संविधान फ़ेलोशिप

न्याय प्रणाली को सुलभ बनाना

जनसमुदाय के लिए कानून और कानूनी प्रणाली को सुलभ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, न्याया ने बिहार में अंतिम छोर तक न्याय तक पहुंचने में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए संविधान फेलोशिप शुरू की है।

बिहार के संविधान फेलो से मिले

समस्या

हमारा समाधान: कानूनी जागरूकता पैदा करना और न्याय वितरण प्रणालियों तक बेहतर पहुंच बनाना

संविधान फ़ेलोशिप क्या है?

संविधान  फ़ेलोशिप एक साल की सवेतन फ़ेलोशिप है, जो बिहार के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकीलों को न्याय तक पहुंचने में अंतिम बाधा को दूर करने में सहायता करेगी। इस फ़ेलोशिप की कल्पना न्याया द्वारा की गई है और यह अजीम प्रेमजी परोपकारी पहल द्वारा समर्थित है।

संविधान फ़ेलोशिप के फैलो ऐसे  डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकील होंगे, जिनके पास वकालत का अनुभव और कानूनी जागरूकता कार्यों में रुचि हो। वे न्याया टीम और न्याया के पार्टनर संगठनों के साथ मिलकर लोगों के लिए कार्रवाई योग्य कानूनी जानकारी तैयार करने और प्रसारित करने का काम करेंगे, जिससे विभिन्न भारतीय कानूनों और सरकारी योजनाओं के तहत प्रदान किए गए अधिकारों और पात्रताओं के बारे में जागरूकता पैदा होगी।

फैलो अपने दर्शकों के सभी कानूनी सवालों का जवाब देंगे और उन्हें कानूनी प्रणाली को समझने में सहायता करेंगे, साथ ही अपने अधिकारों को लागू करने में भी मदद करेंगे। फैलो महिलाओं और बच्चों की ओर से कोर्ट में मामले उठाकर और बिहार में उपयुक्त कानूनी मंचों पर उनका प्रतिनिधित्व करके उनकी न्याय प्रणाली में मदद करेंगे

फ़ेलोशिप का विवरण

संविधान फेलो कौन है?

संविधान फेलो की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ क्या हैं?

फेलो के लिए लाभ

लक्षित प्रभाव: कानूनी जागरूकता पैदा करना और लोगों को उनके अधिकारों को लागू करने में मदद करना

अधिक जानकारी के लिए:

किसी भी सवाल के लिए, आप शैली जैन, प्रोग्राम मैनेजर – न्याया हिंदी से shelly@nyaaya.in पर संपर्क कर सकते हैं।

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