एक अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज करना

आखिरी अपडेट Jul 13, 2022

एक अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत, उस अधिवक्ता द्वारा पेशा संबंधित, या उसके किसी दुराचार यानी अनुचित व्यवहार से संबंधित हो सकता है। ऐसा व्यवहार या कृत्य जो ‘दुराचार’ को दर्शाता हो उन्हें किसी भी बड़ी सूची से भी परिभाषित नहीं किया जा सकता। हमें यह ध्यान देने की ज़रूरत है अधिवक्ता की काम एक कुलीन पेशा है, और समाज में उनके लिए उच्च मानक तय किए गए हैं, जिनकी अपेक्षा एक अधिवक्ता से की जाती है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनका कानून में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन अतीत में कई अनुशासनात्मक कार्य देखने को मिले हैं, जैसे कि एक अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल को चाकू से धमकाने की कोशिश की, इत्यादि।

शिकायत करने के लिए फोरम

एक अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए स्टेट बार काउंसिल एक उपयुक्त फोरम है। स्टेट बार काउंसिल शिकायत प्राप्त होने पर, या अपने स्वयं के प्रस्ताव पर, उस अधिवक्ता के खिलाफ दुराचार का मामला अपनी अनुशासन समितियों में से किसी एक के पास दर्ज कर सकती है।

इसके अलावा, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासनात्मक समिति के पास यह अधिकार है कि वह किसी स्टेट बार काउंसिल में किसी लंबित कार्यवाही को वापस लेकर, मामले पर स्वयम् ध्यान दे।

शिकायत प्राप्त होने के एक वर्ष बाद से अधिक होने पर भी यदि मामला स्टेट बार काउंसिल के समक्ष लंबित रहता है, तो यह मामला बार काउंसिल ऑफ इंडिया को स्थानांतरित कर दिया जाता है। यदि कोई व्यक्ति स्टेट बार काउंसिल के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो उन्हें, निर्णय होने के 60 दिनों के भीतर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया को अपील करने का अधिकार है। यदि व्यक्ति बार काउंसिल ऑफ इंडिया के फैसले से भी असंतुष्ट है तो वह, उनके निर्णय के 60 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकता है।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

स्टेट बार काउंसिल एक अधिवक्ता के खिलाफ उन्हीं शिकायतों को स्वीकार करते हैं, जो याचिका के रूप में होती हैं, और जो विधिवत हस्ताक्षरित और सत्यापित (वेरिफाइड) होती हैं। यदि आप इसके लिये फॉर्मेट जानना चाहते हैं, तो आप अपने स्टेट बार काउंसिल से संपर्क कर सकते हैं, जिसके पास शिकायत दर्ज करने का एक निर्धारित मानक फॉर्मेट होता है जो फीस भरने पर मिलता है। इसके अतिरिक्त, यह फॉर्मेट अंग्रेजी, हिंदी या संबंधित राज्य की भाषा में भी होता हैं।

किसी व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद, स्टेट बार काउंसिल की अनुशासन समिति इस मामले की जांच करती है।

एक अधिवक्ता को दंडित करना

जब किसी अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज हो जाती है, तो स्टेट बार काउंसिल की अनुशासन समिति उस अधिवक्ता को खुद को बचाव करने का अवसर देती है। इसके अलावा, जांच के दौरान राज्य के एडवोकेट जनरल भी मौजूद रहते हैं। जांच के बाद, समिति निम्नलिखित कार्रवाई कर सकती है:

  1. वह अधिवक्ता को फटकार लगा सकती है;
  2. निर्धारित समय के लिए अधिवक्ता को निलंबित कर सकती है;
  3. राज्य की सूचि (रौल) से अधिवक्ता का नाम हटा सकती है;
  4. दर्ज की गई शिकायत को खारिज कर सकती है।

Comments

    Kamlesh Kumar Mishra

    July 13, 2023

    Mujhe advocate ke against complain karna hai jisne mujhse 20000 rs lekar case chor diya

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    Agar aapke saath aisa koi hadsa hua hai jisme kisi vakil ne aap se paise lekar phir bhi aapki madad nahi ki, to aap kuch steps follow kar sakte hain:

    1. Bar Council of India (BCI): Yeh ek regulatory body hai jo vakilon ki shikayaton ko sunta hai. Aap BCI ke website par jakar unke dwara provide ki gayi guidelines aur complaint procedure ke baare mein jaankari prapt kar sakte hain.

    2. State Bar Council: Har state mein ek Bar Council hoti hai jo local level par vakilon ki shikayaton ko dekhti hai. Aap apne state ke Bar Council se sampark kar sakte hain aur apni shikayat darj kar sakte hain.

    3. Consumer Forum: Agar aapne vakil se kisi bhi tarah ka contract sign kiya hai aur unhone us contract ko breach kiya hai, to aap Consumer Forum mein complaint darj kar sakte hain. Consumer Forum ke andar vakilon ke khilaf shikayat darj karne ka option hota hai.

    4. Police Complaint: Agar aapka vakil aapke saath dhoka ya fraud kar raha hai, to aap uske khilaf police complaint darj kar sakte hain.

    5. Legal Action: Agar sabhi upar diye gaye options nakam rahe, to aap vakil ke khilaf legal action bhi le sakte hain aur court mein case file kar sakte hain.

    In sabhi options ko dhyan se samjhe aur apni sthiti ko dhyan mein rakhte hue action lein.

    आरिफ s/o अब्दुलरहमान

    May 14, 2024

    एक वकील ने मेरे से भी ऐसा कीया की मेरे भाई पर धहज का एक मुकदमा है और वो मेने अ स्थाई वकील बनाया जो की वो वकील मेरे से अब 15000₹मांग रहा है और उसने 1200₹का काम है अब क्या करना चाहिए और एनोसी नहीं दे रहा है

    Subhash dadhich

    July 6, 2024

    Agar advocate se koi agreement nahi kiya or usko pehle advocate ke case chod dene se dismissed in default huye case ko report karne ka kaha paise diye par usne kuch nahi kiya kevel jhuti jankari deta Raha ki case chal raha hai par koi case reopen nahi kiya or samay 6 sal 2004 se 2010 Tak kharab Kiya or baad me cheque se 6000/- lota diye 2014 me par muje 1000000/- ka nuksaan ho gaya or ab pensions bhi kam mil rahi hai kya kar sakte hai

    Hansraj

    August 22, 2024

    Mera vakil mujhe notice bhej kar mujhse jabardasti paise vasul kar raha hai vakil hone ki dhamki de raha hai ki vakilon se panga lega ham Tera Ghar bikva denge aur mujhe bekhud ki notice bheja hai galat galat hisab banaya hai 11000 Salah ka hai 45000 ke fees hai jabki hamari usse Koi fees ki baat nahin hui thi aur aap mujhe vah dhamka raha hai Mera meri wife se jhagada hua tha maine divorce ka notice dala tha aur meri usse divorce ke liye 15000 ki baat hui thi FIR Maine file lekar case band karne chala Gaya ki vah naraj hokar mujhe notice de raha hai galat galat paise lagakar notice bhej raha hai aur usko main 30000 ₹500 de chuka hun jabki 15000 ki baat hui thi

    Sk sharma

    September 26, 2024

    एक वकील अपने बच्चो मारता व बुरे तरीके पीटता गाली गलौच करता है और सभी मां बाप, पत्नी व भाई अन्य के साथ भी ईसी तरह व्यवहार करता है

    Sikha

    November 8, 2024

    यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार के सदस्यों, विशेषकरबच्चों, पत्नी, माता-पिता या भाई-बहनों के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा यागाली-गलौच करता है, तो यह भारतीय कानून के तहत गंभीर अपराध है।इसके लिए कानूनी उपायों और संबंधित धाराओं का उल्लेख नीचे कियागया है:
    घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005
    * (इस अधिनियम के तहत पत्नी या महिला संबंधी घरेलू हिंसा कीशिकायत कर सकती हैं। इसमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आर्थिक, और यौन हिंसा शामिल है।
    * पीड़िता अदालत से सुरक्षा आदेश, निवास आदेश, और मुआवजाआदेश प्राप्त कर सकती है।
    भारतीय न्याय संहिता, 2023
    * धारा 115(2): यदि किसी व्यक्ति ने जानबूझकर किसी को चोटपहुंचाई है, तो उसे एक साल तक की सजा या जुर्माना, या दोनों होसकते हैं।
    * धारा 351, 351(2), 351(3): आपराधिक धमकी देने के लिए 7 साल तक की सजा हो सकती है।
    * धारा 79: यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की गरिमा का अपमानकरता है या उसे भद्दे शब्द कहता है, तो उसे एक साल तक की सजाहो सकती है।
    * धारा 86: यह धारा किसी महिला के साथ उसके पति या ससुरालवालों द्वारा की गई क्रूरता के खिलाफ है। इसमें 3 साल तक कीसजा का प्रावधान है।
    जुवेनाइल जस्टिस (बाल न्याय) अधिनियम, 2015
    * बच्चों के साथ हिंसा करने या उन्हें दुर्व्यवहार करने पर जुवेनाइलजस्टिस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसमें बच्चोंकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
    चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) पर आप कॉल कर सकते हैं
    * यदि बच्चों के खिलाफ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार हो रहा है, तोचाइल्ड हेल्पलाइन (1098) पर कॉल करके तुरंत मदद ली जासकती है।
    भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
    * यदि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है, तो पीड़ित पक्ष अदालतमें धारा 156(3) के तहत आवेदन कर सकता है और अदालत केआदेश पर एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है।

    अभिलाष तिवारी

    August 13, 2024

    तीन वकील बदलते हो गए पहला वकील चार माह से का नोटिस भेज रहा था ओ तामिल नही हो रहा था क्योंकि पता सही नही था फिर अचानक तामिल हो गए क्योंकि अनावेदक के पक्ष के दलाल वकील से मिल लिया दूसरा लीगल पेपर को फर्जी और फर्जी पेपर को लीगल बताया तीसरा वकील हम लोगो को गोल गोल घुमा रहा है परिवाद लगाने कहा तो नही लगाया स्टे लगाने कहा नही लगाया बहुत जोर जबरदस्ती किए तब किया उसमे भी सुनवाई नही हो रहा है फर्जी व्यक्ति खड़ा होकर केश लड़ रहा है ओ सबूत देने के बाद भी वकील कुछ नही कर रहा है अब समझ नही आ रहा की क्या करे क्योंकि हमको हराने के लिए हर संभव कोशिश हो रहा है फिर वकील बदला और ओ भी यही किया तो क्या करेंगे क्या हम हाईकोर्ट जा सकते है अभी केश सिविल न्यालय में है जो केश लगाया था जैसा का वैसा ही है

    SURAJ KUMAR TIWARI

    March 1, 2024

    Same mere sath bhi waist hi Kiya gya ek succetion certificate ke liye 2019 me dakil kiya thaa but abhi tk o log fasa kr rakha hai paisa bhi mere se 40000 le liye hai ye sb wakil nhi hai jalad hai

    Alka Manral

    June 4, 2024

    Aapke uttaradhikar praman patra ke liye kiye gaye arzi aur usme hone wale vilamb ke sandarbh mein, aapke paas kuch legal options hain jo aap istemal kar sakte hain:

    Vakil Badalna: Agar aapko lagta hai ki aapka vartamaan vakil aapke prakaran mein sahi se madad nahi kar pa raha hai, toh aapko dusre anubhavi vakil ki talash karni chahiye jo aapke case ko sahi dhang se sambhal sakta hai.
    Bar Council mein Shikayat: Agar aapko lagta hai ki aapka vakil anuchit vyavhar kar raha hai ya phir usne aapse paise liye hain aur kaam nahi kiya hai, toh aap apne rajya ki Bar Council mein iski shikayat kar sakte hain. Vahan se aapko zaroori karyavahi ki jankari mil sakti hai.
    Naya Vakil aur Tezi se Karyavahi: Naye vakil ke saath mil kar aapko chahiye ki aap uttaradhikar praman patra ke liye kiye gaye aapke application ki sthiti check karein aur dekhein ki karyavahi mein tezi lai ja sakti hai ya nahi.
    Kaydeshir Salah aur Sahayata: Agar aapko lagta hai ki vakil par zyada kharch ho raha hai, toh aap local legal aid centers ki madad le sakte hain jo kam kharch ya muft mein salah dete hain.
    Mansik aur Bhavnatmak Samarthan: Lambi kaydeshir prakriya se hone wali mansik aur bhavnatmak thakan ko kam karne ke liye apne parivar aur doston ka sahara lein aur zarurat padne par professional madad bhi le sakte hain.
    Ye kuch kadam hain jo aap apne uttaradhikar pramanpatra ke liye lage case ko aage badhane aur jaldi se hal karne mein madadgar sabit ho sakte hain.

    Abul bashar azmi

    August 12, 2024

    आदाब सर, म़ै आजमगढ़ यछपी का रहने वाला हूं।मेरी तहसील निजमाबादहै।SDM.COURT. में बिना डिग्री व रजिस्ट्रेशन के वकील बनखर खड़े ह़ते हैं ऐसे कई लोग है यसडीयम से शिकायत की जिसका वीडियो है।मगर सन्तोष जनक उत्तर नही दिया गया।ऐसे मे मै कैसे शिकायत और कहां करू।
    अबुलबशर आज़मी पत्रकार

    Hariom Tiwari

    March 8, 2024

    Ek advocate hi jo kanpur court me hi Barra 8 b13 nivasi hi usne mere upar Kai farji cases lagaye hi Paisa na hone ke Karan Mai uske khilaf kuch nhi kar pa raha hoo.aj tak mere mohalle me na police ne poochtach ki na mujhe jankari hui Kai saal baad jankari ho rahi hi ki mere upar case hi

    Alka Manral

    June 10, 2024

    yadi ek vakeel ne aapke khilaaf farji maamale darj kiye hain aur aapko iske khilaaf kuch karne mein mushkil ho rahi hai, toh aap nimnalikhit kadam utha sakate hain:
    1. apne sthaaneya police ko soochit karein: aapko apne sthaaneya police ko is maamle ki soochana deni chahiye. ve aapki shikaayat ko note karenge aur uske khilaaf kaanooni kaarravayi karenge.
    2. nyaayik salaahakaar parishad (Bar council of india) ko sampark karein: aap vakeel ke khilaaf shikaayat darj karane ke liye nyaayik salaahakaar parishad ko sampark kar sakte hain. unhen aapaki samasya ke baare mein soochit karein aur unhen aapaki madad karne ke liye unhen sabhi aavashyak jaanakaari pradaan karein. Email: info@barcouncilofindia.org/Website: https://www.barcouncilofindia.org/
    3. sthaaneey kadaam court mein appeal karein: aap apni jaankari ko sthaaneya kadaam court mein bhi le ja sakte hain aur apne khilaaf farji maamale ke khilaaf appeal kar sakte hain.

    Ranjan

    April 30, 2024

    Muje apne advocate ke against complain karna hai case ke liye rs 50000/- diye aur case disposal hua phir representation hua aur vibhag dwara advocate ke galat likhne ki wajah se cancel hua aur ab advocate first appeal nahi kar raha hai

    रवि आनन्द

    July 21, 2024

    हमारे सिविल स्पेसिफिक परफार्मेंस में चार एडवोकेट ने केस को विवादास्पद बना कर पहली पेशी के साथ ही केस छोड़ दिया । बार काउंसिल दिल्ली में दो शिकायत दर्ज करवाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई । इसके प्रतिवादी पक्ष के पास पुख्ता प्रमाण हैं । CS (OS) 132/2020 दूसरे कोई एडवोकेट नहीं सत्य तथ्य तर्कों से कोर्ट में बहस करने को तैयार नहीं है । क्या करें क्या आप बताएंगे ❓❓🙏👌

    Shivansh thagele

    August 9, 2024

    indore madhya pradesh se ganga colony dhar road rehta hu mera name shivansh thagele hai me shadi me photography karta hu mera ek client jiska name dushyant Sharma kachi mohalla jail road indore me rehta hai mene dushyant sharma ka yaha shadi me photography ka kam kara tha 1 year pahle to vo kam mene 30000 me 4 din ki shadi ka kam kara tha jisme 20000 dushyant sharma ne muje advance pese diye th shadi me aue baki ke pese shadi ki video aur album ke bad dena th to mene dushyant sharma ka kam pura kar diya aur pura video album bana ke bhi dediya ab dushyant sharma muje mere baki ke pese 10000 nhi de Raha hai mene pese mange to mujse gali galoch karne laga aur bolne laga ki advocate hu kya bigad lega maa aur behn ki gali dene laga me apne ghar ke pass me chandan Nagar Thane me complaint karne gaya to waha meri complaint nhi likhi bar bar idhar jao udhar jao asa bolne lage chandan nagar police Thane ke adhikari me apne ghar me akela karne wala hu mere papa se itna Kam nhi hota hai meri request hai chief minister ji se ki please meri problem ko slof kare meri help kare me akela hu to inse kese pese lu muje data rahe hai gali bak rahe hai aur mene shadi ka pura video dediya hai album bhi print kar diya hai fir bhi muje mere pese nhi de rahe hai meri request hai chief minister ji se ki chandan nagar police Thane me meri complaint likh le aur uchit karywai kare asa adesh kar diye jaye muje niaye chaiye nito muje meri family ko problem ajeyegi me boht pareshan ho gaya hu phone kar karke please mahodaya meri help kariye indore madhya pradesh se shivansh thagele 🙏🙏🙏😔😔😔😔

    Sanjay Kumar yadav

    August 7, 2023

    संतोषजनक जवाब नहीं है।स्पष्ट जवाब दे।

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    पुनः अपना प्रश्न पूछें।

    Dev

    March 6, 2024

    Mujhse ek vakil ne shadi me miss behave Kiya tha mamla police me bhi chala gya tha waha dono ka faisla hua …lekin usne fir se mere sath wahi Kiya mujhe against complaint dalni h …ya to usko htaya jaye ya kuch dino ke liye suspend kiya jaye

    Alka Manral

    June 4, 2024

    Aap aapke local bar council me ek complaint daal sakte hai English, Hindi ya aapki local bhasha me. Aapko is complaint ke sath court fees bhi jama karna hoga. Bar Council is complaint ko disciplinary committee ke paas bhejegi par iske pehle woh aapse behtar aur zyada jaankari le sakti hai ya us vakeel se jiska khilaaf aap complaint darj kar rahe ho unse unka comments le sakti hai ek seemit samay me.
    Bar Council me appeal ke liye:-
    1. Aapko appeal writing me dena hoga
    2. Sare vyakti jo pehle parties the abhi bhi parties rahenge
    3. Yadi vakeel mar jata hai toh usko koi aur pratinidhitv karega.
    Appeal ke sath Aapko jis aadesh ke viruddh appeal ki gayi hai uski certified copy disciplinary committee ke Registrar dvaara hastaaksharit honi chahiye.

    Alok

    April 25, 2024

    Kisi advocate par Bina koi notic deye F i R karna sahai hota hai kya
    Ishka jawab de sir jee

    Alka Manral

    July 8, 2024

    Jee, agar aap kisi advocate par F.I.R. darj karna chahte hain, toh aam taur par aapko pehle us advocate ko notice dena zaroori hota hai. Notice dene ka uddeshya yeh hota hai ki advocate ko mauka mile apne mudde ka jawab dena, aur unke dwara ki gayi kisi bhi galat ya anuchit karyawahi ko rokne ka bhi ek mauka milta hai.
    F.I.R. darj karne se pehle notice dena ek legal principle hai jo fair trial aur natural justice ke mool tatvon ko dhyan mein rakhta hai. Yeh vyavastha bhi hai ki agar aapko apne advocate ke kisi bhi vyavahar se pareshani hai, toh pehle usse samajhne ki koshish karni chahiye aur unhe is baare mein suchit karna chahiye.
    Agar aap bina kisi notice ke F.I.R. darj karte hain, toh yeh kisi bhi adalat mein samajhaya ja sakta hai ki aapne fair procedure ka ullanghan kiya hai. Isliye, samajik aur kanooni drishti se, notice dena aur advocate ko sunvai ke liye mauka dena zaroori hai, aur phir bhi yadi samasya hal nahi hoti hai, tab F.I.R. darj karne ka vikalp upalabdh hota hai.

    Satya pal

    May 1, 2024

    Mere GST vakil ne. COVID se pehle mujhse fees lekar Mera koi bhi kam nahi kiya na hi mera password aur I d mujhe di mera covid m hi business band ho gaya tha mere GST ka use bhi nahi hua h in future koi preshani to nahi h

    Payal kasyap

    June 12, 2024

    Mere husband sas aaye din bike paisa gold ki chain mangte hai baat baat par maar pit karte thy Thane may samjhota hua 10 se 12 baar fir bhi aadat nahi sudhri finally FIR kiya hai maine 498 a lga hai dono maa bete par ab btaiye police ko paisa khila diya or ghum rha hai court may mamla phuch gaya ab btaiye girftari kaise hogi uski bail bhi file kiya hai bail ka condition kya hai

    Ashish

    July 9, 2024

    Mera accident claim case hai jo clear ho Gaya hai …but vakil cheque issue karne k liye commitment se jyada paise maang raha hai

    कमल किशोर पराशर

    August 21, 2023

    प्रेषक:कमल किशोर पराशर,
    बडी हैबोबाल कलां, दुर्गापुरी,22फुटी रोड़,गली नम्बर-15,रेन्ट हाऊस नo.8267,
    लुधियाना-141001,
    बट्स ऐप 62831-50412,
    Email-kamalkishorprashar@gmail.com
    ——

    मान्यबर चेयरमैंन,बार कौन्सल,सुप्रीम कोर्ट

    महोदय,
    निबेदन है की 30-32 साल से लोहर कोर्ट पटियाला से लेकर पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट चण्डीगढ़ तक कब तक सब फेक होता रहेगा ?और कनून का और न्याय का कबतक कतलेआम होता रहेगा और बार कौन्सल, सैकट्र -37/ए, चण्डीगढ़ और बार कौन्सल,सुप्रीम कोर्ट और बार कौन्सल दिल्ली कब तक कृमीनलों की मदद करती रहेंगी ?

    सुप्रीम कोर्ट का मुझ कमल किशोर पराशर से 17000/- रूपय फीस लेकर खाने बाला गद्दार, बेईमान,धोखेबाज बकील‌ नीरज कुमार‌ जैन,सुप्रीम कोर्ट बार कौन्सल ओल्ड बिल्डिंग चैम्बर नम्बर-28, रेजीडेन्स कम औफिस 169/ए, बिनोबापुरी लाजपत नगर-11,‌नई दिल्ली जो पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट चण्डीगढ़ के मुझ कमल किशोर पराशर‌ से 5000/- रूपय अडबान्स फीस लेकर खाने बाले गद्दार,बेईमान,धोखेबाज बकील‌ जगदीश मनचन्दा,बार कौन्सल रूम नम्बर-2 के साथ मिल कर मुझ कमल किशोर पराशर से झूठ बोल-बोल कर हमें बर्बाद और कत्लेआम करबाता रहा और 62 पेज की फेक फायल‌ तैयार करके मुझ कमल किशोर पराशर को भेज‌ दी जिसे पीडीएफ फाइलों के साथ बार कौन्सल सैकटर‌ 37/ए, चण्डीगढ़ को दी गई थी,

    17-10-2015 की कृमीनलों की लिस्ट के साथ 81 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड जो माननीय सैशन जज,पटियाला को भेजी जिसे रजिस्ट्रार बिजिलेन्स पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट चण्डीगढ़ को रैफर कर देने पर मुझ कमल किशोर पराशर को रजिस्ट्रार बिजिलेन्स के 2 लैटर 83,84 दिनांक: 16-2-2016 मिले जिनका जबाब बिना बिल्म्ब किये 29-2-2016 को 77 कृमीनलों की लिस्ट के साथ 184 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड में जबाब देते हुये लिखा कि जब लोहर कोर्ट पटियाला में अरूनबीर बशिष्ठ,जज की अदालत में suspension की दायर Civil Suit No.661-T Dated:9-2-1995 amended plaint dated: 07-02-1996 का भी जबाब दाबा तक जब Defendant No.1-Central Council for Research in Ayurveda and Sidha, through its Director, Jawahar Lal Nehru, Bhartiya Chikitsa avum Homeopathy Anusandhan Bhawan No.61 to 65 opp.(D)Block Institutional Area Janakpuri,New Delhi -110058 ने दायर तक नहीं किया,
    Defendant No.2-K.N. Mishra,Research officer,Indian Institute of KayaChikitsa, Patiala ने भी जबाबदाबा तक दायर नहीं किया और Defendant No.3-K.N.Tejpal,Office Supdt.,Indian Institute of KayaChikitsa, Patiala ने भी जबाब दाबा तक दायर नहीं किया,

    तो मुझ कमल किशोर पराशर-पलैंन्टिफ की suspension की दायर Civil Suit No.661-T Dated:9-2-1995 amended plaint dated: 07-02-1996 कैसे चलती रही ?

    और चलते मुकदमें के दरम्यान मुझ कमल किशोर पराशर- पलैन्टिफ के 90% से ऊपर मासिक बेतन और अलौसिज काट कर मुझे हर महीने 214 रूपय 80 पैसे अलौसिज देकर मेरे और मेरे परिबार के रोटी पानी तक के सभी खर्चे बन्द करके मुझे और मेरे परिबार को जबरदस्त शारीरिक और मानसिक मैन्टल हराशमेन्ट करते हुये हमारी जबरदस्त मानहानी करते हुये हमें बर्बाद और कतलेआम करने बाले कातिल‌ Defendants की मदद करने बाले कातिल अरूनबीर बशिष्ठ,जज की कातिल अदालत में मुझ कमल किशोर पराशर- पलैन्टिफ की Civil Suit कैसे चलती रही ?

    और फिर 10-5-1996 को कातिल बकील एस के शर्मा और कातिल बकील आर के शर्मा बाप बेटे ने कातिल माया राम युनियाल‌ को फेक पार्टी बनाकर फेक written statement on the behalf of the defendants to the amended suit.

    Submitted by
    Maya Ram Uniyal for him self and on the behalf of the Defendant No.1 कैसे कातिल अरूनबीर बशिष्ठ,जज की कातिल अदालत में कैसे दायर हो गई ?

    फिर 1-7-1996 को इस कातिल फेक पार्टी माया राम मुनियाल ने मुझ कमल किशोर पराशर- पलैन्टिफ को सर्बिस से रमुबल करके मुझे मिल रहे 214 रूपय 80 पैसे भी बन्द करके मुझ कमल किशोर पराशर-पलैंन्टिफ को और मेरे परिबार को फिर जबरदस्त शारीरिक और मानसिक मैन्टल हराशमेन्ट करते हुये,हमारी जबरदस्त मानहानी करते हुये हमें फिर हर तरफ से बर्बाद और कत्लेआम करबा दिया,
    फिर लगातार पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट चण्डीगढ़ के कातिल जे एस नारंग,जज की कातिल अदालत तक कातिल फेक पार्टीयां बन कर कातिल बकीलों के थ्रू कैसे आती रहीं ? और कातिल बकील पंबन कुमार मुतनेजा जो 10-15 कातिल बकीलों का गिरोह है ने कातिल Dr.M.V. Acharya को फेक पार्टी बनाकर फेक R.S.A. No.3266 of 2000 Dated:14-8-2000 कैसे कातिल जे‌ एस नारंग,जज,पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट चण्डीगढ़ की कातिल अदालत में कैसे दायर हो गई ?
    फिर हर जिम्मी और कोर्ट फायल पर कैसे बदलता चला गया ?‌और फेक कोर्ट फायल कैसे बनती चली गई ? और 29-4-2002 के 2 फेक फैंसले कातिल कापी ब्राच में कैसे पहुचे ? तक 77 कृमीनलों की लिस्ट के साथ 184 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड में जबाब दिया,

    लेकिन जब कोई न्याय और जानकारी नहीं मिली तो फिर 9-8-2017 को सैक्टरी जनरल, बार कौन्सल,सैकट्र-37/ए चण्डीगढ़ को 17-10-2015 की कृमीनलों की लिस्ट के साथ 81 पेज की और 29-2-2016 की 77 कृमीनलों की लिस्ट के साथ 184 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड की कापी भेजी तो मुझ से 1000/- फीस,ऐफेडैबिट और 17-10-2015 की कृमीनलों की लिस्ट के साथ 81 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड के 13 सेट और 29-2-2016 की 77 कृमीनलों की लिस्ट के साथ 184 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड के 16 सेट और लिये, फिर 2 बार मुझे कमल किशोर पराशर को बुलाने पर मैं 2 बार कृमीनल‌ कम्पलेन्ड रूम के क्लर्क सन्दीप शर्मा के साथ मिल कर 17-10- 2015 की 81 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड के 3 सेट और 29-2- 2016 की 77 कृमीनलों की लिस्ट के साथ 184 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड के 17 सेट के साथ कृमीनल‌ बकीलों के नाम, एंडर्स,और फोन नम्बर जो मेरे से मांगे गये थे सभी 14 और 17 सेटों के साथ लगा कर तैयार किये गये इन्हें तैयार करने में कृमीनल कम्पलेन्ड रूम के 2 और क्लर्कों ने सन्दीप शर्मा क्लर्क का सहयोग दिया,

    लेकिन जब कोई जानकारी नहीं मिली तो 17-10-2015 की कृमीनलों की लिस्ट के साथ 81 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड के 2 बिडियो और 29-2-2016 की 77 कृमीनलों की लिस्ट के साथ 184 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड के 6 बिडियो‌ भी पीडीएफ फाइलों के साथ बार कौन्सल की email पर और बट्स ऐप नम्बरों पर भेजे गये और पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट चण्डीगड़‌ को भेजे गये,
    लेकिन बार कौन्सल में बैठे कृमीनलों ने आज तक कोई न तो न्याय दिलाया और न ही कोई जानकारी दी और जब भी RTI लगाई जाती तो बहां बैठा कातिलों की मदद करने बाला कातिल महिंद्र सिहं, पब्लिक इन्फोर्मेशन औफिसर,बार कौन्सल सैकट्र 37/ए,चण्डीगढ़ बार बार पिछले लैटरों का हवाला देकर कातिलों की मदद करता 5-5-2023 को फिर RTI लगाई लेकिन इस कातिल‌ महिंद्र सिहं, पबलिक इन्फोर्मेशन औफिसर, बार कौन्सल पंजाब एण्ड हरियाणा सैक्टर 37/ए‌ चण्डीगढ़ ने मांगी गई जानकारी नहीं देते हुये फिर पिछले लैटरों का जिक्र किया जब की सभी लैटरों में जो भी मांगा दें दिया गया लेकिन से कातिल महिंद्र सिंह के against बार कौन्सल के चेयरमैन,बाईस चेयरमैन और जनरल सैकट्री ने कोई कानूनी कार्रबाई नहीं की,

    मैं आप जी सेबा में 17-10- 2015 की 81 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड के 2 बिडियो और 29-2-2016 की 184 पेज की कृमीनल कम्पलेन्ड के बिडियो भेजे रहा हुं,

    और 5-5-2023 की RTI की कापी और मिले जबाब की कापी भी भेज रहा हुं :-

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    आपको सुप्रीम कोर्ट में उच्चतम बेंच में अपील करनी होगी, हालांकि यह समय लेने और निराशाजनक हो सकता है, लेकिन न्याय के लिए न्यायपालिका को समय लगेगा।

    शेख कलाम शेख युसुफ

    April 4, 2024

    मेरे को दरियापुर वकील के बारे में शिकायत करने की है मैच करना है क्योंकि उन्होंने मेरे 3:30 लख रुपए का नुकसान हो गया जो चेक उन्होंने दबा के रखे थे वह चेक की मदद खत्म हो गई अब मैं क्या करूं मेरे पास फांसी लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं है

    Manpreet

    May 9, 2024

    Hme ek vakil ke khilaf file krni h jo ki marriage registrar ke leye foreign ke leye register karani thi to 31000 rs lene ke baad 2 month ka time deya or jbse 7 month ho gye h ab us vakil ko call krte h to voice record krke bhej deta h ki abhi nhi hua h ab bataye hum kya kre

    Sikha

    November 8, 2024

    Bar Council of India ko appeal dark karke advocate ki shikayat kar sakte hain

    Narasarambeniwal malwa

    September 21, 2023

    सेवा श्रीमान जी
    बाहर ऐसोसिएशन काउंसिल जोधपुर

    विषय- वकील द्वारा परीवादी को ऐनुसी नही देना के बाबत
    नरसाराम पुत्र राजूराम जाती जाट निवासी ग्राम पंचायत चिबी पुलिस थाना गिडा जिला बाड़मेर
    9828527114
    ईश प्रकार है की एक मेने बाड़मेर मै वकील किया नाम है पुंजराज बामडिया फोन नंबर 9414 6272 52 तथा पैसा 10 हजार रुपये दिए ओर काम कुछ नहीं करता है अपराधयो से गठजोड़ रखता है वापिस ऐनुसी मांगता हु किधर भाग जाता है कई महीनों शक्कर काटता हु मेरे से मिलता नही है ओर उशने 1000 रूपये वापिस करने की बात कही audio भी मेरे पास धन्यवाद

    Dukhabhanjan biswas

    October 19, 2024

    Mere sath hi vakil ne jalsaji kiya hai meri beti ko 14 sal ki thi jab ek ladke ke pyar me preganent ho gai aur ab meri beti ka 1.5 sal ka bachcha bhi hai jo hamare sath hai …..
    Vakil ki bato me aakar hamne samjhauta kiya ,… Samjhauta hone ke bad ladka pasco case me bari ho gaya aab ladka pakch nahi apna rahe meri beti ko jab hamne vakil se bat ki to case reopen karne ki …to vakil hamara sath hamara sath nahi diya ab hum kya kare. Kya vakil ke nam cas kiya jasakta hai ab to hame nyay pranali par se viswas uth gaya hai kya kare kaha jay

    मोहर सिंह भास्कर

    September 24, 2023

    मैंने बीमा कंपनी के विरुद्ध कैश किया था वकील ने बीमा कंपनी के वकील से मिलकर बहस के समय अनुपस्थित हो गया जिससे मैं कैश हार गया।

    Alka Manral

    June 11, 2024

    यदि आपका वकील अन्य पक्षों के साथ मिलीभगत कर रहाथा जिसके कारण आप केस हार गए, तो आप Advocates Act, 1961 की Section 35 का सहारा ले सकते हैं जो किसी भीवकील को उनके कदाचार के लिए दंडित करती है। कृपयासमाधान के लिए संबंधित बार काउंसिल को एक शिकायत भेजें

    Sikha

    November 8, 2024

    देखिए, यह परेशानी है और आपकी मानसिक शांति बहुत ज़रूरी है और शांति से रहना आपका हक है जिसे कोई और नहीं लेसकता। आप पुलिस में जाकर शिकायत कर सकते हैं या फिर घर के आस-पास की संस्थाओं जैसे कि पंचायत या आरडब्ल्यूए के हेड को भी बता सकते हैं ताकि उन लोगों को चेतावनी देने के लिए। हम जैसे रहते हैं उस समाज में जहाँ हम रहते हैं, हमें वहाँ शांति से रहने की ज़रूरत है। और यह तो परेशानी है जिस चक्कर में आप कोर्ट में मुकदमा भी कर सकते हैं।

    Kiran Jaiswal

    September 26, 2023

    महोदय
    पत्नी किरण जयसवाल पत्नी श्री हरि ओम जायसवाल 54 बी बी लाल बंगला केडीए चौराहा कानपुर के निवासी हैं प्रार्थी के दो पुत्र अभय जायसवाल एवं कार्तिक जायसवाल हैं मेरे बड़े बेटे अभय जायसवाल की शादी 2019 में एडवोकेट चेतन गुप्ता की बेटी दी वेदिका गुप्ता से लव मैरिज हुई थी शादी के 2 महीने बाद से ही मां बेटी मेरे घर पर लड़ाई झगड़ा एवं हंगामा करना शुरू कर दिया मेरे बेटे से प्लांट की डिमांड करने लगी और धमकी देने लगी कि मैं वकील हूं तुम्हारे ऊपर दहेज प्रथा लगाऊंगी और रोज-रोज लड़ाई झगड़े की वजह से बड़े-बड़े बेटे अभय जायसवाल ने नारा मुंह में प्लांट दिल दिया और उसके बाद मेरे बेटे की गैर मौजूदगी में एडवोकेट चेतन गुप्ता और उनकी बेटी वेदिका गुप्ता ने 7 तोला सोना आधा किलो चांदी लैपटॉप एक टीवी वगैरह लेकर सब चली गई और जाकर मेरे पूरे परिवार के ऊपर दहेज प्रथा और भी बहुत सी गंदी-गंदी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया उसके बावजूद रोज थाने से मुझे फोन कॉल कर कर डराना धमकाना आयोग घर में पर गुंडे भेज भेजना भेज कर जान से मारने की धमकी दीदी दे रही थी यह सब चल ही रहा था कि चेतन गुप्ता 25 से 30 गुंडे के साथ कलेक्टर गण थाने के सामने मेरे पति पर जानलेवा हमला किया जो की सारी घटना सीसीटीवी में कैद है मैं रिपोर्ट लिखवाने थाने गई तो पुलिस ने चेतन गुप्ता के एडवोकेट होने की वजह से कोई एक्शन नहीं लिया इसके बाद भी हमें रोज अपने वकील होने के नाते धमकी भरे फोन करवा रही है और खुलेआम धमकी दे रही है कि तुम कचहरी जाकर दिखाओ तुम्हें छोड़ेंगे नहीं और तुम्हें दोनों बेटे को भी छोड़ेंगे नहीं मेरा पूरा परिवार बहुत भयभीत है मेरा बड़ा बेटा पहले से ही जान बचाकर शहर से बाहर जा चला गया है हम लोग भी घर से निकलना मुश्किल हो गया है चेतन गुप्ता के बेटे उज्जवल गुप्ता ने मेरे छोटे बेटे को घर जाकर धमकाया कि तुमको छोड़ेंगे नहीं रोज ऐसी धमकियां मिलती रहती हैं और मैं अगर पुलिस से मदद के लिए जाती हूं तो कोई सुनवाई नहीं होती वह यह वकील होने के नाते वहां पहले से ही पहुंच जाती है यह बहुत अपराधिक प्रकृति की वकील है महिला है महोदय
    आपसे निवेदन है कि मेरी इस मेरी मदद की जाए एवं चेतन गुप्ता और उसके साथियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए आपकी महान दया होगी, प्रार्थिनी किरण जयसवाल पत्नी श्री हरिओम जायसवाल 54, बी लाल बंगला केडीए चौराहा कानपुर मोबाइल नंबर 9140920196.9307132598

    Alka Manral

    June 4, 2024

    आप उन धमकियों और परेशानियों का विवरण देते हुए पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं, और उन लोगों के खिलाफ कानूनी कदम उठा सकते हैं। इसके अलावा, ऐसे संदिग्ध स्थितियों का सामना करने वाले व्यक्तियों को समर्थन प्रदान करने वाले संगठनों या हेल्पलाइन्स से संपर्क करने का विचार करें। अपनी सुरक्षा और अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखें और उचित कदम उठाएं।

    Vishal Kumar

    June 13, 2024

    Mera ko bhi ek LLB kar rha hai
    Mera challan Mena use 50000 Diya tha
    Ab 400 me challan pay ho gaya tha
    Lok Adalat me
    Ab 500 mag rha hai
    Mena use bola 4000 Mera bapas kar bo nahi kar rha hai

    Manoj tiwari

    October 8, 2023

    मेरा भाई ऋषबदेव तिवारी ऋषिकेश में वकील है वो मुझे मानसिक रूप से वकील होने की प्रतर्णा देता रहता है वो हमेशा अपने वकील होने की धमकी देता है वो घर में कलेश आदि keta rehta hai और आय दिन मुझे धमकी देता है में वकील hu meta koi कानून कुछ नही बिगड़ सकता है

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    यदि आप किसी ऐसे भाई के साथ समस्याओं का सामना कर रहे हैं जो वकील है और धमकी भरा व्यवहार करता है या घर में झगड़े पैदा करता है, तो स्थिति से निपटने के लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। आपके भाई का व्यवहार भय या परेशानी पैदा कर रहा है, तो आप निरोधक आदेश या सुरक्षात्मक आदेश लेने में सक्षम हो सकते हैं। यह कानूनी दस्तावेज़ उसे आपके पास आने या धमकी भरे व्यवहार में शामिल होने से रोक सकता है। आपके भाई का व्यवहार नैतिक चिंताएँ पैदा करता है, तो आप उस अधिकार क्षेत्र में राज्य बार एसोसिएशन के पास शिकायत दर्ज करने पर विचार कर सकते हैं जहाँ वह कानून का अभ्यास करता है। उनके पास पेशेवर कदाचार को संबोधित करने के लिए तंत्र मौजूद हैं।खतरों या संघर्षों की प्रकृति के आधार पर, आप उत्पीड़न या भावनात्मक संकट के लिए कानूनी कार्रवाइयों का पता लगा सकते हैं। अपने अधिकार क्षेत्र में ऐसे दावों की व्यवहार्यता निर्धारित करने के लिए एक वकील से परामर्श लें।

    9340100357

    March 29, 2024

    Dear sir
    Ager koi advocate gher ke sadaso ke khilaf sadyantra karta bar bar sabki sikayat karta apne pita ke ferji signature karta hai usnke nam se sabki sikayat karta hai unki Jo seva karta unko khaita hai ki mere pita ko kidnap kiye hai .
    Our pita se dokhe se sari property apne nam krwa liya khaita meri kamyi hai our pita phaile bharosa dila Chuka hai ki Mai sab ki madat karuga aur ab pita ko hi pagal aur Jo bachhe sewa kar rhe hai unki sikayat karta ki kidnap kiye hai
    Sabhi Ghar parivaar se candidate mansik pratadit ho rhe aap anurodh hai sahi marg bataye aapka ka abhari rahuga

    Ajit Kumar sah

    April 17, 2024

    सर नमस्कार मैं अजीत कुमार साह लखनऊ उत्तर प्रदेश में रहता हूं मुझे एक वकील जी ब्लैक मेल कर रहे हैं तो हम क्या करे ओर घर पर फर्जी नोटिस भेजते है इसके लिऐ हमको क्या करना पड़ेगा और नोटिस पर वकील जी नंबर लिखा रहता हैं और उस नंबर पर फोन करने पर पुलिस स्टेशन मे fir करते हैं हमारे नाम पर

    Suresh parmar

    October 14, 2023

    Hamara ek case chal rha tha jaha hum nirdosh the uske sabhi proof humne diye and last mai court ne Hume nirdosh bhi Maan liya but hamara advocate jujge k name per rishwat mang rha hai humne kuch paise diye bhi or pahle he bol Diya tha itna he denge but baar baar damki or case reopen karne k liye damki de rha hai…. uske rishwat magne k sabhi proof bhi hai hamare pass please koi suggestion dijiye

    Sikha

    November 8, 2024

    Yeh situation challenging hai, lekin aapko ismein samajhdari se kaam lena hoga. Yeh kuch steps hain jo aapko madad kar sakte hain:
    1. Kanuni Salah Lena: Sabse pehle, ek achhe aur imandar vakil se salah lena zaroori hai. Aapko apne case ki sthiti aur judge ke dhamkiyon ke baare mein unhe bata dena chahiye. Ve aapko sahi raasta dikhayenge.
    2. Shikayat Darj Karna: Agar aapko lagta hai ki judge dwara rishwat maangna galat hai, to aap higher authorities ya phir kisi anti-corruption agency me shikayat darj kar sakte hain. Unhe saari pramaano ke saath aapka case samjha sakte hain.
    3. Evidence Protection: Agar aapke paas rishwat maangne ke saboot hain, to unhe surakshit rakhein aur kisi trusted person ya organisation ko bata dein. Ye aapke liye suraksha ka zariya ban sakta hai.
    4. Public Awareness: Agar aapka case samajhdaar logon ke saamne aata hai, to public opinion ka bhi ek bada role hota hai. Social media ya local media ke through aap apni kahani ko share kar sakte hain. Ye aapko support aur sahayata pradan kar sakta hai.
    5. Legal Aid Organizations: Kuch NGO ya legal aid organizations bhi hain jo corruption ke khilaf ladai mein madad karte hain. Unse bhi sampark kar sakte hain.
    6. Apne Safety Ka Dhyan Rakhein: Jab bhi aap kisi badi authority ya court ke saamne jaate hain, apni suraksha ka khaas dhyan rakhein. Apne dosto ya parivaar se bhi is baare mein baat karein.
    Yeh steps aapko apne case ko samhalne mein madad kar sakte hain. Kabhi bhi himmat na harein aur sachai ke saath agey badhein.

    Rinku

    October 27, 2023

    यह मजदूर से मजदूरी कर लेना और उसका वेतन समय पर ना देना उसको बार-बार परेशान करना पैसे देने में कंजूसी करना

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    यदि मजदूर से मजदूरी करायी जाती है और फिर मजदूर को वेतन समय पर नहीं मिलता है और उसको बार-बार परेशान किया जाता है तो वो ये कर सकता है:-
    1. वोह पहले अपने मालिक से इस चीज के बारे मे बात करके मामला सुलझाने के कोशिश कर सकता है|
    2. अगर मामला फिर भी नहीं सुलझता है तो वो एक शिकायत दर्ज कर सकता है|
    3. वो एक सीधा केस करने से पहले मध्यस्थता का भी सहारा लेकर मामला सुलझा सकता है|
    4. वो एक अधिकरण के सहारे से भी ले सकता है|

    Varun

    November 2, 2023

    How to complaint against advocate

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    To file a complaint against an advocate, prepare a petition in English, Hindi, or a regional language recognized by the state. Ensure it’s signed and verified. If in a regional language, the State Bar Council translates it to English. Pay the prescribed fees, rectify any deficiencies if asked, and the complaint will be registered. It may be dropped if withdrawn or settled. If pursued, the Bar Council refers it to a Disciplinary Committee, issuing a notice to the advocate for a defense statement. The Committee schedules an inquiry within 30 days, notifying all parties involved. Advocates may represent parties, and the Council can appoint an advocate.

    Brahmrishi Ramanand Saraswati

    November 22, 2023

    अधिवक्ता की शिकायत करने के लिए ईमेल पता क्या हैं – कृप्या ईमेल तथा फोन नम्बर प्रदान कीजिये।
    Mobile 9540666000

    Arpana saini

    November 24, 2023

    I want to know how to do file a complaint against an advocate.

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    To file a complaint against an advocate, prepare a petition in English, Hindi, or a regional language recognized by the state. Ensure it’s signed and verified. If in a regional language, the State Bar Council translates it to English. Pay the prescribed fees, rectify any deficiencies if asked, and the complaint will be registered. It may be dropped if withdrawn or settled. If pursued, the Bar Council refers it to a Disciplinary Committee, issuing a notice to the advocate for a defense statement. The Committee schedules an inquiry within 30 days, notifying all parties involved. Advocates may represent parties, and the Council can appoint an advocate.

    चेतन

    November 25, 2023

    अति सम्मानित महोदय जी मेरे साथ एक अधिवक्ता ने बिना किसी बात के हाथापाई व मार पिटाई की इसकी शिकायत में कहां कर सकता हूं मैं अलीगढ़ उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं आपसे निवेदन है कि जल्द से जल्द मुझे कहां पर ऐसे अधिवक्ताओं की शिकायत करनी चाहिए बताने की कृपा करें श्रीमान जी की महान कृपा होगी

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    Iss case me अपील अपीलकर्ता या उसके वकील या उसके मान्यता प्राप्त एजेंट द्वारा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के कार्यालय में प्रस्तुत की जा सकती है। इसे पंजीकृत डाक द्वारा भी भेजा जा सकता है, ताकि सचिव, बार काउंसिल ऑफ इंडिया तक पहुंच सके। अपील परिसीमा के अंतिम दिन या उससे पहले प्रस्तुत की जानी चाहिएI

    सुनील राठौर

    March 16, 2024

    सर,
    ऐसे वकील का क्या करें जो क्राइम करने वाले का साथ दें, अपराधी को कहता है कि तू कुछ भी कर 10-15 दिन जेल में रहेगा उसके बाद मै तो तुझे छोडवा लूंगा

    Alka Manral

    June 19, 2024

    अगर किसी वकील ने ऐसा करने का प्रस्ताव दिया है, तो यह कानूनी नहीं है और उसे न्यायिक कार्रवाई के खिलाफ शिकायत दर्ज करना चाहिए। ऐसा कार्य करने वाले वकील को कानूनी निलंबन का सामना कर सकता है, और उसकी वकालत पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। क्राइम करने वाले के साथ सहयोग करने वाले वकीलों को कानूनी और नैतिक दृष्टिकोण से सजा हो सकती है, और ऐसे कार्य को कभी भी समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप ऐसे वकील के खिलाफ शिकायत करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है:
    • न्यायिक सलाहकार परिषद (Bar Council of India) को शिकायत करें: यह भारतीय न्यायिक सेवा के प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की निगरानी के लिए जिम्मेदार है। आप यहां जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। Email: info@barcouncilofindia.org/Website: https://www.barcouncilofindia.org/
    • स्थानीय पुलिस को सूचित करें: अगर वकील अपराधी को बचाने के लिए अपराध की संरचना में शामिल है, तो आपको स्थानीय पुलिस को सूचित करना चाहिए।
    • न्यायालय में शिकायत दर्ज करें: यदि वकील ने आपके मामले में अनुचित या अविश्वसनीय व्यवहार किया है, तो आप न्यायालय में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
    इन कदमों को लेने से पहले, आपको अपनी शिकायत को विस्तार से और सटीकता के साथ तैयार करना होगा। इसके अलावा, आपको शिकायत के सम्बंध में आपके पास किसी भी साक्ष्य या सबूत को संग्रहित करने की आवश्यकता हो सकती है।

    Renu Jain .

    December 3, 2023

    .My name is Renu Jain ,I am a 62 years lady .I am very much sick .My husband is a Lawyer .He has.taken one sided expary Divorce with me in the court .He is 72 years old .When I went to the court to know the reason why my husband has taken Divorce with me in this age .Then Many Lawyers have humiliated me & misbehave me .So I want to take action about them .They have.no right to misbehave with me .A Lawyer’s.profession is to help a needy person .Not misbehaving them .They told me ,” Why you came to the Court .” Then I told them .” Where should.i have to go in such situation ?.” Then they told me ” why do you harass.your husband ,” Then I told them I am not.herassing him..He wants to marry a young woman in this.age .So how can I give Divorce to him in this age ? He is harassing me .” Then.they told.me.,” Go & die if your husband does not like you .” Then I told.them ,Does a woman have no right to come to the court & say her views before the Judge .” Then they told me .”No .” IS this a Lawyer’s attitude ?

    Alka Manral

    June 25, 2024

    Complaints against an advocate can be with regard to professional or other misconduct by the advocate.1 Actions that qualify as ‘misconduct’ cannot be defined with an exhaustive list. What should be kept in mind is the nobility of the job of an advocate, and the high standard that is expected of advocates by society.2 Instances that are not explicitly mentioned in the law have led to disciplinary actions in the past, such as when an advocate tried to assault a client with a knife.3

    Forum to Complain
    The State Bar Council is the appropriate forum to lodge a complaint against an advocate.4 Upon receiving a complaint, or on its own motion, the State Bar Council can refer a case of misconduct to one of its Disciplinary Committees.5

    Further, the disciplinary committee of the Bar Council of India also has the power to withdraw any pending proceeding from the State Bar Council and attend to the matter.6

    If a case has been pending before the State Bar Council for more than a year since the receipt of complaint, the case shall be transferred to the Bar Council of India.7 If a person is not satisfied with the decision of the State Bar Council, they have the right to appeal to the Bar Council of India within 60 days of the communication of the decision.8 If the person is still aggrieved by the decision of the Bar Council of India, they can approach the Supreme Court within 60 days of the communication of the decision.9

    Procedure to complain
    State Bar Councils accept complaints against an advocate in the form of a petition, duly signed and verified. If you want to find the format, you can approach your State Bar Council which will have a prescribed standard format of complaint, along with the fees. Additionally, formats used can include languages such as English, Hindi or the language of the respective State. 10

    After a person submits the complaint, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will inquire into the matter.

    Punishing an Advocate
    When a complaint has been made against an advocate, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will give an opportunity for the advocate to defend themself. Further, the Advocate General of the State will also be present during the inquiry. After the inquiry, the Committee will either:
    Reprimand the advocate;
    Suspend the advocate for the time being;
    Remove the advocate’s name from the State roll;
    Dismiss the complaint.
    Every complaint shall be accompanied by the fees prescribed in the Bar Council of India Rules.

    Renu Jain .

    December 3, 2023

    My Question is this ,Lawyers should.not.behave badly with a woman in the court .Who is needy to get Justise .If Lawyers have no humanity & manners how to talk with an old needy woman .How can.they help people in getting Justice ? Lawyers profession should teach them manners also .Otherwise there Ragistration.no should be cancelled .Such type of dirty Lawyers should not allow to do practice as a lawyer .Lawyer’s should always have their name tag on their shirt .That anybody can know who he is ,without asking their name ,like Police have their name tag on their Uniform shirt .Lwyer’s black Coat must have their name tag ,that ,When a Lawyer misbehave with any woman ,she can know his name & Complaint against him to the Bar Council .

    Alka Manral

    June 25, 2024

    Complaints against an advocate can be with regard to professional or other misconduct by the advocate.1 Actions that qualify as ‘misconduct’ cannot be defined with an exhaustive list. What should be kept in mind is the nobility of the job of an advocate, and the high standard that is expected of advocates by society.2 Instances that are not explicitly mentioned in the law have led to disciplinary actions in the past, such as when an advocate tried to assault a client with a knife.3

    Forum to Complain
    The State Bar Council is the appropriate forum to lodge a complaint against an advocate.4 Upon receiving a complaint, or on its own motion, the State Bar Council can refer a case of misconduct to one of its Disciplinary Committees.5

    Further, the disciplinary committee of the Bar Council of India also has the power to withdraw any pending proceeding from the State Bar Council and attend to the matter.6

    If a case has been pending before the State Bar Council for more than a year since the receipt of complaint, the case shall be transferred to the Bar Council of India.7 If a person is not satisfied with the decision of the State Bar Council, they have the right to appeal to the Bar Council of India within 60 days of the communication of the decision.8 If the person is still aggrieved by the decision of the Bar Council of India, they can approach the Supreme Court within 60 days of the communication of the decision.9

    Procedure to complain
    State Bar Councils accept complaints against an advocate in the form of a petition, duly signed and verified. If you want to find the format, you can approach your State Bar Council which will have a prescribed standard format of complaint, along with the fees. Additionally, formats used can include languages such as English, Hindi or the language of the respective State. 10

    After a person submits the complaint, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will inquire into the matter.

    Punishing an Advocate
    When a complaint has been made against an advocate, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will give an opportunity for the advocate to defend themself. Further, the Advocate General of the State will also be present during the inquiry. After the inquiry, the Committee will either:
    Reprimand the advocate;
    Suspend the advocate for the time being;
    Remove the advocate’s name from the State roll;
    Dismiss the complaint.
    Every complaint shall be accompanied by the fees prescribed in the Bar Council of India Rules.

    Sikha

    November 8, 2024

    Complaints against an advocate can be with regard to professional or other misconduct by the advocate.1 Actions that qualify as ‘misconduct’ cannot be defined with an exhaustive list. What should be kept in mind is the nobility of the job of an advocate, and the high standard that is expected of advocates by society.2 Instances that are not explicitly mentioned in the law have led to disciplinary actions in the past, such as when an advocate tried to assault a client with a knife.3

    Forum to Complain
    The State Bar Council is the appropriate forum to lodge a complaint against an advocate.4 Upon receiving a complaint, or on its own motion, the State Bar Council can refer a case of misconduct to one of its Disciplinary Committees.5

    Further, the disciplinary committee of the Bar Council of India also has the power to withdraw any pending proceeding from the State Bar Council and attend to the matter.6

    If a case has been pending before the State Bar Council for more than a year since the receipt of complaint, the case shall be transferred to the Bar Council of India.7 If a person is not satisfied with the decision of the State Bar Council, they have the right to appeal to the Bar Council of India within 60 days of the communication of the decision.8 If the person is still aggrieved by the decision of the Bar Council of India, they can approach the Supreme Court within 60 days of the communication of the decision.9

    Procedure to complain
    State Bar Councils accept complaints against an advocate in the form of a petition, duly signed and verified. If you want to find the format, you can approach your State Bar Council which will have a prescribed standard format of complaint, along with the fees. Additionally, formats used can include languages such as English, Hindi or the language of the respective State. 10

    After a person submits the complaint, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will inquire into the matter.

    Punishing an Advocate
    When a complaint has been made against an advocate, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will give an opportunity for the advocate to defend themself. Further, the Advocate General of the State will also be present during the inquiry. After the inquiry, the Committee will either:
    Reprimand the advocate;
    Suspend the advocate for the time being;
    Remove the advocate’s name from the State roll;
    Dismiss the complaint.
    Every complaint shall be accompanied by the fees prescribed in the Bar Council of India Rules.

    Renu Jain .

    December 3, 2023

    If a Lawyer is not helping a woman in getting Annexure of her case & papers .How can she get them ?

    Alka Manral

    June 17, 2024

    Complaints against an advocate can be with regard to professional or other misconduct by the advocate.1 Actions that qualify as ‘misconduct’ cannot be defined with an exhaustive list. What should be kept in mind is the nobility of the job of an advocate, and the high standard that is expected of advocates by society.2 Instances that are not explicitly mentioned in the law have led to disciplinary actions in the past, such as when an advocate tried to assault a client with a knife.3

    Forum to Complain
    The State Bar Council is the appropriate forum to lodge a complaint against an advocate.4 Upon receiving a complaint, or on its own motion, the State Bar Council can refer a case of misconduct to one of its Disciplinary Committees.5

    Further, the disciplinary committee of the Bar Council of India also has the power to withdraw any pending proceeding from the State Bar Council and attend to the matter.6

    If a case has been pending before the State Bar Council for more than a year since the receipt of complaint, the case shall be transferred to the Bar Council of India.7 If a person is not satisfied with the decision of the State Bar Council, they have the right to appeal to the Bar Council of India within 60 days of the communication of the decision.8 If the person is still aggrieved by the decision of the Bar Council of India, they can approach the Supreme Court within 60 days of the communication of the decision.9

    Procedure to complain
    State Bar Councils accept complaints against an advocate in the form of a petition, duly signed and verified. If you want to find the format, you can approach your State Bar Council which will have a prescribed standard format of complaint, along with the fees. Additionally, formats used can include languages such as English, Hindi or the language of the respective State. 10

    After a person submits the complaint, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will inquire into the matter.

    Punishing an Advocate
    When a complaint has been made against an advocate, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will give an opportunity for the advocate to defend themself. Further, the Advocate General of the State will also be present during the inquiry. After the inquiry, the Committee will either:
    Reprimand the advocate;
    Suspend the advocate for the time being;
    Remove the advocate’s name from the State roll;
    Dismiss the complaint.
    Every complaint shall be accompanied by the fees prescribed in the Bar Council of India Rules.

    राम कृष्ण

    December 4, 2023

    ग्राम शिवपुरा जिला बलरामपुर में अनिल कुमार जायसवाल पुत्र स्वामी प्रसाद जायसवाल रजिस्ट्रेशन नंबर A0757/2012
    9043/2011
    ऐसा भू माफिया किस्म का वकील हैं जो गरीबों का जमीन हड़पने की नियत से अपनी मां और पत्नी को दूसरे की जमीन पर लेटा कर दीवानी फौजदारी राहजनी आदि मुकदमे दायर कर गरीबों का उत्पीड़न किया जा रहा है
    महोदय क्या वकालत का पेशा इसलिए किया जाता है गरीबो की जमीन हड़पने की नियत से

    Alka Manral

    June 11, 2024

    यदि आपका विश्वास है कि अनिल कुमार जयसवाल ग़ैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं और किसानों से ज़मीन अधिग्रहण करने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं, तो आप कई कदमों को ध्यान में रख सकते हैं:
    1. मामलों का दस्तावेज़ीकरण:ज़मीनी विवाद से संबंधित सभी प्रमुख दस्तावेज़ जुटाएं, समाधान पत्रों, मुकदमा संख्याओं, और अवैध गतिविधियों के सबूतों सहित। सुनिश्चित करें कि आपके पास कानूनी प्रक्रियाओं का एक समृद्धि संग्रहण है।
    2. अधिकारियों से संपर्क करें:मामले को स्थानीय प्राधिकृतियों, जैसे कि पुलिस, राजस्व विभाग, या जिलाधिकारी को रिपोर्ट करें। उन्हें आवश्यक विवरण और सबूत प्रदान करें, उन्हें अवैध ज़मीन अधिग्रहण की जाँच करने के लिए प्रेरित करें।
    3. कानूनी सहायता:यदि स्थानीय प्राधिकृतियाँ प्रतिक्रिया नहीं देती हैं या समस्या बनी रहती है, तो विधिक सहायता प्राप्त करना विचारित करें। संपत्ति और ज़मीनी विवादों में विशेषज्ञ कानूनज्ञ से परामर्श करें। वे आपको लेने वाले कदमों के बारे में मार्गदर्शन कर सकते हैं और आपके हितों की प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

    4. एनजीओ या एक्टिविस्ट की शामिलता: स्थानीय गैर-सरकारी संगठन (NGO) या एक्टिविस्ट्स से संपर्क करें जो संपत्ति और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर काम करते हैं। वे समर्थन प्रदान कर सकते हैं, जागरूकता बढ़ा सकते हैं, या आपके कारण समर्थन कर सकते हैं।वकील के खिलाफ धोखाधड़ी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए, आपको उसके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता में धोखाधड़ी के सभी घटकों को सिद्ध करना होगा। केवल पुलिस और न्यायालय ही उसके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कर सकते हैं।

    Pooja Gulati

    December 8, 2023

    Maire sikayat py koi kaam nhi hore hai
    Mai har jagha complain kar chuki hun
    Police .ssp office . portal pay bhi pr sb chup hai .na hi samaan Diya jara hai or nahi paise

    Alka Manral

    June 11, 2024

    Agar apradh sambandhit hota hai, to SP se pahle mulaqat ke liye agya lena, SP ke office ko yaad dilana. Agar kuch nahi hota, to shikayat ko Deputy IG tak bhadka dena. Phir IG tak aur phir DGP tak bhadkana, poora process 30 din ke andar poora karna hai (yaani) har level par 10 din. Agar phir bhi kuch nahi hota, to seedhe Judicial Magistrate court mein private criminal complaint darj karna Cr.P.C. ke Section 190(1) ke tahat, jismein yadi shikayat apradh ko darust dikhata hai aur magistrate ko lagta hai ki aapki shikayat credible hai, to magistrate police ko jaanch karne aur report submit karne ke liye adesh de sakta hai.
    Agar sthal ke police aur SSP office ka jawab nahi mil raha hai, to is mamle ko adhik uncha star ke adhikariyon ya prashasan ke andar unchi adhikariyon tak bhadkana ek vikalpon ki taraf kadam badha sakte hain.
    Ombudsman ya shikayat cell se sampark karne ka bhi ek vikalp hai, jismein aap apne mudde ko samjha sakte hain aur sthal ke adhikariyon ki jawabiyaan na milne par unke khilaf karyawahi kar sakte hain.
    Agar mamla gambhir hai aur kanooni hastakshep ki zarurat hai, to ek vakil se salahkar lena bhi ek vikalp hai. Kanooni chhavi aapko sahi kadam uthane mein madad kar sakta hai aur aapke adhikar ko samriddh karne mein madad kar sakta hai.
    Media ya janta ki or dhyan kendrit karke aapke mudde ko samne lane ke kuch mamle hote hain. Is upayog mein savdhan rahna chahiye aur iske pahle kanooni salahkar se salah lena chahiye.
    Aapke shikayat ki pramanikata badhane ke liye hamesha apne shikayaton ka record rakhein, jismein tareekh, vivaran aur koi bhi sanchar shaamil ho. Saaf dastavez aapke mamle ko majbooti pradan karte hain aur ek santoshjanak hal prapt karne mein madad karte hain. Agar sambhav ho to, shikayat ki prakriti ke adhar par ek kanooni salahkar se salah lena bhi mahatvapurna hai.

    Vikrant Venkat Reddy

    December 19, 2023

    Sir ,How much time bar council take time to action against Advocate during complain Advocate can do his practice in court what is fees to complain.kindly provide me details.With warm regards Vikrant Venkat Reddy

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    Complaints against an advocate can be with regard to professional or other misconduct by the advocate.1 Actions that qualify as ‘misconduct’ cannot be defined with an exhaustive list. What should be kept in mind is the nobility of the job of an advocate, and the high standard that is expected of advocates by society.2 Instances that are not explicitly mentioned in the law have led to disciplinary actions in the past, such as when an advocate tried to assault a client with a knife.3

    Forum to Complain
    The State Bar Council is the appropriate forum to lodge a complaint against an advocate.4 Upon receiving a complaint, or on its own motion, the State Bar Council can refer a case of misconduct to one of its Disciplinary Committees.5

    Further, the disciplinary committee of the Bar Council of India also has the power to withdraw any pending proceeding from the State Bar Council and attend to the matter.6

    If a case has been pending before the State Bar Council for more than a year since the receipt of complaint, the case shall be transferred to the Bar Council of India.7 If a person is not satisfied with the decision of the State Bar Council, they have the right to appeal to the Bar Council of India within 60 days of the communication of the decision.8 If the person is still aggrieved by the decision of the Bar Council of India, they can approach the Supreme Court within 60 days of the communication of the decision.9

    Procedure to complain
    State Bar Councils accept complaints against an advocate in the form of a petition, duly signed and verified. If you want to find the format, you can approach your State Bar Council which will have a prescribed standard format of complaint, along with the fees. Additionally, formats used can include languages such as English, Hindi or the language of the respective State. 10

    After a person submits the complaint, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will inquire into the matter.

    Punishing an Advocate
    When a complaint has been made against an advocate, the Disciplinary Committee of the State Bar Council will give an opportunity for the advocate to defend themself. Further, the Advocate General of the State will also be present during the inquiry. After the inquiry, the Committee will either:
    Reprimand the advocate;
    Suspend the advocate for the time being;
    Remove the advocate’s name from the State roll;
    Dismiss the complaint.
    Every complaint shall be accompanied by the fees prescribed in the Bar Council of India Rules.

    राजेश यादव

    January 11, 2024

    जय हिंद सर
    सेवा मे राजेश यादव पुत्र बालकिशन यादव
    निबासी कृष्ण पुरी मथुरा-वृंदावन से हू
    सर 2012 से मेरा एक बकील साहब से सिविल वाद चल रहा है बकील साहब हमको
    उस मुकदमा की पेरू कारी नही करने दे रहे है
    हमको कचहरी पर तरिख पर बकीलो के साथ मिलकर मारपीट कर चुके है पूर्व मे
    हमने उनकी सिकायत बार अध्यक्ष मथुरा-वृंदावन से भी करी थी लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई अब हार कर हमने कचहरी जाना भी बन्द कर दिया मुकदमे की पेरोकारी भी नही कर रहे है क्या एक बकील चाहे कुछ करे उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नही होती है न्या की लडाई लेना गुना है वह बकील साहब जबरन उस जमीन को कब्जा करना चाहते है
    पहले आधी जमीन हमसे ले ली है बची जमीन को भी लेना चाहते है हम क्य् करे हम को हर रोज एक न एक जगह-जगह पर कम्पलेन्ट करते रहते है हमारा काम बन्द करा दिया हमको आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे है क्या एक बकील चाहे कुछ भी कर सकते है
    प्रथी
    राजेश यादव मथुरा-वृंदावन
    मेरी मदद कर भगवान
    आपका भला करे

    Ali mohammad

    January 11, 2024

    Bakil pese leke kam nahi kr raha hy और pese mang raha hy pese pehle hi de chuke hy

    Shelly Jain

    February 21, 2024

    aisee sthiti mein jahaan koee vyakti bhugataan praapt karane ke baavajood apane daayitvon ko poora karane mein viphal raha hai aur ab adhik dhan kee maang kar raha hai, madhyasthata vivaad ko sulajhaane ke lie ek sahayogaatmak drshtikon pradaan karatee hai. svaichchhik bhaageedaaree aur ek tatasth madhyasth dvaara suvidhaajanak baatacheet ke maadhyam se, donon paksh paarasparik roop se sveekaary samaadhaan khojane ke lie milakar kaam kar sakate hain. is prakriya mein aam taur par vikalp talaashane aur chintaon ko door karane ke lie praarambhik baithaken, sanyukt satr aur nijee charchaen shaamil hotee hain. saphal hone par, paksh mahangee aur samay lene vaalee mukadamebaajee kee aavashyakata ke bina kaanoonee roop se baadhyakaaree samajhaute par pahunchate hain.
    vaikalpik roop se, kaanoonee kaarravaee mein sthiti ka aakalan karane ke lie ek vakeel se paraamarsh karana aur sambhaavit roop se anubandh ke ullanghan ko rekhaankit karate hue ek aupachaarik maang patr bhejana shaamil hai. yadi madhyasthata viphal ho jaatee hai ya koee vikalp nahin hai, to peedit paksh mukadama daayar kar sakata hai, ek kaanoonee prakriya shuroo kar sakata hai jisamen khoj, baatacheet aur sambhavatah pareekshan shaamil hai. jabaki mukadamebaajee pratikool aur mahangee ho sakatee hai, yah vivaadon ko sulajhaane aur madhyasthata asaphal saabit hone par laagoo karane yogy nirnay praapt karane ke lie ek aupachaarik tantr pradaan karatee hai. antatah, madhyasthata aur kaanoonee kaarravaee ke beech ka chunaav paartiyon kee baatacheet karane kee ichchha aur isamen shaamil kaanoonee muddon kee jatilata jaise kaarakon par nirbhar karata hai.

    SATRUGHAN PASWAN

    January 14, 2024

    Manoj Kumar Singh nyayalay sherghati miscellaneous 123 case number

    SATRUGHAN PASWAN

    January 14, 2024

    Nahin hamen koi nahin puchna hai sirf khane mein I chahie rupya dene per 13 Mahina se date badhai ja rahe hain

    Alka Manral

    June 17, 2024

    जैसा कि वर्णित समस्या को संदर्भित करते हुए, जहां व्यक्तियों को 13 महीनों तक खाने के लिए भुगतान मिलने में देरी हो रही है, सरकार कई कदम उठा सकती है:

    1936 के वेतन का भुगतान अधिनियम औद्योगिक क्षेत्र में विशेष श्रेणियों के कार्यकर्ताओं को समय पर वेतन देने का नियमित अनुशासन करता है। इसका महत्व यह है कि वेतन समय पर और किसी अनधिकृत कटौती के बिना वितरित किए जाते हैं। अधिनियम के अनुसार, यदि श्रमिकों की संख्या 1000 से कम है, तो भुगतान को माह के 7वें दिन से पहले किया जाना चाहिए, और यदि संख्या 1000 से अधिक है, तो 10वें दिन से पहले। साथ ही, वेतन अवधि एक महीने से अधिक नहीं हो सकती, और यह अधिनियम केवल महीने में 6500 रुपये से कम कमाई करने वाले कर्मचारियों पर लागू होता है।

    1948 के न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत, केंद्रीय और राज्य सरकारों को अपनी शासकीय क्षेत्रों में निर्धारित नौकरियों में काम करने वाले कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को निर्धारित, समीक्षा और पुनरावलोकन करने की अधिकार होती है।

    1970 के संविदा श्रम (नियामन और समापन) अधिनियम को कुछ संस्थानों में संविदा श्रम के रोजगार को विनियमित करने और कुछ परिस्थितियों में इसके समापन के लिए विधायित किया गया था। यह अधिनियम उन संस्थानों पर लागू होता है जहां बीस या उससे अधिक कामगार संविदा श्रम के रूप में नियुक्त होते हैं, या पिछले बारह महीनों में बीस या उससे अधिक कामगार को नियुक्त किया गया था।

    Alka Manral

    June 24, 2024

    यदि आपके पास 15 दिनों की स्ट्रीप खरीदने की पैसे नहीं है तो आप ये कदम ले सकते हैं:-
    आप मेडिकल स्टोर वाले से अनुरोध कर सकते हैं कि वे आपसे अभी तीन स्ट्रीप के लिए पैसे ले और आप बाकी स्ट्रिप के लिए बादमें पैसे देंगे|
    यदि आपको डॉक्टर ने तीन ही दिनों की दवा लेने बोले हैं तो आप उन्हें FDA का आदेश दिखा सकते हैं जिसमें सक्त लिखा है कि जितने दिनों की दवा बोली है मेडिकल स्टोर वाले को उतनी ही काटके देने होगी और अगर ऐसे नहीं करे तो आप उनके ख़िलाफ़ एक शिकायत दर्ज कर सकते हैं|

    Sikha

    November 8, 2024

    जैसा कि वर्णित समस्या को संदर्भित करते हुए, जहां व्यक्तियों को 13 महीनों तक खाने के लिए भुगतान मिलने में देरी हो रही है, सरकार कई कदम उठा सकती है:

    1936 के वेतन का भुगतान अधिनियम औद्योगिक क्षेत्र में विशेष श्रेणियों के कार्यकर्ताओं को समय पर वेतन देने का नियमित अनुशासन करता है। इसका महत्व यह है कि वेतन समय पर और किसी अनधिकृत कटौती के बिना वितरित किए जाते हैं। अधिनियम के अनुसार, यदि श्रमिकों की संख्या 1000 से कम है, तो भुगतान को माह के 7वें दिन से पहले किया जाना चाहिए, और यदि संख्या 1000 से अधिक है, तो 10वें दिन से पहले। साथ ही, वेतन अवधि एक महीने से अधिक नहीं हो सकती, और यह अधिनियम केवल महीने में 6500 रुपये से कम कमाई करने वाले कर्मचारियों पर लागू होता है।

    1948 के न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत, केंद्रीय और राज्य सरकारों को अपनी शासकीय क्षेत्रों में निर्धारित नौकरियों में काम करने वाले कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को निर्धारित, समीक्षा और पुनरावलोकन करने की अधिकार होती है।

    1970 के संविदा श्रम (नियामन और समापन) अधिनियम को कुछ संस्थानों में संविदा श्रम के रोजगार को विनियमित करने और कुछ परिस्थितियों में इसके समापन के लिए विधायित किया गया था। यह अधिनियम उन संस्थानों पर लागू होता है जहां बीस या उससे अधिक कामगार संविदा श्रम के रूप में नियुक्त होते हैं, या पिछले बारह महीनों में बीस या उससे अधिक कामगार को नियुक्त किया गया था।

    Aman Alam

    January 26, 2024

    अधिवक्ता ने फर्जी वकालतनामा लगाया है तो उसके खिलाफ किस तरह करवाई किया जा सकता है, bci notice

    सतीश कुमार

    February 3, 2024

    सेवा में श्री मान जी न्याया स्टेट बार काउंसिलिंग मैं सतीश कुमार मंडल महासचिव श्री बजरंग सेना संगठन के पद पर कार्यरत हू और आपसे न्याय के लिए ये ऑनलाइन पत्र पहली बार लिख रहा हूँ मैं जिला बागपत के नगर पंचायत दोघट का मूल निवासी हू दोघट में हमारी लकड़ी चिरई की आरा मशीन थी जिस स्थान पर आरा मशीन थी वो जगह और जमीन हमारी है हमारी उस जमीन को हमारे चाचा और चाचा के लड़के संजीव और कपिल अपनी ज़मीन कहते है और उन्होंने हमारे साथ कई बार झगड़ा मारपीट भी की है उन्होंने हमारे ऊपर मुकदमा भी कर रखा है बागपत कोर्ट में हमारी जमीन अपनी बनाने के लिए वे लोग बेईमान और दुराचारी प्रवृत्ति के लोग है वे सभी लोगों की जमीन सम्पति को अपनी बनाने का पेशा है इन लोगों का हमारा बागपत कोर्ट में इनके साथ मुक़दमा भी चल रहा है हमने जो वकील किया है वो वकील हमारे दोघट गाँव का ही निवासी है उस वकील ने हमारी कोई भी पैरवी नहीं की है हमने उनको उनकी फीस भी दी उन्होंने हमारे साथ धोखा किया उन वकील का नाम बीरेन्द्र वकील है ये ना तो हमारे फोन का कोई उत्तर देते हैं और इनके घर पर जाते हैं ना ही हमे ये घर पर मिलते हैं इनकी लापरवाही की वजह से विपक्ष पार्टी के वकील सलौज नैन ने बागपत कोर्ट के जज सहाब से साईन भी करवा लिए है विपक्ष पार्टी को हमारी जमीन के वारिस बनवाने के लिए अब आप ही न्याय करे हम लोगों पर सरासर अन्याय हो रहा है बीरेन्द्र वकील का फोन नंबर 8923389735 ये मुकदमा हमारे ताऊजी ओमप्रकाश बनाम ब्रह्मदेव के नाम है दोनों एक ही परिवार से हैं मेरे चाचा और ताऊ जी हैं मुकदमा नंबर 281/21. मुक़दमा नंबर 281
    ब्रह्मदेव/ ओमप्रकाश
    बागपत कोर्ट में गेट के सामने वालीं जमीन का
    पता नगर पंचायत दोघट पट्टी मदान शिव दुर्गा मंदिर के पास मैन बाज़ार रोड
    सतीश कुमार
    पुत्र जय प्रकाश
    मेरा फोन नंबर 99716 13948

    Alka Manral

    May 23, 2024

    आपको एक नए वकील को जोड़ना चाहिए।
    यह इंटरनेट पर सलाह के लिए एक जटिल मामला है।
    नया वकील आपको उचित राय देगा

    2525

    February 3, 2024

    Mera naam Seema Singh hai mere se ek advocate ne shaadi karne ke liye bola bad mein mere sath mein ek baccha hua hai bad mein jab bhi jab bhi main pregnant Hoti Hun mere se shaadi karne ke liye Na kar deta hai mera ek Chhota saat sal ka ladka hai unhi ka hai ladka usko mujhe itna torcher Karta hai vah suicide karne ke liye majbur kar raha hai main kuchh karne jaati Hun to mujhe dhamki deta hai Mera Jaan le lega karke aapko main complaint likh rahi hun karke aapko vakil case khilaf aap kuchh karo karke unka naam hai Uday Pratap Singh Kalyan court mein practis karte ho mujhe itna torcher karte ho mere ko suicide karne ke liye majbur kar raha hai agar aap log kuchh nahin karoge to fir mujhe mere bacche ko lekar kuchh karke Lena padega vah Marne se pahle mere ko khud Ko bhi marna padega cal bhi mujhe Mera bacche ko bahut mara hai usne Mera pura movie fod Diya usne upar se bolata hai aap kahan per bhi Jao policewala koi vakil court Mera kuchh nahin kar sakta hai karke aap mera message ka reply please aap karo

    कृष्ण कांत तिवारी

    February 14, 2024

    न्याय संबधित अच्छी जानकारी मिल जाती है |धन्यवाद |🙏

    Shekhar gupta

    March 18, 2024

    Vakil per shikayat karna hai vah do tar donon taraf se case lad raha hai

    Alka Manral

    June 19, 2024

    Vakil ke khilaf shikayat karna chahte hain, jo donon taraf se case lad raha hai.

    Shikayat darj karne ka tarika:

    • Bar Council of India (BCI) ki website par jayein: https://www.barcouncilofindia.org/
    • “Complaints against Advocates” tab par click karen.
    • “Complaint Form” download karen aur usko bharen.
    • Form ke saath nimnlikhit sabootat jodein:
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale saboot.
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale gawahon ke bayan.
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale anya dastavez.
    • Form aur saboot ko BCI ke Secretary ke paas bhejein.

    Shikayat mein nimnlikhit jankari shamil honi chahiye:

    • Vakil ka naam aur pata.
    • Vakil ke khilaf aapke aarop.
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale saboot.
    • Aap jo rahat chahte hain.

    BCI aapki shikayat ki jaanch karega aur vakil ke khilaf karvayi kar sakta hai, agar aarop sabit ho.

    Agar koi vakil donon taraf se case lad raha hai, to yeh gambhir khilafat hai. BCI vakil ke khilaf karvayi kar sakta hai, jisme bar se nikalna bhi shamil hai.

    Aap nimnlikhit tareekon se vakil ki shikayat kar sakte hain:

    • BCI ko shikayat bhejen.
    • State Bar Council ko shikayat bhejen.
    • Police ko shikayat bhejen.
    Shikayat mein nimnlikhit jankari shamil honi chahiye:

    • Vakil ka naam aur pata.
    • Vakil ke khilaf aapke aarop.
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale saboot.
    • Aap jo rahat chahte hain.

    Agar aapko shikayat karne mein sahayata chahiye, to kisi vakil se salah lein.

    Uttar Pradesh mein shikayat kaise karen:

    • Uttar Pradesh Bar Council (UPBC) ki website per jayein.
    • “Complaints against Advocates” tab par click karen.
    • “Complaint Form” download karen aur usko bharen.
    • Form ke saath nimnlikhit sabootat jodein:
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale saboot.
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale gawahon ke bayan.
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale anya dastavez.
    • Form aur saboot ko UPBC ke Secretary ke paas bhejein.

    Shikayat mein nimnlikhit jankari shamil honi chahiye:

    • Vakil ka naam aur pata.
    • Vakil ke khilaf aapke aarop.
    • Vakil ke khilaf aapke aaropon ka samarthan karne wale saboot.
    • Aap jo rahat chahte hain.
    UPBC aapki shikayat ki jaanch karega aur vakil ke khilaf karvayi kar sakta hai, agar aarop sabit ho.

    Agar aapko shikayat karne mein madad ki zaroorat hai, to UPBC ke helpline number par call karein: 0522-2331234.

    Anju Goyal

    March 26, 2024

    Meri choti sister and uske husband ne jabardasti vakilon and police walo ke sath mil ke mere ghar pr joki mother se gift me mila tha. Registery with mutation bhi mere naam se hai pr phir bhi uska husband sarkari job me hone ke karan mujhe hi mere ghar se nikal diya hai. Sb jagah mother ke hote hue bhi complaint ki thi pr sbhi nichhe se upper tk unke saath mile hue hai. Mere husband heart patient hai. Ghar kiraye pr hai. Bachhe govt. School me jate hai. Akeli work krne wali hu. Koi kahi se help nhi mil rhi. Pr koi sunwai nhi hai. Sb chor hai. Koi jije ke khilaf complaint bataye. Mere hi ghar me reh rha hai. Ambala Cantt ki rehne wali hu. Pr ghar na hone ki vajah se and sister and uske husband ki police walo ke saath mili dhamki ki vajah se punjab me reh rhi hu. Please help me ma’am.

    Alka Manral

    June 19, 2024

    Bilkul, yeh rasta saaf karne ke liye, chaliye har kadam ko aur bhi vistar se samjhein:

    1. Ek Vakil se Paramarsh: Sabse pehle, ek vakil se paramarsh lena mahatvapurna hai. Aapko un vakilon ko dhundhna chahiye jo vastu aur parivarik kanoon mein visheshagy hain. Ve sampatti ke dastavej (gift deed aur registration papers) ko samiksha karenge aur ghar vapas pane ke kanooni karyavahi ka margdarshan karenge.
    2. Police Shikayat Darj Karna: Kyunki shasan ne ab tak sahayata nahi di hai, aapko police shikayat ke liye majboot saboot ikattha karna hoga. Ismein shaamil ho sakte hain:
    • Sampatti ke dastavej ki nakliyan.
    • Kisi bhi likhit sanbandh jo mere behen ya unke pati ke saath sampatti se judi ho, visheshkar agar usmein dhamki ya maang hai.
    • Ghar ka avasaran laayak sakshaatkaar dete padosiyon ke gawahi.
    • Tasveeren ya videos (yadi uplabdh hain) jismein ghar ya dhamki ka pradarshan hai.
    3. Sarkari Adhikariyon se Sampark: Aapko sarkari adhikariyon ya sthaaniya pratinidhiyon se sampark karne ki jarurat hai jo sampatti vivadon ke liye zimmedar hain. Unhe apne dastavej ke saath sampark karke sthiti ki vyakhya karna ho sakta hai aur unhe jaanch ya samadhan karne ke liye prerit kiya ja sakta hai.
    4. Shelter Ki Khoj: Agar sthiti gambhir hoti hai aur parivaar ki suraksha ko lekar chinta hoti hai, toh sthiti shelter ya domestic violence victims ko sahayata pradaan karne wali sarkari ya gair sarkari sangathanon ko dhoondhna avashyak hai. Yeh suraksha jaal ke upasthiti ka ek raahat hai.
    5. Har Cheez Ko Dastavez Karein: Yeh bahut mahatvapurna hai. Aapko har shikayat, police report, vakil se sanbandhit sabhi dastavez, aur anya laayak dastavez ki nakal rakhein. Sab kuch tithi aur vyavasthit rakhna aage ki kanooni karyavahi ke liye avashyak hai.
    6. Surakshit Rahiye: Yeh sabse pradhan hai. Aapki parivaar ki suraksha sabse upar hai. Agar aapko kisi prakaar ki dhamki ya asuraksha mehsoos hoti hai, turant police ya vishwasniya mitron ya parivaar se sahayata maang lena chahiye.

    Yeh kadam uthakar aur proaktive rahkar, aap apne ghar ko punah prapt karne aur apne parivaar ki raksha karne ki disha mein bahut badi chal chuke hain. Apne case mein unnati karne ke liye aur adhik samarthan ke liye apne samarthan network ka sahara lena na bhulein. Aap adbhut takat aur dridhta dikha rahe hain, aur main vishwaas karta hoon ki aap is badha ko paar karke apne parivaar ki raksha kar sakte hain.

    Gulshan

    April 27, 2024

    Sir a vakil mera Check company se me liya hai Or Ab Muje check de nhi raha labour court ka vakil hai.

    Aejaz khan

    April 28, 2024

    Mai thana jail Mai tha or meri wife se 1 lakh rup advocate avinash kamble ne le liye.na vakalatnama lekar aaya na kuch Kiya or paise b wapas nahi Kar raha hai.

    Aejaz khan

    April 28, 2024

    Advocate ne mere ghar Jakar meri wife se paise b liya or Kam b nahi Kiya. Ab paise b nahi de raha hai

    गुलाब सिंह निरंजन 247राजपूत नगर झांसी पिन 284001

    May 1, 2024

    श्री मान जी
    में बांदी हूं मेरा 39000/का केस 2019मार्च में केस दायर हुआ था । सकील ने प्रतिवादी को नोटिस भेजने के 3550/लिए थे कागजी कार्रवाई का खर्च में ने दिया था । केस दायर की फीस सम्पूर्ण निपटारा हेतु 8500/ली थी कागजी कार्रवाई का खर्च मैंने दिया था।बकील को हर तारीख पर 200/ नोटिस भेजने हेतु 800/पांच बार दें चुका हूं ।पांच वर्ष में पार्टी पेस हो सकी जिसमें मेरा राजीनामा 60000/में हुआ। किंतु मेरे सकील ने किसी अनजान बकील को कोर्ट में भेजकर प्रतिबादी से रकम ले ली और मेरे से बगेर जज की अनुपस्थिति में सम्पूर्ण कारवाई पर हस्ताक्षर करा लिये ।और मुझे रूपया नहीं दिया अतः इस संबंध में कारबाई किस से करू।

    Nidhi Katiyar

    May 7, 2024

    Vakeel ke Saath partnership Ki thi usme ghata ho gya usne check le liye Bo check ab baunse ho gye hai to us vakeel ne legal notices bhej diya hai mai mere pas paese bhi nhi hai dene ke liye kuch bhi nhi hai ab mai kya karu

    Santosh Matho

    May 27, 2024

    A lawyer is threatening us and threatening us to die if we leave. Please cancel his line.

    Sheetal Pandey

    June 9, 2024

    और अगर सरकारी वकील ऐसा करे तो कहां पर शिकायत करें हमने पुलिस में शिकायत की थी जिसके माध्यम से केस दायर हुआ था और एक सरकारी वकील हायर किया गया था सरकार की तरफ से राघवेंद्र उन्होंने ही धोखा दे दिया बड़े पीढ़ी थे क्या कर सकते हैं

    Pushpanjali

    July 2, 2024

    Mere wakil ne bhi mere ghar aakr mere case ke liye 30000ru laker.mera kaam nahi kara.ar ab mera phone nhi receive karta hai.

    ramesh kumar jangade

    July 13, 2024

    Chirimiri me sapath aaukt sammar wakil hai jo aaj dinank 13 julai 2024 ko mere ko gali diya mar dunga bola court parisar me dhamki diya chor chamar hai bola lekin court me mai kuch karta to mere ko andar kara dete kyoki court me wakil ka sunte sab wakil ka pach me bolte mai ab kaha sikayate karu

    Sanjna

    July 23, 2024

    Mere vakil ne pese kha liye or kuchh nahi kar raha hai

    Yogesh Kumar

    July 25, 2024

    महोदय:– जी
    नीलकंठ मालवीय वकील हाईकोर्ट बिलासपु
    वकील मेरे काल और व्हाट्सएप मैसेज का कोई जवाब नहि देता बोलता है चेंबर में आओ तो मैं क्या करू राजनादगांव जाता हूं तो चेमबर में 2 घंटे बैठा देता है फल फिर पैसे मांगते है नहि लाया बोलता हूं तो लेके आ बोलता है
    से है और मैं राजनादगांव से 12 km दूर धनगांव ग्रामीण का
    राहेना वाला हूं
    मेरे भाई 302 का केस का सजा काट रहा है लगभग 7 साल हो गए है
    हमारे घर में मां बस है और कोई नहि मैं छोटा वाले लडके हू जो पढ़ाई कर रह हू और मजदूर करता हूं
    अचानक मेरी मां की हार्ट अटैक आने पर मैं कोर्ट गया और वकील से मिला वकील ने बोला बेटा तेरे भाई को 15 दिन में छुड़वा दूंगा करके 1 लाख की बात किया और 25000 एडवांस लिया और बाकी बाद में लेना करके
    फिर वकील 15 दिन के जगह 90 दिन हो गए फिर मुझे डिमांड किया नहि देने पर मेरे केस को अनदेखा कर दिया है
    आप लोग ही बताओ मैं क्या करू
    मेरी मां की अचानक मृत्यु हो गई और बेल में 4 दिन के लिए पैरोल छुट्टी कराया जब मां की कार्यक्रम पुरा शमप्ता होने के बाद मैं अकेला हूं मैं क्या करू अपने आप को देखू की बड़े भाई जेल में है उसे देखू और मेरे मामा लोग जमीन अलग छीन लिया तो क्या करू सर सभी से धोखा खाते आ राहा हूं

    Mahesh kumar pal

    August 21, 2024

    Mujha advocate ki complent karni hai
    Us ne fake agriment bana kar online case Kara hai aur mara 1 check bhi us ke pass tha mujhe cometty ke 40000
    Balence bachh hai
    Aur 700000 ka case dal diya

    PawanKumar Singh

    August 21, 2024

    एक अधिवक्ता जो मेरे विरूद्ध राजस्व से सम्बन्धित लगभग आधा दर्जन मुकदमों में विपक्ष के अधिवक्ता हैं लेकिन मेरे एक मुकदमें में विपक्ष की गैर मौजूदगी में खुद पार्टी बनकर अदालत में लिखित आपत्ति दाखिल किया है जबकि उनको विपक्षी को सूचना देना चाहिए था और विपक्षी के द्वारा आपत्ति दाखिल करना चाहिए था ऐसे में विपक्षी अधिवक्ता के खिलाफ बार काउंसिल में शिकायत करनें पर कार्रवाई होगी?

    Kuldeep Kumar

    August 26, 2024

    Ek case mera bhi hai mere bhai ka accident ho gaya tha truck se mera bhai car chal rha tha taxi accident me death ho gayi uska case Ek sal se chal rha hai us bakil ne ulta case hum per kar diya hai Ab hum Kya Kare 8750233483

    M.k gupta

    October 22, 2024

    Ek admi ne mujh se cash Paisa 5.25 Lakh 3 mahine ke liye liya and guarantee ke roop me mujhe cheque amount 5.25 lakh diya , time pe Maine withdraw Kiya to bounce ho gaya, call karne per na call recieve kar raha ha nahi koi reply de raha hai, vakil ke dwara cour me mai complain v Kiya but aaj tak koi sunwayee v nahi hua vakil bol rahe hai processing me hai one yr pass kar gay complain kiye, jawki wakil mere se 8000 rupee v le liya hai, mujhe ab kya karna chahiye

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