वास्तुकार को पेशे के कई कर्तव्य होते हैं, जिनका वह संपादन करता है। इसमें शिष्टाचार बनाए रखना, इमारतों के लिए वास्तु संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करना आदि शामिल हैं।
एक वास्तुकार के सामान्य कर्तव्य
- कर्मचारियों और सहयोगियों को उपयुक्त कार्य वातावरण उपलब्ध कराना, उनको उचित प्रतिफल देना और उनके पेशेवर विकास का मार्ग प्रशस्त करना।
- जब एक वास्तुकार एक या अधिक वास्तुकारों के साथ साझेदारी समझौते में प्रवेश करता है तो तो प्रत्येक भागीदार (पार्टनर) यह सुनिश्चित करेगा कि यह फर्म उप-विनियमन (सब-रेगुलेशन) के प्रावधानों का भी पालन करती है।
- यह सुनिश्चित करे कि उनकी पेशेवर गतिविधियां, पर्यावरण और समाज कल्याण के प्रति उनके सामान्य उत्तरदायित्व की भावना के विरूद्घ न हो।
- उचित तरीके से प्रतिस्पर्धा करना और समग्रता (इन्टेग्रिटी) के उच्च स्तर को बनाए रखना।
ग्राहक के प्रति एक वास्तुकार के कर्तव्य
- वह ग्राहक को अनुबंध के शर्तों को और शुल्क स्तर (स्केल ऑफ चार्जेस) के बारे में बताए और इस बात की सहमति ले कि ये शर्ते नियुक्ति (अपॉइंटमेंट) का आधार बनेगी।
- किसी भी तरह की छूट, कमीशन, उपहार या अन्य प्रलोभन न दें, या न लें।
- एक निर्माण अनुबंध करते समय निष्पक्षता और ईमानदारी का व्यवहार करें।
अपने पेशे के प्रति एक वास्तुकार के कर्तव्य
अपने पेशे के प्रति वास्तुकार के निम्नलिखित कुछ निषेधकारी कर्तव्य हैं:
- एक वास्तुकार द्वारा अपना काम दूसरे को देना, हालांकि कि यह हो सकता है यदि ग्राहक इससे सहमत है।
- दूसरे वास्तुकार को बदलने या अधिक्रमण (सुपरसीड) करने का प्रयास।
- काम पाने या काम को शुरु करने, या कमीशन लेने का प्रस्ताव करना, जिसके लिए वे जानते हैं कि किसी अन्य वास्तुकार को चुन लिया गया है, या नियोजित किया जा चुका है। यह दुराचार है जब तक कि उनके पास यह सबूत नहीं है कि पहले वास्तुकार का चयन, नियुक्ति या अनुबंध को समाप्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें पिछले वास्तुकार को लिखित नोटिस देना होगा।
- पेशेवर सेवाओं का विज्ञापन करना। एक वास्तुकार को अपने नाम को विज्ञापनों में शामिल करने, या अन्य प्रचार के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।