क्या आप जानते हैं कि नकद या वस्तु के रूप में प्राप्त सभी उपहार भारतीय कानून के तहत कर योग्य हैं? उपहार प्राप्त करने वाले व्यक्ति को उपहार प्राप्त करने वाले वर्ष में उस पर कर का भुगतान करना होता है। इस पर 'अन्य स्रोतों से आय' मद के तहत कर लगाया जाता है।

कर लगाने योग्य आय की गणना

आखिरी अपडेट Aug 30, 2022

आपकी आय के आधार पर आयकर विभाग नीचे दी गई श्रेणियों के अनुसार कर लगाता है। इस तरह से की गणना की गई कुल आय को सकल कुल आय कहा जाता है। इस राशि से ही इसकी कटौती की जाती है।

वेतन से होने वाली आय

वेतन से होने वाली आय पर भारत में कर लगता है। जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

• पिछले वर्ष के दौरान करदाता को नियोक्ता (पूर्व नियोक्ता सहित) से देय वेतन। अगर वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, तो भी उस पर कर लगाया जाएगा।

• देय होने से पहले ही पिछले वर्ष के दौरान करदाता को नियोक्ता (पूर्व नियोक्ता सहित) द्वारा भुगतान किया गया वेतन। उदाहरण के लिए, यदि नियोक्ता किसी प्रोजेक्ट के लिए एडवांस में ही वेतन का भुगतान करता है, तो भी उस पर कर लगाया जाएगा।

• पिछले वर्ष के दौरान करदाता को नियोक्ता (पूर्व नियोक्ता सहित) द्वारा भुगतान किया गया कोई बकाया या लंबित वेतन। यह तभी होता है जब इस राशि पर पिछले एक साल में कर नहीं लगाया गया हो।

आपके वेतन में निम्नलिखित ब्रेकअप पर पूरी तरह से कर लगेगा:

मूल वेतन (बेसिक सैलरी) : पूरी तरह से कर योग्य है।
महंगाई भत्ता : पूरी तरह से कर योग्य है।
बोनस, शुल्क या कमीशन: पूरी तरह से कर योग्य है।

पूंजीगत लाभ से आय

एक पूंजीगत संपत्ति होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि, करदाता के पास कोई भी संपत्ति हो, तो उसपर कर लगेगा।

• इसे करदाता द्वारा पिछले वर्ष के दौरान स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

• स्थानांतरण करने पर लाभ होना चाहिए। करदाता द्वारा कौन-कौन से लेनदेन को “हस्तांतरित” (ट्रांसफर्ड) नहीं माना जाता है।

कुछ लेनदेन पर कर नहीं लगता है, जैसे:

• दिवालिया होने पर/ऋणमुक्ति के समय एक कंपनी में शेयरधारकों को संपत्ति का वितरण होने पर।

• अविभाजित हिन्दू परिवार के बंटवारे होने पर पूंजी संपत्ति का वितरण

गृह संपत्ति से आय

गृह संपत्ति जैसे आपका घर, कार्यालय, दुकान, कोई बिल्डिंग या उससे जुड़ी कुछ जमीन जैसे पार्किंग स्थल हो सकती है। आयकर अधिनियम एक वाणिज्यिक और आवासीय संपत्ति के बीच अंतर नहीं करता है। सभी प्रकार की संपत्तियों पर इनकम रिटर्न टैक्स ‘गृह संपत्ति से आय’ के तहत ही लगाया जाता है, जिसमें आपकी संपत्ति भी शामिल है। अगर निम्नलिखित शर्तें पूरी होती हैं, तो ‘गृह संपत्ति से आय’ पर कर लगेगा:

• गृह संपत्ति में कोई भी बिल्डिंग या इससे जुड़ी जमीन होने पर।

• करदाता को संपत्ति का मालिक होने पर।

• करदाता द्वारा चलाए जा रहे व्यवसाय या पेशे के उद्देश्य के लिए गृह संपत्ति का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

व्यापार और व्यवसाय से आय

फर्म या व्यवसाय या पेशे में स्वतंत्र रूप से काम करने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त मेहनताना, बोनस या कमीशन पर, ‘वेतन से आय’ के रूप में कर नहीं लगता है, बल्कि यह ‘व्यापार या व्यवसाय से आय’ के रूप में कर के लिए योग्य होगा। कर के रूप में किसी व्यवसाय या पेशे से होने वाले निम्नलिखित आय पर शुल्क लगेगा:

• किसी विशेष व्यक्ति को देय या प्राप्त कोई मुआवजा या अन्य भुगतान करने पर।

• किसी व्यापार, पेशे या उसके सदस्यों के लिए की गई किसी विशेष सेवा से प्राप्त आय पर, जैसे किसी ठेकेदार द्वारा की गई आय।

• भारत सरकार की किसी भी योजना के तहत निर्यात के लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त या मिलने वाली नकद सहायता (या इसे किसी भी नाम से जाना जाता हो)

• व्यवसाय से लाभ या किसी पेशे को करने से होने वाले किसी भी लाभ का मूल्य।

• ब्याज, वेतन, बोनस, कमीशन या मेहनताना देय या साझेदारी फर्म से साझीदार द्वारा प्राप्त किया गया धन। ये सभी उन आय के कुछ उदाहरण हैं जिन पर कर लगाया जाता है।

अन्य स्रोतों से आय

कोई भी आय जिस किसी भी आमदनी के तहत कर नहीं लगता है, लेकिन जिसे कुल आय से बाहर नहीं किया जाना है, वे सभी आमदनी “अन्य स्रोतों से आय” के तहत कर के लिए योग्य है। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:

• लाभांश

• लॉटरी, वर्ग पहेली, घुड़दौड़ सहित अन्य दौड़, ताश के खेल, जुआ या किसी भी तरह की सट्टेबाजी जीतने से होने वाली आय।

निम्नलिखित धनराशियों को ‘अन्य स्रोतों से आय’ से आमदनी के तहत कर लगाया जाता है, और केवल तभी लगाया जाता है जब उस पर ‘व्यवसाय या पेशे से लाभ और अभिलाभ’ के तहत होने वाली आमदनी पर पहले से कर नहीं लगाया गया हो।

• नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारियों से पीएफ (भविष्य निधि), ई.एस.आई (कर्मचारी राज्य बीमा), सेवानिवृत्ति निधि, आदि के लिए योगदान के रूप में प्राप्त कोई भी धन।

• सिक्यूरिटी पर ब्याज

• करदाता से संबंधित मशीनरी, संयंत्र या फर्नीचर को किराये पर देना और उससे आय कमाना।

• भवनों के साथ संयंत्र, मशीनरी या फर्नीचर किराए पर देना और उससे समग्र आय कमाना।

• कीमैन बीमा पॉलिसी के तहत प्राप्त कोई भी धनराशि (बोनस सहित)।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों की जिम्मेदारी

बैंकों को अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के लिए अनिवार्य रूप से एसएमएस अलर्ट के लिए पंजीकरण करने के लिए कहना चाहिए।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

ग्राहक दायित्व

ग्राहक को किसी तीसरे पक्ष के साथ भुगतान क्रेडेंशियल प्रकट नहीं करना चाहिए। यदि कोई ग्राहक ऐसा करता है तो लापरवाह के कारण देनदारी बढ़ जाएगी।

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए दंड

उपभोक्ता अधिकारों के उल्‍लंघन के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को दंडित करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास होती है।

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

विवाद निपटान तंत्र के रूप में मध्यस्थता

मध्यस्थता एक आउट-ऑफ-कोर्ट समझौता है जहां पार्टियां कार्यवाही के तरीके को तय कर सकती हैं। यह विवादों के शीघ्र निपटारे में मदद करता है।