ता द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए लिया जाता है:
- किराए की अवधि के दौरान आपके द्वारा हुए किसी भी नुकसान की भरपाई करने के लिए
- नहीं भुगतान किये किराए या उपयोगिता के बिलों के भुगतान के लिए।
- किरायेदारों / लाइसेंसधारियों को बेदखल करने में इसे लिवरेज (उत्तोलन) के तौर पर उपयोग करना।
सुरक्षा जमाराशि (सिक्योरिटी डिपॉजिट) की रकम
कुछ शहरों में, दिल्ली और मुंबई की तरह, एक सुरक्षा जमाराशि के रूप में 1 से 2 महीने की किराया राशि लेने का चलन है, और कुछ अन्य जगहों में, जैसे बैंगलोर में, जमाराशि के रूप में ली जाने वाली रकम लगभग 10 महीने के किराये के बराबर होती है।
कुछ मकान मालिक/लाइसेंसकर्ता 11 महीने के समझौते के अंत में किराये के साथ सुरक्षा जमाराशि भी बढ़ा देते हैं।
चूंकि सुरक्षा जमाराशि को विनियमित करने वाला कोई कानून नहीं है, अतः यह आपके सौदा करने की क्षमता और आपके और आपके मकान मालिक /लाइसेंसकर्ता के बीच के सदभाव पर आधारित है।