सभी साक्षात्कार और जांच के दौरान, उन बच्चों और पक्षों की मदद करने के लिए जो विभिन्न भाषा बोलते हैं, या जिन्हें संचार में कठिनाई होती है, दुभाषिये और विशेषज्ञ मौजूद रहते हैं। ये लोग उन गवाहों की मदद करने के लिए रहते हैं जिनकी भाषा, उस विशिष्ट राज्य के न्यायालय की भाषा से अलग है। प्रत्येक जिले की ‘बाल संरक्षण इकाइयां’ (चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट्स) को, पीड़ितों और उससे संबंधित पक्षों को संचार मुद्दों पर मदद करने के लिए दुभाषियों और अनुवादकों को उपलब्ध करना होगा। यदि दुभाषिया उपलब्ध नहीं है, तो किसी गैर-पेशेवर को दुभाषिये के रूप में उपयोग किया जा सकता है लेकिन पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके हितों का टकराव (कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) ना हो। उदाहरण के लिए, एक पिता अपने बच्चे के लिए दुभाषिये का रोल अदा नहीं कर सकता।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- दुभाषिये को, परिवार के साथ बहुत अधिक घुलमिल जाने की आवश्यकता नहीं है और न ही उसे उनकी तरफ से बात करनी चाहिए। संप्रेषण की कठिनाइयों में मदद करना ही उसका एकमात्र कार्य होना चाहिए।
- दुभाषिये का परिवार या उस बच्चे के साथ कोई पुराना संबंध नहीं होना चाहिए।
- पीड़ित और अन्य पक्षों द्वारा दी गई सभी जानकारी बेहद गोपनीय है और किसी भी तरीके से इसका खुलासा नहीं किया जाना चाहिए।